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नगर परिषद् का कूड़ेदान खोल रहा बड़े बड़े वादे का पोल, कागज पर नगर परिषद् का विकाश पर हकीकत कुछ और…

किशनगंज नगर परिषद् का कूड़ेदान खोल रहा बड़े बड़े वादे का पोल,कागज पर नगर परिसद का विकाश पर हकीकत कुछ और…कार्यपालक पदाधिकारी को कोई फर्क नहीं डाट-फटकार का एक कान से सुन दूसरा कान से बाहर…..कब होगा कार्यपालक पदाधिकारी बिनोद कुमार द्वारा काराए गए कार्यो का खुलासा….? आम लोग जानना चाह रहा है,आपको बताते चले की शहरीकरण के बढ़ते होड़ में नगर परिषद क्षेत्र का परिसीमन बढ़ा।इसके साथ ही लोगों की आबादी भी बढ़ी।वर्तमान समय में शहर की आबादी 2.5 लाख है।लेकिन शहर की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे हैं।मुख्य सड़कों सहित गली मुहल्लों की सड़कों पर भी कूड़ा कचरा फैला रहता है।कहने को तो मुहल्लों में नगर परिषद द्वारा कूड़ा कचरा फेंकने के लिए कूड़ेदान भी लगाए हैं लेकिन या तो कूड़ेदान उल्टे हुए मिलते हैं या कहीं कूड़ेदान टूटकर गायब हो चुके हैं। गौर करे की कूड़ा

कचड़ा के लिए डस्टविन जो खरीदा गया था उसमे भारी मात्रा में गबन करने की सुचना है, किन्तु न जांच न ही कोई कारवाई,हालांकि नगर परिषद का दावा है कि शहर में साफ-सफाई प्रतिदिन की जाती है।लेकिन शहर के मुहल्लों में बिखरे कचरे इनके दावों की खुद पोल खोल देती है।कई मुहल्लों की सड़कों पर जहां-तहां कचरा फैले रहने के साथ सड़कों पर नाले का दूषित जल बहता रहता है।कभी-कभी ऐसा लगता है कि नगर परिषद में रह कर नप की सुविधा लोगों को नही मिल पा रही है। नगर परिषद के पास अभी जरूरत के अनुरूप सफाई कर्मी नही हैं।जिसके कारण सफाई कार्य का संचालन समुचित रूप से नही हो पाता है।कहीं-कहीं तो लोग सड़कों के किनारे ही अपने घर का गंदा पानी बहाते रहते हैं नगर परिषद को इसकी सूचना देने पर भी नप वैसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है।ऐसी स्थिति में नगर परिषद की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में आ जाती है।वर्तमान समय में नप द्वारा सफाई कर्मी की कमी से निजात पाने के लिए एनजीओ को टेंडर दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है, गौर करे जब जब कूड़ा कचड़ा का मामला बताये जाने पर अधिकारी यही बात कह-कर अपना पल्ला झार लेते है,वही कोंग्रेस के लोक प्रिय विधायक डॉ.जावेद आजाद,का कहना है की नगर परिषद क्षेत्र के सभी वार्ड में सफाई के लिए नप को सभी जरूरी उपाय करने चाहिए।इसके लिए हमेशा ही शहर की निरीक्षण करता हूँ।साफ़-सफाई
लिए नप के कार्यपालक पदाधिकारी को जरूरी हिदायत भी दे चुका हूं।शहर को स्वच्छ बनाना नप की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहा हूं।वही ग्रामीण कहते है की शहर के सड़कों पर फैला कचड़ा यह दर्शाता है कि नप अपने कार्य के प्रति कितना जिम्मेवार है।जब लोग नगर परिषद को होलडिंग टैक्स देते हैं,तो उन्हें अवश्य ही नगर परिषद की सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए।लेकिन अक्सर ऐसा होता नही है।नगर परिषद क्षेत्र में रहकर भी लगता है कि ग्रामीण क्षेत्र में रह रहा हूं।क्योंकि यहां नप द्वारा सड़क और नाला पिछले पांच साल से नही बनाया गया।यहां के लोगों को मजबूरन अपने घर का गंदा पानी सोखता बनाकर जमीन के अंदर बहाना पड़ता है।अभी भी सफाई के लिए नप को विशेष नीति अपनानी होगी।जिससे कि शहरवासी स्वच्छता के माहौल में अपना जीवन गुजार सकें।इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा।मोहल्ला और बस्ती साफ चाहिए तो नप के साथ लोगों को भी सफाई अभियान में अपना सहयोग देना होगा।वही शेखपुरा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुनील कुमार पर शहर के विभिन्न

चौक चौराहों पर सड़क अतिक्रमण मुक्ति अभियान में लापरवाही बरतने को लेकर शेखपुरा डीएम दिनेश कुमार ने कार्यपालक पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने के साथ-साथ उनके वेतन पर रोक लगा दी है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के मुख्य मार्ग पर टैम्पो का जहां तहां ठहराव होने से,सड़क मार्ग पर ही ठेला भेंडरों द्वारा समानों की बिक्री करने से,सब्जी दुकानदारों द्वारा फुटपाथ को अवरुद्ध कर अपना दूकान चलाते रहने से सड़क जाम की समस्या बनी रहती है,इस समस्या से शहर को निजात दिलाने के लिए पिछले एक महीने से सड़क और फुटपाथ अतिक्रमण मुक्ति अभियान नगर परिषद द्वारा चलाया जा रहा था।इसी बीच इस अभियान में नगर परिषद द्वारा नरमी बरतने के चलते शहर का फुटपाथ और सड़क अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सका,शहर में जाम की समस्या जस की तस बनी रही।इसी को लेकर डीएम ने कार्यपालक पदाधिकारी पर कार्रवाई की है।सूत्रों ने कहा कि सड़क जाम की अद्यतन स्थिति की जांच डीएम ने सदर एसडीओ सुबोध कुमार से वीडियो रिपोर्ट के साथ करवाई,एसडीओ द्वारा डीएम को सौंपे गए वीडियो रिपोर्ट पर डीएम ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुनील कुमार से स्पष्टीकरण पूछने के साथ साथ उनके वेतन निकासी पर भी रोक लगा दी है।

रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह  

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