सीआरपीएफ के 40 और पुलिस के 20 जवान पथराव से हुए घायल, सिक्युरिटी फोर्सेस को भड़काने की कई कोशिशें, व्हाट्स एप और फेसबुक पर ग्रुप्स और अकाउंट्स की मॉनीटरिंग की जा रही, आतंकियों की फायरिंग में मेजर सतीश दहिया के सीने में गोली लगी थी और वे शहीद हो गए…
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने गुरुवार को कहा कि एनकाउंटर वाली जगहों पर आकर सिक्युरिटी फोर्सेस पर पथराव करने वाले युवा सुसाइड कर रहे हैं।उन्होंने कहा, गोली को ये नहीं पता होता कि उसके सामने कौन है, वो किसे लगेगी। बतादें कि सोमवार को बड़गाम में एनकाउंटर के दौरान लोकल लोगों ने प्रोटेस्ट कर दिया था और इस दौरान जवानों पर भी जमकर पथराव किया गया।वैद ने कहा,एनकाउंटर के दौरान सिक्युरिटी फोर्सेस भी गाड़ियों और मकानों का कवर लेती हैं।ऐसे में एनकाउंटर साइट पर आना युवाओं के लिए सुसाइड करने जैसा है।दूसरी ओर से सिक्युरिटी फोर्सेस को भड़काने की कई कोशिशें की जा रही हैं।युवाओं को बहकाया जा रहा है और उन्हें एनकाउंटर वाली जगहों पर प्रोटेस्ट और पत्थरबाजी के लिए भेजा जा रहा है, बहकावे और उकसावे के बावजूद हम नुकसान और जनहानि को कम करने में कामयाब रहे हैं।वैद ने अपील की, युवा एनकाउंटर वाली जगहों से दूर रहें और उस दौरान घरों में ही रहें।घाटी में अमन न चाहने वाले कुछ लोग अपने थोड़े से सियासी फायदे के लिए युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।वैद ने कहा,मैं कहूंगा कि घाटी और देश में अशांति फैलाने वाले लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। जब कहीं कोई एनकाउंटर शुरू होता है, तो वो करीब 300 व्हाट्सएप ग्रुप एक्टिव
कर देते हैं। इन व्हाट्सएप ग्रुप्स में हर एक में 250 के आसपास मेंबर्स होते हैं।इसके अलावा फेसबुक जैसी दूसरी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी युवाओं को भड़काया जाता है।उनसे कहा जाता है कि एनकाउंटर वाली जगह पर जाएं, सिक्युरिटी फोर्सेस पर पथराव करें, ताकि आतंकवादी फायदा उठाकर भाग सकें।वैद ने कहा,ऐसे कुछ एकाउंट्स को बॉर्डर के उस पार भी ट्रेस किया गया है।व्हाट्स एप और फेसबुक पर ग्रुप्स और अकाउंट्स की मॉनीटरिंग की जा रही है।उन लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा,जो इन्हें यहां से ऑपरेट कर रहे हैं।दो दिन पहले जो लोग मारे गए,जरा उनके भाई, बहन और माता-पिता के बारे में सोचिए।लोग 10 दिन बाद मारे गए लोगों को भूल जाते हैं, परिवार को ही सारा दुख झेलना पड़ता है।हम सब अपनी जॉब कर रहे हैं।आपको बताते चले की सोमवार को बड़गाम में एनकाउंटर के दौरान 10 घंटे चला था।इसमें आतंकी मारा गया।वहीं, एक जवान गोली लगने से जख्मी हो गया।सिक्युरिटी फोर्सेस जब एनकाउंटर कर रहे थे, तभी बड़ी तादाद में लोकल लोगों ने प्रोटेस्ट कर दिया।उन्होंने जवानों पर जमकर पथराव किया।इस पथराव में 60 जवान घायल हो गए।इनमें सीआरपीएफ के 40 और पुलिस के 20 जवान शामिल थे।फोर्सेस पर
पथराव कर रही भीड़ में कई यूथ भी शामिल थे।हालात को संभालने के लिए फोर्स को फायरिंग करनी पड़ी।जाहिद रशीद, कैसर और इश्फाक अहमद वानी की मौत हो गई।जाहिद रशीद को गले में बुलेट लगी थी।वहीं, कैसर गनई भी पैलेट गन से जख्मी हुआ था।बाद में हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई।इस दौरान बड़गाम इलाके में बाजार बंद रहा।मालुम हो की आर्मी चीफ बिपिन रावत ने फरवरी में कहा था कि एनकाउंटर के दौरान मिलिट्री ऑपरेशन में अड़ंगा डालने वाले आतंकियों के हमदर्द हैं और उन्हें उसी तरह से ट्रीट किया जाएगा।एनकाउंटर के दौरान बाधा पहुंचाने वालों पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।उन्होंने कहा था कि अगर लोग ISIS और पाकिस्तान के झंडे दिखाकर आतंकवाद का ही साथ देंगे, तो हम उन्हें बख्शेंगे नहीं।ऐसे लोगों को एंटी-नेशनल माना जाएगा और उसी तरह ट्रीट किया जाएगा।14 फरवरी को बॉर्डर से करीब 20 किलोमीटर अंदर हंदवाड़ा में पुरानी खंडहर हवेली में छिपे तीन आतंकियों का एनकाउंटर हुआ था।इसी दौरान लोकल लोगों ने सिक्युरिटी फोर्सेस की टीम पर पथराव कर दिया था।भीड़ की आड़ लेकर आतंकियों ने सेना पर गोलीबारी कर दी थी।पथराव की आड़ में हुई आतंकियों की फायरिंग में मेजर सतीश दहिया के सीने में गोली लगी थी और वे शहीद हो गए थे।