आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका की मौत का जिम्मेवार है सीडीपीओ शशिकला, कैंडल मार्च निकाल दिया श्रद्धांजलि…
किशनगंज सीडीपीओ की प्रताड़ना से तंग आकर नौकरी छोड़ आत्महत्या करने वाली पल्लवी को न्याय दो।राज्य सरकार इसकी सीबीआइ जांच कर मां का साया सिर से उठ चुके उनके बच्चों को न्याय करे।इसी नारे के साथ गुरूवार शाम को महिला पर्यवेक्षिकाओं ने कैंडल मार्च निकाल कर शोक सभा का आयोजन किया।बिहार राज्य आइसीडीएस संविदा कर्मचारी संघ के बैनत तले अंबेडकर टाउन हॉल के सामने महिला पर्यवेक्षिकाओं ने शोकसभा का आयोजन किया।शोकसभा में मौजूद मृतका की नन्ही बेटी प्राची के समक्ष कर्मियों न्याय
की मांग करते हुए संवेदना व्यक्त की।इस दौरान मुख्य रूप से नीतू कुमारी, वाजदा खातून, राहत जहां, आशा कुमारी, प्रीति कुमारी, श्वेता कुमारी, रूबी कुमारी, स्वीटी कुमारी, रंजू जायसवाल, सुनीता देवी, खैरू निशा व अन्य मौजूद थी।आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका पल्लवी कुमारी की मौत मामले में चर्चा में आई ठाकुरगंज की सीडीपीओ शशिकला सिंह जिलाधिकारी के नाम पत्र लिखकर पांच दिनों की छुट्टी पर चले जाने का मामला सामने आया है।आइसीडीएस के प्रभारी पदाधिकारी प्यारे मांझी ने इस संबंध में बताया कि मुङो जानकारी मिली है कि जिला पदाधिकारी से सीडीपीओ शशिकला ने छुट्टी के लिए आवेदन दिया है।जिसकी सूचनार्थ कॉपी मेरे कार्यालय में भेजा गया है।11 अप्रैल को यानी घटना
के दिन जिलाधिकारी के नाम लिखे पत्र में शशिकला सिंह ने पिताजी की तबीयत खराब होने की जानकारी देते हुए पांच दिनों तक मुख्यालय से बाहर रहने की बात कही गई है।हालांकि पत्र में 10 की जगह ओवर राइट कर 11 लिखा गया है।वहीं इसकी पुष्टि करते हुए आइसीडीएस के प्रभारी पदाधिकारी प्यारे मांझी ने बताया कि सीडीपीओ द्वारा जिलाधिकारी से छुट्टी ली गई है जिसकी सूचनार्थ कॉपी मेरे कार्यालय में मुङो प्राप्त हुआ है।
सिर्फ आज भर अलग सो जा बेटी…पांचवी कक्षा में पढ़नेवाली पुत्री प्राची को क्या पता था कि सिर्फ आज भर अलग सो जा बेटी मां का कहा शब्द उसके लिए आखिरी साबित होगा।मां की तस्वीर को सीने से लगाए घूम रही प्राची कभी तस्वीर को तो कभी सामने खड़े लोगों को देखती।सिसकते हुए प्राची ने बताया कि मां ने मंगलवार की रात अलग कमरे में सुला दी।उससे यह कहा कि हम देखते हैं कि तुम हमसे अलग सो पाती हो कि नहीं।क्योंकि तुम्हें हॉस्टल में डालना है।हॉस्टल में हमसे अलग सोना पड़ेगा।मां की बात मान प्राची मां के साथ न सोकर अलग सो गई।बुधवार की अहले सुबह करीब चार बजे बिजली की कड़क की आवाज से वह डर गई तो वह कमरे से निकल कर मां के कमरे की तरफ भागी।जब कमरे में पहुंची तो वहां का दृश्य देखकर उसके होश उड़ गए। उसने मां को फंदे से लटकता देखने के बाद जोर जोर से चिल्लाना शुरु कर दिया।प्राची के चिल्लाने की आवाज सुनकर नीचे के कमरे में सोई मां दौड़कर ऊपर गई तो बेटी को इस हाल में देख वह खुद बेसुध सी हो गई।घटना के दिन पल्लवी का भाई सचिन भी रुईधासा स्थित अपने आवास पर नहीं था।वह भी घर गया था।पल्लवी का पुत्र अंकित संत जेवियर्स स्कूल में नौंवी कक्षा का छात्र है।वह भी स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था।
