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योगी होंगे यूपी के सीएम, जीत की ख़ुशी और योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाये जाने पर यूपी में जश्न…

यूपी में सात दिन का सस्पेंस खत्म हुआ।बीजेपी के फायरब्रांड लीडर और हिंदू हार्डलाइनर इमेज वाले योगी आदित्यनाथ (44) यूपी के अगले के सीएम होंगे। वो कल दोपहर 2. 15 बजे सीएम पोस्ट की शपथ लेंगे। इस दौरान नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी मौजद रहेंगे। बीजेपी विधायक दल की लखनऊ में शनिवार शाम हुई मीटिंग में योगी के नाम पर मुहर लगी। आदित्यनाथ यूपी के पहले और बीजेपी के दूसरे भगवाधारी सीएम होंगे। योगी से पहले उमा भारती एमपी की सीएम रह चुकी हैं। विधायक दल की बैठक के बाद केशव मौर्य ने कहा कि सीएम के अलावा दो डिप्टी सीएम होंगे।ऐसा पहली बार है जब यूपी में दो डिप्टी सीएम शपथ लेंगे।वेंकैया ने कहा,पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में मुझे यूपी में पर्यवेक्षक बनाया गया।विधायकों और मंत्रियों से यूपी में बातचीत की।सीनियर लीडर्स से भी चर्चा की गई।विधायक दल की बैठक में सुरेश खन्ना ने आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा।दूसरों से भी पूछा गया कि क्या किसी और के नाम का प्रस्ताव रखना

चाहता है।लेकिन, योगी जी का नाम सामने आते ही सभी ने खड़े होकर प्रस्ताव का समर्थन किया,योगी जी ने कहा कि यूपी बड़ा प्रदेश है, इसलिए मुझे दो सहयोगियों की जरूरत होगी।अमित शाह जी से बात करने के बाद पार्टी ने तय किया कि योगी जी को सहयोग देने के लिए केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा।शपथ ग्रहण में सभी संसदीय बोर्ड के साथियों को बुलाया जाएगा।बीजेपी के सभी सीएम को बुलाया जाएगा।सहयोगी दलों के सीएम भी आएंगे।चंद्राबाबू नायडू, मणिपुर और जम्मू-कश्मीर के सीएम भी आएंगे।हम राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं।ये बीजेपी की ऐतिहासिक जीत है।ये बहुमत करप्शन, कास्ट पॉलिटिक्स, रिलीजन पॉलिटिक्स के खिलाफ मिला है और हमें विकास के लिए वोट मिला है।बीजेपी आम आदमी की पार्टी है।

04:00 PM-इस बीच अमेठी की रानी और संजय सिंह की पत्नी गरिमा सिंह लोकभवन पहुंची हैं।यहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्री बनने की कोई लालसा नहीं है।पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी,उसे अच्छे से निभाऊंगी।बता दें कि गरिमा सिंह ने अमेठी से सपा के कद्दावर नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति को हराया था।

04:15 PM-पहली बार विधानसभा पहुंचे बीजेपी विधायक विधानभवन को आश्चर्य भरी नजरों से देख रहे हैं। कई विधायकों ने वहां सेल्फी ली। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के कुल 325 विधायकों में से सिर्फ 10 से 12 विधायक पुराने हैं, जो बीजेपी विधानमंडल दल के पुराने ऑफिस में बैठे हैं।

04:20 PM-कई नए विधायकों को सचिवालय के सुरक्षाकर्मियों ने अंदर जाने से भी रोक दिया। इन विधायकों को पता नहीं था क‍ि मीटिंग कहां होनी है।

04:30 PM-लखनऊ के कई जगह होर्डिंग्स नजर आ रहे हैं। राजनाथ स‍िंह, केशव प्रसाद मौर्या, स्वतंत्र देव सिंह, दिनेश शर्मा, मनोज सिन्हा, योगी आदित्यनाथ को सीएम के चेहरे के तौर पर दिखाते हुए बीजेपी की जीत पर बधाई दी गई है।

04:45 PM-मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि सीएम पद की रेस में मनोज सिन्हा पीछे हो गए हैं। अभी योगी आदित्यनाथ का नाम सबसे आगे चल रहा है।

