दिल के मरीजों को लगने वाले स्टेंट को ले कर अस्पतालों और दवा कंपनियों की मनमानी पर सरकार ने और सख्ती कर दी है। इस संबंध में तय की गई अधिकतम खुदरा कीमत से ज्यादा वसूले जाने पर मरीज के रिश्तेदार इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं। यह भी साफ कर दिया गया है कि अस्पताल मरीजों से स्टेंट लगाते समय इस पर कोई मुनाफा नहीं वसूल सकते।राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने लोगों से अपील की है कि अगर स्टेंट की अधिकतम कीमत के आदेश का कहीं भी उल्लंघन हो रहा हो तो वे तुरंत इसकी हेल्पलाइन पर फोन कर शिकायत दर्ज करवाएं।ऐसे मामलों के लिए लोग टोल फ्री नंबर1800111255 पर संपर्क कर सकते हैं।इस फार्मा जन समाधान’ हेल्पलाइन पर लोग स्टेंट की अधिकतम कीमत के संबंध में जानकारी भी हासिल कर सकते हैं।प्राधिकरण ने पिछले दिनों स्टेंट को अनिवार्य औषधि सूची में शामिल कर इसकी कीमत की अधिकतम सीमा तय कर दी है।इसके मुताबिक बेयर मेटल स्टेंट 7,623 रुपये और ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट व बायोरिजोर्बेबल स्टेंट 31,080 रुपये से अधिक में नहीं बेचा जा सकता।दिल के मरीजों के इलाज के नाम पर हो रही प्राइवेट अस्पतालों की खुले आम लूट पर सख्ती बढ़ाते हुए प्राधिकरण ने अब यह भी साफ कर दिया है कि कोई भी अस्पताल, नर्सिग होम या क्लीनिक स्टेंट लगाते समय इस पर अलग से अपना मुनाफा नहीं जोड़ सकता।अब तक अस्पताल वाले इस पर भरपूर मुनाफा वसूलते थे।अधिकतम कीमत तय करने के बाद इसके लिए अस्पताल कई तरह के पैंतरे अपनाने में जुट गए हैं।ऐसे में प्राधिकरण ने अस्पताल को निर्देश दिया है कि अपने बिल में वे इन स्टेंट की कीमत बिल्कुल अलग से लिखें।साथ ही इस पर किसी भी तरह का मुनाफा नहीं जोड़ें। प्राधिकरण ने स्टेंट सप्लाई करने वाली दवा कंपनियों के प्रतिनिधि से मुलाकात कर यह भी कहा है कि बाजार में किसी भी कीमत पर वे इसकी कमी नहीं होने दें।