मौत को गले लगाने से पूर्व पल्लवी ने चार पन्ने का सुसाइडल नोट छोड़ा है।जिसमें घर के खर्चे से लेकर बच्चों की पढ़ाई,टयूशन फी का ब्यौरा सहित दोनों बच्चों के जन्मदिन मनाने की बातें लिखी गई है।सुसाइडल नोट के एक पन्ने में पल्लवी ने किताबों का जिक्र करते लिखा है कि यह सारी किताबें अंकित को खरीद कर देनी है और मेरे जाने के बाद अंकित एवं प्राची का जन्मदिन जरुर मनाना है।उसने हिसाब में प्राची का ट्यूशन फी देने की बात लिखी है।साथ ही सिमुलतला आवासीय विद्यालय का फार्म प्राची को भरवाकर 25 अप्रैल को परीक्षा दिलाने की बात भी लिखी गई है।पल्लवी ने विभाग का टैबलेट,कवर व फिंगर प्वाइंट सेंसर आईसीडीएस कार्यालय में जमा करवाने को लिखा है।दूसरे पन्ने में उन्होंने पति के प्रताड़ना का जिक्र करते लिखा है कि अजय सिंह से नफरत थी।
और मरते समय भी है।न मैं जीती और न ही आपलोग।अजय सिंह जितनी बार पीटता था उतनी बार सोचती थी काश….अब मैं थक गई हूं ताकत नहीं बची समाज घर से लड़ूं।सिर्फ एक इंसान के कारण सभी मुझसे दूर हो गए।मेरे कारण कितने घर बर्बाद हो रहे थे सभी ने कहा सही ही कहा।अब शायद सब ठीक हो जाएगा।सभी खुश रहना लेकिन मेरे बच्चों की परवरिश अब सबों को देखना है कि अजय कुमार सिंह जो उसके पिता है वो अच्छी से करें।प्राची के स्कूल का एक साल का फीस 20,700 जमा कर चुकी हूं।अब ट्यूशन फी व खाने का खर्चा अजय सिंह को देखना है।अंकित का 31 हजार रु. स्कूल में जमा कर चूकी हूं शेष 48 हजार उसके पिता को जमा करना है।अंत में उसने लिखा है कि हिम्मत जुटाकर जब जब बढ़ने का मैंने प्रयास किया सबों ने टांग खींचकर अपाहिज बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।खैर अब पापा के पास चली।बच्चों का ख्याल रखना,कम से कम मेरे मरने के बाद किसी बेकसूर को परेशान नहीं करना।
किशनगंज में कार्यरत आंगनबाड़ी की महिला पर्यवेक्षिका पल्लवी कुमारी विभाग से तंग होकर नौकरी छोड़ दी थी।इसके बाद गुरुवार को आत्महत्या कर ली।इस मामले को लेकर अररिया की महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा शाम केंडिल मार्च निकाला गया।नेताजी स्टेडियम से चांदनी चौक और वहां से समाहरणालय तक यह मार्च निकाला गया।इस मौके पर अररिया की सभी एलएस मौजूद थीं।केंडिल मार्च के बाद पूरे मामले की सीबीआई जांच कराकर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग एलएस द्वारा की गई।
जिसमें बताया गया कि पल्लवी के सुसाइड नोट में स्पष्ट तौर पर किशनगंज की सीडीपीओ पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है।आत्महत्या का यही कारण है।आक्रोश प्रकट करते हुए सभी एलएस ने बताया कि पिछले कई वर्षों से सीडीपीओ द्वारा एलएस के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा था।जिससे तंग आकर एलएस पल्लवी ने आत्महत्या की है।दोषी सीडीपीओ पर हत्या का मुकदमा चलाना चाहिए।एलएस ने बताया कि हमलोग संविदा कर्मी है।इसके बावजूद विभिन्न प्रकार की कसम हमलोगों से ली जाती है।इस मौके पर एलएस सत्यम कंचन, सदारत खानम, गज़ाला परवीन, ज़रफी, विपुला कुमारी, अर्पणा कुमारी, परमजीत शार्थी, सबा, संगीता, आयशा, चंद्रम, एव मधुलता समेत ज़िले की सभी महिला पर्यवेक्षिकाएं केंडिल मार्च में शामिल हुई।वही कांग्रेस के लोकप्रिय विधायक डा जावेद आजाद ने सरकार एंव जिला प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप’कहा पल्लवी सिंह किशनगंज की बेटी होने के साथ हमारी बहन जैसे भी थी।जल्द से जल्द आरोपी सीडीपीओ का गिरफ्तारी हो नही तो सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरुंगा।
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह