ब्रेकिंग न्यूज़

शबनम से दामिनी बनी हिम्मती महिला,बेटे का नाम रखा ओम…

इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म ग्रहण करनेवाली दामिनी ने नए साल के पहले दिन अपने घर में गणेश व लक्ष्मी के मंदिर की स्थापना की है।शुक्रवार को आर्य समाज मंदिर में हवन के बाद शबनम से दामिनी बनी हिम्मती महिला ने हिंदू धर्म को व्यवहार में भी अपना लिया है।दामिनी की मदद करनेवाले जय शिवसेना संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित आर्यन ने 31 दिसंबर को उससे पूछा था कि अपने इस भाई से नए साल पर उसे क्या उपहार चाहिए।इस पर दामिनी ने गणेश और लक्ष्मी की तस्वीर की इच्छा जाहिर की थी।अमित ने शनिवार रात को ही तस्वीर उसे दे दी।रविवार को साल के पहले दिन सुबह के समय दामिनी ने अपने घर में मंदिर की स्थापना की।देशी घी का दीप व धूपबत्ती जलाकर उसने आरती भी पढ़ी।अमित की तरफ से दिए गए नए कपड़े उसने दिन में अपने बच्चे को पहनाए और शाम को कुछ खास व्यंजन बनाकर टीवी देखते हुए नया साल मनाया।अमित के अनुसार रात आठ बजे फोन पर हुई बातचीत में दामिनी ने बताया कि अपने नए जीवन से वह बहुत प्रसन्न है।अमित आर्यन ने बताया कि दामिनी उनके संगठन के माध्यम से वह समाज में पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए काम करेंगी।अमित के अनुसार पहली मुलाकात में ही उन्हें लग गया था कि यह बहुत हिम्मत वाली महिला है मगर अब लग रहा है कि दामिनी उनकी उम्मीदों से भी ज्यादा हिम्मत वाली है।अमित ने बताया कि उन्होंने कभी उससे हिंदू धर्म अपनाने के लिए नहीं कहा।घुटन हद से ज्यादा बढ़ जाने पर उसने ही हिंदू बन जाने की इच्छा जाहिर की और कदम-कदम पर अपने मजबूत हौंसले का प्रमाण दिया।इतना बड़ा कदम उठाने के बाद आपको या दामिनी क्या अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं हैं,क्या आपने प्रशासन से सुरक्षा मांगी है।इस पर अमित आर्यन का कहना है कि उन्हें और दामिनी,दोनों को ही प्रशासन पर भरोसा नहीं है।अमित के अनुसार दामिनी की सुरक्षा का दायित्व उनका है और उनकी सुरक्षा भोले बाबा कर रहे हैं।रविवार को साल के पहले दिन सुबह के समय दामिनी ने अपने घर में मंदिर की स्थापना की।देशी घी का दीप व धूपबत्ती जलाकर उसने आरती भी पढ़ी।दामिनी का कहना है कि तीन तलाक,इद्दत व शरीयत के कानून का डर दिखाकर मुस्लिम समाज में महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है।मैंने दस साल तक यह जुल्म सहा है।मैंने दस महीने की बेटी को आंखों के सामने मरते हुए देखा है।मैं तिल-तिल कर रोज मरती रही।मैं अब शबनम नहीं दामिनी बनकर मुस्लिम समाज में व्याप्त कुरीतियों के बारे जीवन समर्पित कर दूंगी।यह बातें पत्रकारों से वार्ता के दौरान हिंदू धर्म अपनाने वाली महिला ने कहीं।

दामिनी ने बताया कि पति द्वारा तीन तलाक देने के बाद चार माह इद्दत में बिताए।उसके बाद दूसरे मर्द के साथ हलाला के नाम पर वेश्यावृति कराई।हर बात पर पिटाई और गालियों की बौछार सहना मेरी नियति बन गई थी।अब मैं उससे आजाद हूं।मैं समाज में नरक भोग रही ऐसी महिलाओं के लिए लड़ूंगी।दामिनी ने अपने ऊपर हुए एक-एक अत्याचार की कहानी बताई।उसने बताया कि जब वह 8वीं में थी,तभी रिश्ते के एक युवक से उसका निकाह करा दिया गया।इसके बाद जल्दी जल्दी बच्चे पैदा करने के लिए कहा गया।दस साल में ही चार बच्चे हो गए।पहली बेटी को 2007 में पति ने पीट-पीटकर मार डाला।उसे हवा में ऊपर उछाल कर पटकता था।मेरे मना करने पर मुझे मारता-पीटता था।कई बार तलाक की धमकी देता था।दो बेटे मेरे और हैं।उन्हें उसने अपने पास रखा हुआ है।न जाने कैसे होंगे मेरे बच्चे।2014 में मुझे तीन तलाक देकर निकाल दिया।दो साल तक मैं दर-बदर भटकती रही।मुझे मेरे मां बाप का भी सहारा नहीं मिला।मेरी प्रशासन ने भी नहीं सुनी।मुझे कुछ महीने पूर्व जय शिवसेना के लोग मिले।शुक्रवार की शाम मैंने स्वेच्छा से वैदिक रीति से हिंदू धर्म अपना लिया।मेरे पास दस माह का बेटा है।इसका नाम अब ओम रखा गया है।इस मौके पर मौजूद जय शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित आर्यन ने बताया कि महिला ने उनसे हिंदू धर्म अपनाने की इच्छा जाहिर की।महिला के ऊपर हुए अत्याचार से मुझे हमदर्दी हुई और मैने शुक्रवार को वैदिक रीति से आर्य समाज के शास्त्री द्वारा मंत्रोच्चारण व विधिविधान से हवन करा हिंदू धर्म ग्रहण करा दिया है।महिला को बहन बनाकर उसकी मदद की जाएगी।उसे जय शिवसेना संगठन में प्रचार का काम दिया जाएगा।दामिनी टेलरिंग च बुटीक का काम जानती है उसके लिए बुटीक खुलवाया जाएगा।

Riport-news Ripoter

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button