बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम के कार्यकाल के घपले की एक और कड़ी,समन्वयकों की बहाली पर लग सकता है ग्रहण।अभ्यर्थी ऐसे जिन्होंने प्रतियोगता में भाग ही नहीं लिया।अनारक्षित कोटे के पद पर आरक्षित कोटे से चयन कर लिया गया है।बताते चले की पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को बिहार राज्य कर्मचारी आयोग (बीएसएससी) से अनुशंसित 3599 कृषि समन्वयकों के योगदान करने पर रोक लगा दी।यह नियुक्ति बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम के कार्यकाल में हुई थी। नियुक्ति को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।कर्मचारी चयन आयोग ने 3599 समन्वयकों की स्थायी नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की थी।आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में कई गंभीर आरोप लगाते हुए राजीव नयन एवं अन्य असफल अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी।जिस पर न्यायाधीश डा. रविरंजन ने सुनवाई की। अदालत ने सफल अभ्यर्थियों को योगदान कराने पर रोक लगाते हुए कर्मचारी चयन आयोग एवं राज्य सरकार को 23 फरवरी तक अपना-अपना पक्ष रखने को कहा है।याचिका में यह भी बताया गया कि कार्य अनुभव के आधार पर दिए गए अंक में भी गड़बड़ी की गई।हाईकोर्ट के आदेश से एक से दो वर्ष के अनुभव पर 10,दो वर्ष से तीन वर्ष के अनुभव वाले को 20 एवं 3 वर्ष से ज्यादा कार्य अनुभव वाले को 30 अंक देना था।लेकिन इस नियम का भी पालन नहीं हुआ।सुनवाई में वरीय अधिवक्ता यदुवंश गिरि ने कहा कि बड़े पैमाने पर अनियमितता को देखते हुए योगदान कराना सही नहीं होगा।जबकि याचिका के दूसरे वकील दीनू कुमार ने पूरी धांधली की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।