पटना हाइकोर्ट ने एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी से तीन साल से काम लेने के बावजूद वेतन भुगतान नहीं किए जाने पर प्रशासनिक व्यवस्था के प्रति कड़ी नाराजगी जाहिर की है।हाइकोर्ट ने बेगूसराय के जिलाधिकारी को वेतन लेने पर रोक लगाते हुए कहा कि बिना वेतन के डीएम कैसे महसूस करते हैं,यह अहसास उन्हें तब होगा जब उनका वेतन रोक दिया जाए।न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार को नंदकिशोर पंडित की याचिका पर सुनवाई करते हुए 20 जनवरी तक जिलाधिकारी को वेतन लेने पर रोक लगा दी है।इससे पहले हाइकोर्ट ने संबंधित कर्मचारी को वेतन रोके रखने के कारण सरकारी वकील से पूछा तो उन्होंने बताया कि उक्त कर्मचारी के खिलाफ जांच की कार्रवाई चल रही है।स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारी पर मामूली आरोप लगे हैं,लेकिन तीन साल के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है।इस पर अदालत ने कहा कि यदि जांच में कर्मचारी आरोपमुक्त पाया गया तब उसकी भरपाई कौन करेगा ? यह इसी राज्य में होता है कि तीन साल से कर्मचारी पर लगे आरोप की जांच पूरी नहीं हुई है।