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सीएम नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी के सामने डीएम संजय अग्रवाल,डीआइजी शालीन,एवं एसएसपी मनु महाराज का तारीफ़ की…।

गुरु गोविंद सिंह महाराज जी के 350वें प्रकाशोत्सव के बेहतर और सफल आयोजन को लेकर पूरे विश्व में बिहार की खूब तारीफ़ हुई।सबने यहां के लोगों द्वारा खास मेहमान नवाजी को काफी सराहा।यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बिहार के सीएम नीतीश कुमार को इस बेहतर आयोजन के लिए दिल से बधाई दी।लेकिन,इनसे बढ़कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रकाशोत्सव की तैयारी में दिन-रात काम करनेवाले अपने रियल हीरोज और उनकी टीम के बेहतर काम को लेकर पीएम के सामने उनकी प्रशंसा की।नीतीश कुमार ने अपने प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों पटना डीएम संजय अग्रवाल,डीआइजी शालीन और एसएसपी मनु महराज की जमकर तारीफ़ की और कहा कि इनकी मेहनत के बारे में क्या बोलूं,इन्होंने तो सिख श्रद्धालुओं की मदद के लिए पंजाबी तक सीख ली,मुख्यमंत्री ने प्रकाशोत्सव के खत्म होने के बाद डीएम संजय अग्रवाल, डीआइजी शालीन, एसएसपी शालीन समेत प्रकाशोत्सव में बेहतर कार्य करनेवाले अधिकारियों को सम्मानित किया।

वही पटना के डीएम संजय अग्रवाल ने पटना वासियों से अपील किया कि पटना अपना है,अतिथि आएंगे और चले भी जाएंगे,लेकिन हम यहीं रहेंगे।इसलिए हमें अपने पटना को स्वच्छ,साफ़-सुथरा,हरा-भरा और बिजली से प्रकाशित बनाए रखना है।प्रकाशोत्सव के दौरान शहर को साफ़-सुथरा देख कर यहां के लोगों की मानसिकता भी बदली है।अब लोग सड़क पर कचरा नहीं फेंकते हैं।वे उसे सही जगह पर डस्टबिन में ही डालते हैं।मैं पटना के लोगों से अपील करता हूं कि वे आगे भी इस नियम को बनाए रखें,प्रशासन के कर्मचारी भी इसी तरह शहर हो साफ़ और सुंदर बनाये रखने के लिए काम करते रहेंगे,मैं सभी पटना वासियों से अपील करता हूं कि पटना अपना है।अतिथि आएंगे और चले भी जाएंगे,लेकिन हम यहीं रहेंगे।इसलिए हमें अपने पटना को स्वच्छ,साफ़-सुथरा,हरा-भरा और बिजली से प्रकाशित बनाए रखना है।प्रकाशोत्सव के दौरान शहर को साफ़-सुथरा देख कर यहां के लोगों की मानसिकता भी बदली है।अब लोग सड़क पर कचरा नहीं फेंकते हैं।वे उसे सही जगह पर डस्टबिन में ही डालते हैं।मैं पटना के लोगों से अपील करता हूं कि वे आगे भी इस नियम को बनाए रखें।प्रशासन के कर्मचारी भी इसी तरह शहर हो साफ़ और सुंदर बनाये रखने के लिए काम करते रहेंगे।पटना डीएम संजय अग्रवाल ने लाइव सिटीज की टीम से खास बातचीत में बताया कि उन्होंने इस आयोजन को एक चुनौती के तौर पर लिया था।यह उनके साथ-साथ बिहार के हर व्यक्ति के लिए गौरव के लिए बात थी।वे पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से इसकी तैयारियों में जुटे थे।उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से वे फील्ड में ही लगातार घूम-घूम कर प्रकाशोत्सव की तैयारियों को देख रहे थे।प्रकाशोत्सव की तैयारियों के कारण वे डीएम ऑफिस तक में भी ठीक से नहीं बैठ पा रहे थे।अब जब प्रकाशोत्सव खत्म हुआ,तो वे अपना ऑफिस का बदला रूप देखकर कर हैरान रह गये।दरअसल पटना समाहरणालय परिसर का रंग-रोगन हो गया था।पूरे ऑफिस के लुक चेंज हो गये थे।डीएम संजय अग्रवाल ने प्रकाशोत्सव की तैयारियों के दौरान का अनुभव बताते हुए कहा कि तैयारियों के दौरान कई ऐसे घर देखने को मिला,जहां 30-35 वर्षों से रंग-रोगन तक नहीं किया गया था।लेकिन,प्रकाशोत्सव का नाम लेकर जब उनसे जिला प्रशासन की टीम ने अपील की,तो उन्होंने खुद अपना घर पेंट करवाया।डीएम अग्रवाल ने बताया कि जिस तरह से प्रकाशोत्सव का सफल आयोजन कराया गया और यहां की तैयारियों की देश-विदेश तक चर्चा हुई।इससे बिहार एक ब्रांड के रूप में सबके सामने आया है।आनेवाले दिनों में हमें बिहार की इस छवि को और उपर लेकर जाना है।अब 21 जनवरी को शराबबंदी को लेकर होनेवाली सबसे बड़ी मानव श्रृंखला की तैयारी करनी है। यह भी एक बड़ा चैलेंज है।साथ ही 26 जनवरी को लेकर भी बेहतर इंतजाम कराना है।गणतंत्र दिवस की तैयारियों को लेकर चार दिनों के बाद बैठक की जाएगी।