04:46 PM-लखनऊ में योगी आदित्यनाथ की वेंकैया नायडू के साथ बंद कमरे में मीटिंग हुई।
04:50 PM-सुबह तक सीएम पद की रेस में आगे रहे मनोज सिन्हा वाराणसी से लखनऊ नहीं पहुंचे। उनके दिल्ली ही लौट जाने की खबर आई।
05:05 PM-लोकभवन से कुछ ही दूरी पर मौजूद VVIP गेस्ट हाउस में वेंकैया नायडू अहम नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे हैं। बैठक में योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्या शामिल हैं। नायडू को बीजेपी विधायक दल की मीटिंग के लिए आलाकमान ने सेंट्रल ऑब्जर्वर बनाया है।
05:25 PM-VVIP गेस्ट हाउस में वेंकैया नायडू, योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्या के बीच अहम बैठक खत्म हुई। भूपेंद्र यादव, आेम माथुर और सुनील बंसल भी मीटिंग में शामिल थे।ये सभी लोकभवन की ओर रवाना हुए।
05:45 PM-मीडिया के सवालों पर केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि बैठक खत्म होने तक इंतजार करें।
06:00 PM-लोकभवन में बीजेपी विधायक दल की बैठक शुरू।
हमारा मेन एजेंडा विकास है, तेजी से विकास है और दूसरा एजेंडा सुशासन है।बता दें कि चुनाव नतीजे आने के बाद राजनाथ सिंह से लेकर मनोज सिन्हा, केशव प्रसाद माैर्या और सिद्धार्थनाथ सिंह सीएम पद की दौड़ में थे।लेकिन सात दिन में सभी दौड़ से बाहर हो गए।कट्टर हिंदूवादी चेहरा हैं।बीजेपी के फायर ब्रांड नेता हैं।मंदिर आंदोलन से जुड़े हुए नेता हैं।राम मंदिर का मुद्दा उठाते रहे हैं।2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं।ऐसा माना जा रहा है कि जैसा पोलराइजेशन इस विधानसभा चुनाव में हुआ है,2019 में भी हो सकता है।इस चुनाव में वेस्ट यूपी से लेकर पूर्वांचल तक योगी आदित्यनाथ ने जमकर प्रचार किया।माना जा रहा है कि इससे बीजेपी को भारी जीत में काफी फायदा हुआ।बीजेपी को जो बहुमत मिला है, उसमें हिंदुत्व का एजेंडा ही कारगर रहा है।आदित्यनाथ पर करप्शन का 
कोई आरोप नहीं है।योगी की कोई लामबंदी नहीं है।उनके साथ गुटबंदी जैसी कोई चीज नहीं है।पूर्वांचल में अच्छी पकड़ रखते हैं जहां मोदी-राजनाथ-अमित शाह की सबसे ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं।गोरखपुर से 5 बार सांसद रहे हैं।आरएसएस के करीबी माने जाते हैं।इसलिए उनके नाम पर आसानी से मुहर लगी।योगी आदित्यनाथ के लिए क्या होंगी चुनौतियां ? डेवलपमेंट…।केंद्र सरकार की योजनाएं जैसे सुकन्या योजना,जनधन योजना और उज्जवला योजना को सही तरीके से लागू करना,ताकि इसका सही लाभ लोगों तक पहुंच सके।नौकरशाही पर लगाम लगाना होगा।किसी तरह का कोई घपला न हो।योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व के मुद्दे से जुड़ी उम्मीदों जैसे गोहत्या रोकने,हिंदुओं का पलायन रोकने और स्लॉटर हाउस बंद करने पर काम करना होगा।गौर करे की मुसलमानों के मुद्दे पर भी योगी को ध्यान देना होगा,ताकि उन्हें ये न लगे कि उनका नुकसान हो रहा है।मुसलमान असुरक्ष‍ित महसूस न करें,इसका ध्यान भी योगी को रखना होगा।अति पिछड़ा,दलित समेत सभी वर्ग को साथ लेकर चलने की चुनौतियां भी होंगी,क्यों की अब वे 
पूरे प्रदेश का नेतृत्व करेंगे।योगी आदि‍त्यनाथ के सीएम बनने से कैसे हो सकती है दिक्कत ? बताते चले की योगी को एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सपीरिएंस नहीं है।ब्यूरोक्रेसी गुमराह कर सकती है।उनका वीएचपी से ताल्लुक है।मठ मंदिर से आए हैं।उन पर साधु-संन्यासी हावी हो सकते हैं।उन पर ठाकुरवादी होने का आरोप लगता रहा है।अति पिछड़े और अन्य कास्ट के लोग नाराज हो सकते हैं।पार्टी के दूसरे नेताओं के सपोर्टर्स नाराज हो सकते हैं।गुटबाजी हो सकती है।वि‍वादि‍त बयानों को दोहराते हैं तो राजनीति‍क अव्यवस्था पैदा हो सकती है।

