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सीएम ने जताई पूरे प्रदेश में बड़े घोटाले की आशंका…सुमो ने कहा-नहीं बख्शे जाएंगे आरोपी…

भागलपुर में सरकारी राशि घोटाले की परत लगातार खुल रही है।यह आंकड़ा तीन सौ करोड़ के पार बताया जा रहा है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी स्वीकार किया कि न जाने बिहार में कहां-कहां से घोटालेबाज आ गए हैं।इस तरह के घोटाले पूरे राज्य में हुए हैं।जांच शुरू हो गई है।कोई बचकर नहीं जा पाएगा।शहर में नगर विकास योजना,भू-अर्जन और नजारत से 300 करोड़ घोटाला मामले की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और वित्त विभाग की टीम ने शुरू कर दी है।ईओयू के आइजी जितेंद्र सिंह गंगवार के नेतृत्व में एएसपी सुशील कुमार के साथ जांच टीम बुधवार को चार्टर विमान से पटना से भागलपुर पहुंची।हालांकि,इस मामले में आज दो अलग-अलग एफआइआर दर्ज की गई हैं।भू-अर्जन के करोड़ रुपये को कारोबार में लगाए जाने की बात सामने आ रही है।भू-अर्जन विभाग का खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में था।सरकार इस राशि को बैंक में भेजती थी।लेकिन इस राशि को सृजन महिला के खाते में जमा कर दिया जाता था।अभी तक की जांच में पता चला है कि करीब करोड़ भू-अर्जन विभाग के खाते से निकले हैं।करोड़ मुख्यमंत्री नगर विकास योजना और करोड़ नजारत से निकाले गए हैं।मंगलवार को तिलकामांझी थाने में नजारत से निकली राशि को ले मुकदमा किया गया था।बुधवार को भू-अर्जन विभाग के खाते से राशि निकासी के मुद्दे पर मुकदमा किया गया।सारे कागजात खंगाले जा रहे हैं।जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर के मुद्दे पर एसएसपी ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है।धीरे-धीरे इस खेल में शामिल लोगों के नाम भी उजागर होंगे।उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।करोड़ निकाले गए भू-अर्जन विभाग के खाते सेकरोड़ रुपये निकाले गए मुख्यमंत्री नगर विकास योजना सेकरोड़ रुपये निकाले गए नजारत से तीन सरकारी खातों में पैसे हुए थे ट्रांसफर जिला प्रशासन के तीन सरकारी बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे।बाद में इस सरकारी राशि को सृजन महिला नामक एक गैर सरकारी संगठन के छह बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।इस संस्था का संचालन मनोरमा देवी करती थीं।इस मामले में आश्यर्चजनक पहलू यह कि वर्ष 2008-09 से चल रहे इस खेल में सरकार के स्तर से जितने भी चेक बैंक को सौंपे गए,उन सभी चेक का भुगतान विगत फरवरी माह तक होता रहा।फरवरी में मनोरमा देवी की मृत्यु के बाद जब बैंक ने सरकार के स्तर से जारी किए जा रहे चेक का भुगतान बंद कर दिया तब यह मामला सामने आया।एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।ईओयू की टीम सृजन महिला समिति नामक एनजीओ की वर्तमान संचालक सरिता झा समेत कई अन्य महिलाओं से इस घोटाले के संबंध में पूछताछ कर रही है।साथ ही इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर व अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को आशंका जताई कि भागलपुर में हुआ घोटाला ढाई सौ करोड़ रुपये से अधिक का है और अन्य जिलों में भी ऐसा घोटाला होने की आशंका है।नीतीश ने अफसोस जताया कि बिहार में बहुत घोटालेबाज हो गए हैं।पता नहीं ये घोटालेबाज कहां-कहां से आ गए हैं ? पृथ्वी दिवस के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का संकेत दिए।मामले को बड़ा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन अधिग्रहण के मद में राज्य सरकार द्वारा जारी पैसे को फर्जी तरीके से एक कारोबार में लगाया गया है।अभी सिर्फ एक जिले का खुलासा हुआ है।जांच जारी है।पूरे प्रदेश में इस तरह से फर्जीवाड़े की आशंका जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आंकड़ा बहुत आगे जा सकता है।हालांकि,उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया,लेकिन कहा कि जल्द ही वह पूरे मामले से पर्दा उठाएंगे और बताएंगे कि कैसे फर्जीवाड़ा किया गया…..इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में जितना भी जमीन घोटाला हुआ है उसके लिए सुशील मोदी जिम्मेदार हैं।लालू के इस बायन पर पलटवार करते हुए सुशील मोदी ने कहा ‘इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा उसे किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा।उधर चारा घोटाले का मामले में रांची पहुंचे लालू यादव ने कहा कि सुशील मोदी वित्त मंत्री रहते हुए यह घोटाला करवाए हैं।उन्होंने सृजन नामक संस्था के माध्यम से घोटाला किया है।लालू प्रसाद यहीं नहीं रुके उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला किया और इस घोटाले में उनकी भी संलिप्तता की बात कही।लालू प्रसाद ने कहा है कि बिहार में यह जमीन घोटाला पशुपालन घोटाले से भी कई गुणा बड़ा है।उन्होंने कहा कि राजद के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है।बालू खनन मामले में बिना मतलब के भाई वीरेंद्र को फंसाया जा रहा है।

बिहार के भागलपुर में हुए 295 करोड़ रूपये के घोटाले का सच आने के बाद प्रशासन की कार्रवाई शुरू हो गई है।सीएम के आदेश के बाद बुधवार को ही पांच अधिकारियों का दल भागलपुर पहुंचा तो गुरूवार को कई बैंकों में छापे पड़े.मामले की जांच को बनायी गई कमिटी और सरकारी राशि की फर्जी निकासी मामले को गठित एसआईटी की टीम ने भगत सिंह चौक स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा और पटेल बाबू रोड स्थित इंडियन बैंक में छापेमारी की और मामले से जुड़े कई दस्तावेजों को खंगाला।इससे पहले सुबह से ही पुलिस की अलग-अलग टीम सबौर स्थित सृजन महिला विकास सहयोग समिति के कार्यालय सहित तिलकामांझी,त्रिमूर्ति चौक और खलीफाबाग के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।कई दस्तावेजों के पुलिस के हाथ लगने की बात कही जा रही है लेकिन मामले को लेकर पुलिस कुछ भी बताने से परहेज कर रही है।शहर में नगर विकास योजना,भू-अर्जन और नजारत से निकाले गए 300 करोड़ की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और वित्त विभाग की टीम ने शुरू कर रही है।ईओयू के आइजी जितेंद्र सिंह गंगवार के नेतृत्व में एएसपी सुशील कुमार भी मामले की जांच कर रहे हैं।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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