वही डीआइजी शालीन बन गए थे पटना पुलिस के पंजाबी प्रतिनिधि,बताते चले की प्रकाशोत्सव के दौरान बिहार पुलिस को पंजाब की सभ्यता-संस्कृति समझने में खासी दिक्कत हो सकती थी।पंजाबियों के व्यवहार वगैरह और उनके हाव-भाव भी पुलिस के लिए नए थे।लेकिन,पुलिस टीम के पास अपने में से एक ऐसा शख्स थे,जो ये सारी बारीकियां बखूबी समझता थे।जी हां,हम बात कर रहे हैं डीआइजी शालीन की।बताते चले की शालीन खुद पंजाब से हैं,इसीलिए उन्हें सबकुछ पता था।प्रकाशोत्सव की रूपरेखा बनाने से लेकर हर कार्यक्रम तक में शालीन की महती भूमिका रही।समय-समय पर इन्होंने बिहार पुलिस के कर्मियों को ट्रेंड भी किया।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के दौरान जब सीएम नीतीश कुमार डीएम संजय अग्रवाल और एसएसपी मनु महाराज की तारीफ कर रहे थे,तो उनमें सबसे पहला नाम डीआइजी शालीन का ही था,बाकियों को तो पंजाबी सीखनी पड़ी,लेकिन शालीन को तो पहले से सब पता था।आयोजन समाप्त हो जाने के बाद शनिवार को तख्त हरमंदिर साहिब पटना गुरुद्वारा कमेटी ने उन्हें सिरोपा और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

वही पटना एसएसपी मनु महाराज को कौन नहीं जनता…मनु महराज मतलब दिन और रात सब बराबर यदि यह कहें कि पूरे प्रकाशोत्सव के दौरान सबसे एक्टिव कौन रहा और सबसे बड़ी जिम्मेदारी किनकी थी,तो पहला नाम आएगा पटना के पुलिस कप्तान मनु महाराज का।दिन हो या रात मनु महाराज हमेशा एक्टिव थे।कभी सीएम के साथ मीटिंग तो कभी डीएम के साथ मिटिंग।पीएम के सुरक्षा की जिम्मेदारी हो या श्रद्धालुओं के साथ अच्छे बरताव की।मनु महाराज हर जगह उपस्थित थे।सबसे खास बात कि मनु महाराज ने पुलिस के जवानों को जो पाठ पढ़ाया,वो उनके लिए हमेशा का हो गया।जवानों के खाने-पीने का प्रबंध हो या मीडिया कर्मियों की असुविधाएं,मनु महाराज सबकी खबर रखते थे।सबको याद होनी चाहिए वो रात जब प्रकाशोत्सव शुरू होनेवाला था।कड़ाके की ठंड के बीच घने कोहरे में शहर की सुरक्षा की पड़ताल के लिए मनु महाराज अपनी पूरी टीम के साथ ही बाइक से निकल गए।पूरे प्रकाशोत्सव के दौरान किसी भी पुलिस कर्मी की अभद्रता की खबर सामने नहीं आयी,और इसकी वजह थे मनु महाराज,उन्होंने हमेशा ही यह जोर दिया कि यह बिहार की गरिमा का सवाल है।जवानों से यहां तक कह दिया कि आपके लिए ऐसा मौका दोबारा नहीं मिल पाए।मनु महाराज की एक्टिवनेस के कायल डीजीपी पीके ठाकुर,डीआइजी शालीन से लेकर सीएम नीतीश कुमार भी हैं।बकौल मनु महाराज,ड्यूटीफुल होना सबसे बड़ी ड्यूटी है।मैंने हमेशा यही कोशिश की कि पुलिस एक्टिव रहे।हम सब अपनी ड्यूटी निभा रहे थे।हमारी जिम्मेदारी सबको सुरक्षा प्रदान करने की थी।

रिपोर्ट-टीम केवल सच 

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