इन चेहरों पर होती रही चर्चा…

1.केशवप्रसाद मौर्या:-शाह ने दिए थे अलग संकेत, मालुम हो की अमित शाह ने कहा था कि अगला सीएम माैर्य की पसंद का होगा।इससे माना गया कि अब मौर्य भी दौड़ से बाहर हैं।लेकिन मौर्य ऐसा नहीं मान रहे थे।वे कहते रहे कि विधायक दल की बैठक का इंतजार करें।मौर्या मोदी और अमित शाह, दोनों की पसंद हैं।वे 2012 में विधानसभा सदस्य चुने जाने के बाद 2014 का लोकसभा चुनाव फूलपुर से जीते।इसके बाद उन्हें यूपी की जिम्मेदारी सौंपी गई।मौर्या संघ के अलावा विहिप और बजरंग दल जैसे संगठनों में भी काम कर चुके हैं।वे विहिप अध्यक्ष अशोक सिंघल के काफी नजदीकी हुआ करते थे।
2.मनोज सिन्हा:-खुद को रेस से बाहर बताया, मालुम हो की केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा पूर्वांचल के पॉपुलर फेस हैं।गाजीपुर से तीन बार से सांसद सिन्हा सिविल इंजीनियरिंग से एमटेक हैं।संगठन में 1989 से 1996 तक राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य रह चुके हैं।गृह मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी हैं।पीएम रेल राज्य मंत्री के तौर पर सिन्हा के काम की तारीफ भी कर चुके हैं।इस बीच शनिवार को मनोज सिन्हा ने एक बार फिर कहा कि वे सीएम बनने की रेस में नहीं हैं।इस तरह का मेरा कोई दावा भी नहीं था।पता नहीं क्यों मीडिया अनावश्यक रूप से ये बातें कर रहा है।
3.राजनाथ सिंह:-अगला सीएम बनने की अटकलों को फालतू करार दिया,बताते चले की राजनाथ अटल बिहारी वाजपेयी के संसदीय क्षेत्र रहे लखनऊ से सांसद हैं और केंद्रीय गृह मंत्री हैं।पहले भी यूपी के सीएम रह चुके हैं।संघ में भी उनकी पकड़ है।उन्हें संगठन और सत्ता, दोनों का काफी एक्सपीरियंस है।वे प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।ऐसा माना जा रहा है कि सवर्णों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी उन्हें सीएम के तौर पर केंद्र से यूपी भेज सकती है।पिछले दिनों जब उनसे पूछा गया कि क्या कि वे सीएम पद की रेस में हैं तो उन्होंने कहा,क्या फालतू बात है।
4.सिद्धार्थनाथ सिंह इलाहाबाद की पश्चिमी विधानसभा से विधायक हैं।उन्हें 14 मार्च की शाम को इलाहाबाद से सीधे दिल्ली आने के लिए कहा गया।वे लाल बहादुर शास्त्री के पोते हैं।वो बीजेपी में पिछले 14 साल से हैं।बंगाल में पार्टी के प्रभारी हैं।वहां लोकल बॉडी इलेक्शन में बीजेपी का परफॉर्मेंस सुधार चुके हैं।
5.बीजेपी के 6 बार से लगातार विधायक रहे सतीश महाना इस बार भी यानी 7वीं बार विधायक बने हैं।कारोबारियों में महाना की अच्छी पकड़ है।महाना को भी 14 मार्च को अमित शाह की तरफ से तुरंत आने को कहा गया।संगठन में जबरदस्त पकड़ होने के साथ-साथ पॉपुलर फेस हैं।
6.दिनेश शर्मा:-लोकसभा चुनाव की टीम में रहे मालुम हो की बीजेपी के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट हैं।2014 लोकसभा चुनाव के दौरान नेशनल मेंबरशिप इंचार्ज बनाया गया।इस वक्त शर्मा को गुजरात का एडिशनल चार्ज दिया गया है।वो लखनऊ के लगातार दो बार मेयर रहे हैं।लखनऊ यूनिवर्सिटी से उन्होंने डबल पीएचडी की है।जनता में उनकी इमेज साफ और दो टूक बात कहने वाली है।
7.यूपी में योगी आदित्यनाथ बीजेपी के फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाने जाते हैं।पहले वे पूर्वांचल तक ही सीमित थे, लेकिन इस चुनाव से पहले पार्टी ने उनसे वेस्ट यूपी में भी जमकर प्रचार कराया है।उनकी हिंदू हार्डलाइनर इमेज है।गोरखपुर से सांसद आदित्यनाथ (44) का नाम चुनाव नतीजे आने के बाद सीएम पद की रेस में काफी पीछे थे।लेकिन शनिवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक शुरू होने से पहले उनका नाम सीएम की दौड़ में अचानक से आगे हो गया।

