स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने एक साथ की आईएएस दीपक आनंद के चार ठिकानों पर छापेमारी, मिली करोड़ों की संपत्ति…
आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में एसवीयू (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) की विशेष टीम ने 2007 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक आनंद के चार ठिकानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया है।इसमें पटना,सीतामढ़ी,कटिहार और गोड्डा (झारखंड) में स्थित स्थान शामिल हैं।अब तक की जांच में करीब तीन करोड़ की अवैध संपत्ति सामने आ चुकी है।यह उनकी वैध आय से करीब 1940 गुणा ज्यादा है।
बिहार में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की टीम ने बुधवार को आइएएस अधिकारी व सारण के पूर्व डीएम दीपक आनंद के सीतामढ़ी में कोट बाजार स्थित आवास पर छापेमारी की।दीपक आनंद पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार,सीतामढ़ी स्थित आवास के अलावा मुजफ्फरपुर,पटना और कटिहार में छापेमारी चल रही है।सीतामढ़ी स्थित आवास पर दीपक आनंद के माता व पिता पद्मशंकर चौधरी से टीम पूछताछ कर रही है।एसवीयू की टीम ने दोपहर एक बजे उनके आवास पर पहुंचकर छापेमारी शुरू की।छापेमारी के दौरान आवास पर किसी भी व्यक्ति को अंदर जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गयी थी।2007 बैच के आइएएस दीपक आनंद के सीतामढ़ी स्थित आवास से जेवरात,नगद व जमीन में निवेश के कागजात मिलने की बात सामने आ रही है।टीम की अगुवाई एसवीयू के आइजी रत्न संजय कटियार कर रहे हैं।छापेमारी दल में शामिल एसवीयू के एक अधिकारी ने बताया कि आनंद के विरुद्ध पब्लिक शिकायत मिली थी।यह भी सूचना प्राप्त हुई थी कि उन्होंने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित कर रखी है।इसको लेकर एसवीयू में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर कोर्ट से सर्च वारंट लेकर दीपक आनंद के विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की गयी है।जेवरात का मूल्य आंकने के लिए ज्वेलरी कारीगर को बुलाया गया है।स्थानीय लोगों ने बताया कि आवास पर दीपक के केवल माता-पिता रहते हैं।वर्तमान में दीपक आनंद पटना के सर्किट हॉउस में रहते थे,वहां भी छापेमारी की गयी।उनके कमरे से 25 लाख के किसान विकास पत्र, 27.50 लाख रुपये पोस्टल विभाग की अलग-अलग स्कीम में निवेश,25 लाख रुपये की ज्वेलरी खरीद के कागजात और अन्य कई महत्वपूर्ण कागजात बरामद किये गये हैं। इसके अलावा सीतामढ़ी के कोर्ट बाजार स्थित उनके पैतृक आवास से करोड़ों रुपये के निवेश और जमीन के कागजात मिले हैं।इसमें पटना के पीएंडएम मॉल में दो दुकानों के कागजात भी शामिल हैं।इसमें एक दुकान का उल्लेख उन्होंने राज्य सरकार को दी गयी अपनी संपत्ति के ब्योरा में भी किया है।आइएएस दीपक आनंद वर्ष 2016 में छपरा के डीएम थे।वर्ष 2017 के जनवरी में पतंग उत्सव के दौरान हुए नाव हादसा के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था।तब से वह वेटिंग फॉर पोस्टिंग में ही चल रहे थे और 10 महीने से ज्यादा समय से वह पटना के सर्किट हॉउस में ही शरण लिये हुए थे।उन्होंने अपने छपरा कार्यकाल के दौरान तत्कालीन एसपी पंकज राज के खिलाफ वहां के नयागांव थाना में बालू के अवैध खनन का मामला दर्ज करवाया था।बाद में यह मामला निगरानी ब्यूरो में ट्रांसफर कर दिया गया।निगरानी की जांच में बालू के अवैध खनन और इसके ट्रांसपोर्टेशन में तत्कालीन डीएम और एसपी दोनों को दोषी पाया गया।निगरानी ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