शपथ ग्रहण समारोह के टाइम में बदलाव बताते चले की गवर्नर राम नाइक ने शुक्रवार को लखनऊ में कहा था कि यूपी के नए सीएम कैबिनेट के सहयोगियों के साथ 19 मार्च को शाम 5 बजे कांशीराम स्मृति उपवन में शपथ लेंगे।हालांकि, बाद में समारोह के टाइम में बदलाव किया गया और अब शपथ ग्रहण समारोह रविवार दोपहर 2.15 बजे होगा।इसमें नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।यूपी के 32वें सीएम चुने गए हैं।योगी के नाम पर रिजल्ट घोषित होने के दिन से ही चर्चा गरम थी।यूपी के नए CM की लाइफ से जुड़ी कुछ बातें…घूम चुके हैं थाइलैंड-अमेरिका…मालुम हो की योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को महंत अवैद्यनाथ महाराज के घर में हुआ था।आदित्यनाथ का जन्मस्थल उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले का पंचेर गांव है।आदित्यनाथ का परमानेंट एड्रेस 361,पूर्णा गोरखपुर,श्री गोरक्षनाथ मंदिर है।आदित्यनाथ योगी होते हुए भी मलेशिया,सिंगापुर,थाइलैंड और यूएसए जैसे देश घूम चुके हैं।आदित्यनाथ के दिन की शुरुआत गाय को चारा खिलाने से होती है।वो हमेशा गौ-हत्या के विरोधी रहे हैं।उन्होंने गाय को राष्ट्रमाता करार देने की बात कही थी।आदित्यनाथ का असल नाम अजय सिंह है।संन्यासी बनने के बाद उन्होंने अपना नाम बदला था।1994

में दीक्षांत के बाद अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बने।उन्होंने उत्तराखंड की एचएन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से मैथ सब्जेक्ट से B.Sc. की है।योगी के पास एक पालतू कुत्ता भी है,जिसका नाम उन्होंने राजा रखा है।आदित्यनाथ को भजन-कीर्तन के अलावा बागवानी करना,बैडमिंटन खेलना और स्विमिंग करना पसंद है।1998 में योगी ने पहली बार चुनाव लड़ा था।तब उनके प्रचार के लिए एक्टर विनोद खन्ना पहुंचे थे।आदित्यनाथ पहली बार 2007 में जेल गए थे।उस साल हुए गोरखपुर दंगों में एक हिंदू लड़के की हत्या हुई थी। उसे इंसाफ दिलाने के लिए डीएम के ऑर्डर के खिलाफ जाते हुए योगी ने श्रद्धांजलि सभा बिजी रोड पर निकाली थी।तब योगी पर सीआरपीसी के सेक्शन 151A और आईपीसी की धारा 146,147,279,506 के तहत उन पर केस हुआ था।योगी आदित्यनाथ ने महज 26 की उम्र में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था।संन्यासी बनने के बाद उन्होंने अपना नाम बदला था।उन्होंने 

गोरखपुर से चुनाव लड़ा और फिर मुड़कर नहीं दिखा।12वीं लोकसभा में चुने जाने वाले वे सबसे युवा MP थे।इसके बाद 1999, 2004,2009 और 2014 में वे गोरखपुर से सांसद चुने गए।2008 में योगी आदित्यनाथ पर जानलेवा हमला हुआ था। आजमगढ़ के मार्केट में हुए योगी के काफिले पर अटैक में एक पानवाले की मौत हुई थी।योगी बाल-बाल बचे थे।योगी अष्ट धातु के कुंडल और सोने की चेन पहनना पसंद करते हैं।ये दोनों आभूषण उनके पास 2009 से हैं।योगी मोहमाया से दूर हैं।उन्होंने शादी नहीं की है।इसके बावजूद उन्हें ज्वैलरी का शौक है।2004 में जहां उनके पास एक अंगूठी तक नहीं थी,वहीं 2014 में उनके पास 45 हजार की गोल्ड ज्वैलरी दिखाई दी।आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी के फाउंडर हैं।2007 में योगी के अरेस्ट के बाद इस संस्था के मेंबर्स ने 30 जनवरी को मुंबई गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के दो कोचों में आग लगाई थी।योगी ने 1998 में पॉलिटिकल करियर शुरू किया था।इसके 

बावजूद वे आजतक करोड़पतियों की कैटेगरी में नहीं आए हैं।2004 में योगी के पास कुल 9 लाख 60 हजार की संपत्ति थी।2009 लोकसभा इलेक्शन में उनकी संपत्ति 9 लाख से बढ़कर 21.8 लाख रुपए हो चुकी थी।योगी को हथियार रखने का शौक है।2004 में उनके पास एक 10 हजार रुपए की रिवॉल्वर और 20 हजार रुपए की राइफल थी। 2009 में उन्होंने पुराने हटाकर 1 लाख 80 हजार की नई रिवॉल्वर और राइफल खरीदीं।योगी के बैंक खातों की संख्या भी बढ़ती गई। योगी के पास 2004 में कुल एक बैंक अकाउंट था, जिनमें कुल 6 लाख की सेविंग्स और 2 लाख की एफडी थी। यह खाता SBI की दिल्ली ब्रांच में था।2009 में योगी ने 2 बैंक खाते और खुलवाए।इस बार उनका बैंक बैलेंस 8 लाख से बढ़कर 13.6 लाख रुपए हुआ।2014 के लोकसभा इलेक्शन में योगी ने 6 बैंक अकाउंट शो किए, जिनमें 23.3 लाख रुपए जमा हैं।हर इलेक्शन में योगी की कारें बदलीं।योगी महंत हैं।उनके पास न खुद की 

जमीन है और न कोई घर।इसके बावजूद उन्हें कार रखने का शौक है।2004 में योगी के पास एक क्वालिस,एक टाटा सफारी और एक मारुति एस्टीम कार थी।2009 में उन्होंने अपनी कारें बदलीं। उन्होंने एस्टीम और क्वालिस को हटाकर अपने गैरेज में एक नई सफारी और एक फोर्ड आइकॉन को शुमार किया।2014 में 3 लाख की टाटा सफारी, 21 लाख की टोयोटा फॉर्च्यूनर और 12 लाख की इनोवा शामिल थी।नए सीएम के तौर पर योगी आदित्य नाथ के नाम पर मुहर लग गई है।इसके बाद से ही पुरे उत्तर प्रदेश भर में बीजेपी कार्यकर्ता जश्न माना रहे हैं।कार्यकर्ताओं ने खुशी में पटाखे भी फोड़े।वहीं, कई जगह मिठाइयां भी बांटी जा रही हैं।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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