बिहार के कटिहार जिले में निगरानी विभाग की टीम ने एक आइएएस अधिकारी की पत्नी के कमरे पर छापा मारा।जानकारी के मुताबिक बुधवार को देर शाम आइएएस दीपक आनंद की पत्नी डॉ शिखा रानी के मेडिकल कॉलेज स्थिति आवासीय छात्रावास में बुधवार की शाम छापा मारा गया।इस दौरान आइएएस की पत्नी छात्रावास में नहीं थी।विजिलेंस की टीम आवश्यक दस्तावेज सहित अन्य प्रक्रिया पूरी कर,कमरे को सील कर पटना निकल गयी। विजिलेंस की टीम ने छपरा के पूर्व डीएम दीपक आनंद के सीतामढ़ी स्थित आवास सहित अन्य जगहों पर विजिलेंस एक साथ छापेमारी कर रही थी।बताया जा रहा है,उसी क्रम में विजिलेंस की टीम बुधवार को कटिहार मेडिकल कॉलेज पहुंची तथा कॉलेज परिसर स्थित डीएम दीपक आनंद की पत्नी के आवास पर छापेमारी की।इस क्रम में उनकी पत्नी की अनुपस्थिति विजिलेंस की टीम ने पूरे कमरे को खंगाल कर आवश्यक दस्तावेज सहित अन्य जरूरत के कागजात अपने साथ पटना लेकर गयी।इधर मेडिकल कॉलेज में विजिलेंस की टीम ने घंटों डॉ शिखा रानी के कमरे की तलाशी ली।
डॉ दीपक आनंद 2007 बैच के आइएएस अधिकारी है।उनकी पहली पोस्टिंग एसडीओ बेतिया में हुआ था।उसके बाद वे बांका डीएम व उसके बाद छपरा डीएम के पद पर पदस्थापित थे।फिलहाल वह पंचायती राज निदेशक के रूप में पदस्थापित होने की सूचना प्राप्त हो रही है।आइएएस दीपक आनंद की पत्नी के कटिहार आवास में चोरी को लेकर भी उनका नाम सुर्खियों में रहा था।
आइएएस दीपक आंनद की पत्नी डॉ शिखा रानी पूर्व के वर्ष में कटिहार एसडीओ आवास के निकट एक सरकारी आवास में रह रही थी।आइएएस के प्रभाव के कारण उसे सरकारी क्वार्टर भी मुहैया करा दिया गया था।हालांकि यह बात भी सामने नहीं आ पाती,लेकिन उस आवास में चोरी की बड़ी घटना घट गयी।जिसमें वहां तैनात होमगार्ड के जवान पर ही चोरी का आरोप आया।जिस दौरान पुलिस ने आरोपित होमगार्ड जवान को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की थी।जिस कारण यह मामला सुर्खियों में आया था।घटना के सुर्खियों में आने के कारण अंतत:डीएम की पत्नी को वह आवास छोड़ना पड़ा था और उसके बाद वह मेडिकल कॉलेज में रहने लगी।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दीपक आनंद की पत्नी के कमरे में तलाशी लेने के क्रम में विभाग को महत्वपूर्ण कागजात हाथ लगे हैं।बताया जा रहा है कि दीपक आनंद की संपत्ति में लगातार और बेतहाशा वृद्धि ने आर्थिक अपराध शाखा के भी कान खड़े कर दिये थे।यह भी कहा जा रहा है कि आइएएस की पत्नी को इस बात की भनक लग गयी थी कि विभाग की छापेमारी उनके कमरे में हो सकती है, इसलिए वह वहां से फरार थीं।हालांकि,उसके बावजूद भी विभाग ने छापेमारी कर विशेष कागजातों को जब्त किया और उसे अपने साथ लायी है।उसकी जांच की जा रही है।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर