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माल्या को लंदन में गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद ही मिली बेल…

पिछले साल मार्च में भारत से भागे विजय माल्या को मंगलवार सुबह स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।वे खुद सेंट्रल लंदन पुलिस स्टेशन पहुंचे थे।भारत ने बैंकों के 9 हजार करोड़ के कर्जदार माल्या को लौटाने की यूके से बीते फरवरी में गुजारिश की थी।इसी के दो महीने बाद यह कार्रवाई हुई।एक्स्ट्राडीशन वॉरंट पर अरेस्ट माल्या को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया।गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद ही उन्हें बेल भी मिल गई।माल्या ने बेल मिलने के बाद ट्वीट किया,हमेशा की तरह मीडिया ने हाइप क्रिएट किया।आज एक्स्ट्राडिशन हियरिंग शुरू होनी ही थी।बता दें कि माल्या पिछले साल 2 मार्च को देश छोड़कर लंदन भाग गए थे।इस मामले पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा-माल्या को लेकर ब्रिटेन में लीगल प्रोसेस जारी है।दोनों देशों की सरकारें भी इस मसले पर संपर्क में हैं।माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने अपील की थी।इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया।इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट और CBI जैसी भारतीय एजेंसियां और मोदी सरकार माल्या की गिरफ्तारी के लिए पिछले कई महीनों से कोशिशें कर रही थीं।फरवरी को भारत ने यूके से माल्या की वापसी के लिए रिक्वेस्ट भेजी थी।इसके बाद मार्च में ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने लंदन में अरुण जेटली से प्रोटोकॉल तोड़कर मुलाकात की थी।इस मुलाकात में माल्या को भारत को सौंपने पर चर्चा हुई थी।मार्च में ही यूके ने भारत को बताया था कि उसकी रिक्वेस्ट को विदेश मंत्रालय ने सर्टिफाई कर दिया है।यूके गवर्नमेंट ने आगे की कार्रवाई के लिए केस को डिस्ट्रिक्ट जज के पास भेजा।इसके बाद मंगलवार सुबह 9:30 बजे (यूके के टाइम के मुताबिक) माल्या को एक्स्ट्राडीशन वॉरंट पर अरेस्ट किया गया।न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक,वॉरंट जारी होने के बाद माल्या खुद सेंट्रल लंदन पुलिस स्टेशन पहुंचे।वहां उन्हें

अरेस्ट किया गया।भारत-यूके के बीच 1992 में म्युचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (MLAT) हुई थी।सके तहत दोनों देशों के बीच आपराधिक मामलों में आरोपी शख्स को ट्रांसफर किया जा सकता है।इसमें सबूत देने और जांच में मदद करने के मकसद से आरोपी की कस्टडी भी शामिल है।अब इसी ट्रीटी के तहत माल्या की वापसी होगी।हालांकि,यूके में एक्स्ट्राडीशन प्रॉसेस में कई स्टेप्स शामिल हैं।डिस्ट्रिक्ट जज की तरफ से जारी वॉरंट पर माल्या की गिरफ्तारी हुई थी।उन्हें शुरुआती सुनवाई के लिए जज के सामने पेश किया गया था।वहां से उन्हें जमानत मिल गई।माल्या को भारत भेजने का यूके की तरफ से आखिरी फैसला होने से पहले इसी कोर्ट में एक्स्ट्राडीशन हियरिंग हाेगी।माल्या के पास यूके की हायर कोर्ट में अपील करने का अधिकार होगा।2 मार्च 2016 से ही माल्या लंदन में रह रहे हैं।इन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ईडी) और सीबीआई को माल्या की तलाश थी।प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) से जुड़े एक मामले में मुंबई की स्पेशल कोर्ट माल्या को भगोड़ा घोषित कर चुकी थी।माल्या का पासपोर्ट भी रद्द किया गया था।माल्या को गिरफ्तार करने के लिए ईडी ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी।31 जनवरी 2014 तक किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का 6,963 करोड़ रुपए बकाया था।इस कर्ज पर इंटरेस्ट के बाद माल्या की टोटल लायबिलिटी 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी है।सीबीआई ने 1000 से भी ज्‍यादा पेज की चार्जशीट में कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस ने IDBI की तरफ से मिले 900 करोड़ रुपए 

के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्‍तेमाल किया।किंगफिशर एयरलाइंस अक्टूबर 2012 में बंद हो गई थी।दिसंबर 2014 में इसका फ्लाइंग परमिट भी कैंसल कर दिया गया।डेट रिकवरी ट्रिब्‍यूनल ने माल्या और उनकी कंपनियों UBHL किंगफिशर फिनवेस्ट और किंगफिशर एयरलाइन्स से 11.5% प्रति साल की ब्याज दर से वसूली की प्रॉसेस शुरू करने की इजाजत दी थी।बीजेपी ने कहा था,माल्या को पहली बार 2004 और फिर 2008 में लोन दिया गया, जबकि उन्हें नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) डिक्लेयर कर दिया गया था।क्या डूबते जहाज (कांग्रेस) ने डूबती एयरलाइंस (माल्या की किंगफिशर) की मदद की थी ? मनमोहन के कहने पर ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने माल्या पर सॉफ्ट रुख अपनाया और उनके अकाउंट भी फ्रीज नहीं किए गए।बीजेपी के इन आरोपों को मनमोहन सिंह ने खारिज कर दिया था।उन्होंने कहा था, मैंने जो किया वो पूरे भरोसे के साथ किया।देश का कोई कानून नहीं तोड़ा।ये तो बहुत आम बात है।वो लेटर मामूली कागज के टुकड़े से ज्यादा और कुछ नहीं है। सरकारों के पास ऐसे लेटर आते रहते हैं।माल्या की 4200 करोड़ रुपए की एसेट्स अटैच करने के ईडी के ऑर्डर को मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट मंजूर कर चुकी है।इसमें माल्‍या और उनसे जुड़ी दूसरी कपंनियों के फ्लैट,फॉर्म हाउस, शेयर और एफडी शामिल हैं।ईडी ने पहले कहा था कि इन एसेट्स की मार्केट वैल्‍यू 6,630 करोड़ रुपए है। हालांकि इनकी बुक वैल्‍यू 4,234.84 करोड़ रह गई है।ED का आरोप है कि माल्या ने क्रिमिनल कॉन्सपेरेसी के जरिए एसेट्स जुटाईं।एजेंसी के मुताबिक, माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस और यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स के साथ मिलकर काॅन्सपेरेसी की और बैंकों की मिलीभगत के जरिए लोन हासिल किए।इस अमाउंट में से 4,930.34 करोड़ रुपए का अब तक पेमेंट नहीं किया गया है।माल्या बैंकों के साथ वन-टाइम सेटलमेंट करना चाहते हैं।उन्होंने मार्च में ट्वीट्स कर समझौते की बात कही थी।उन्होंने कहा था,पब्लिक सेक्टर बैंकों में वन-टाइम सेटलमेंट की पॉलिसी होती है।सैकड़ों कर्जदारों ने इस तरह अपना मामला निपटाया है, तो मेरे मामले में इस तरह से केस सुलझाने से इनकार क्यों किया जा रहा है ? मैंने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक ऑफर रखा था, लेकिन बैंकों ने बिना कोई विचार किए ही उसे नकार दिया।मैं पूरी साफगोई से सेटलमेंट करने को तैयार हूं।

  • बैंकों का माल्या पर कितना बकाया ? पैसा करोड़ रुपए में…
    एसबीआई-1600
    पीएनबी-800
    आईडीबीआई-800
    बैंक ऑफ इंडिया- 650
    यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया-430
    सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया-410
    यूको बैंक-320
    कॉर्पोरेशन बैंक-310
    स्टेट बैंक ऑफ मैसूर-150
    इंडियन ओवरसीज बैंक-140
    फेडरल बैंक-90
    पंजाब एंड सिंध बैंक-60
    एक्सिस बैंक-50

मई 2005 किंगफिशर एयर लाइन ने ऑपरेशन शुरू किया।

जून 2007 किंगफिशर ने डेक्कन एयरलाइन का अधिग्रहण किया ।

नवंबर 2010 बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस के कर्ज की रिकास्ट किया।

दिसंबर 2011 मुंबई इंटरनेशन एयरपोर्ट ने 90 करोड़ रुपये के बकाये की मांग की।

दिसंबर 2011 70 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने पर किंगफिशर एयरलाइंस के अकाउंट फ्रीज किए गए।

अक्टूबर 2012 किंगफिशर को आंशिक तौर पर बंद किया गया, कर्मचारी हड़ताल पर गए।

31 दिसंबर 2012 किंगफिशर का फ्लाइंग लाइसेंस रद्द।

अगस्त 2014 सीबीआई ने आईडीबीआई और किंगफिशर के खिलाफ जांच शुरू की।

जुलाई 2015 सीबीआई ने माल्या और किंगफिशर के खिलाफ मामला दर्ज किया।

अक्टूबर 2015 सीबीआई ने माल्या के ऑफिस पर छापे मारे।

दिसंबर 2015 सीबीआई ने लोन धोखाधड़ी मामले में माल्या से पूछताछ की।

  • कहां से आए विजय माल्या ?
    1983-पिता के निधन के बाद विजय माल्या यूबी (यूनाइटेड ब्रेवरीज) ग्रुप के चेयरमैन बने।तब उनकी उम्र 28 साल थी।
    1999-किंगफिशर एयरलाइन्स लॉन्च की।इसने देश में एयर ट्रैवल के मायने बदल दिए।
    2002-माल्या को राज्यसभा में नॉमिनेट किया गया।
  • 2005-किंगफिशर एयरलाइन्स ने शराब कंपनी शॉ वॉलेस को खरीदा।
    2006-बैगपाइपर व्हिस्की और रोमानोव वोदका बनाने वाली शराब कंपनी हरबर्ट सन्स को खरीदा।
    2007-फॉर्मूला-1 रेसिंग टीम स्पाइकर को खरीदा।इसका नाम ‘फोर्स इंडिया’ कर दिया गया।कंपनी ने एयर डेक्कन समेत ब्रिटिश शराब कंपनी ‘Whyte and Mackay’ को खरीदा।
    2008-आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को खरीदा।बेंगलुरु में यूबी सिटी बनाई।
  • 2012-किंगफिशर एयरलाइन्स के स्टाफ ने सैलरी न मिलने को लेकर स्ट्राइक कर दी।इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एयरलाइन्स के अकाउंट फ्रीज कर दिए।अक्टूबर में एयरलाइन्स का लाइसेंस रद्द कर दिया गया।ब्रिटिश शराब कंपनी डियाजियो ने यूनाइटेड स्पिरिट्स लि. (यूएसएल) के ज्यादातर शेयर खरीदने की सहमति जताई।
    2013-डियाजियो ने यूएसएल के 27 पर्सेंट शेयर को 6500 करोड़ में खरीदा।लेकिन एयरलाइन्स में पैसा लगाने वालों को कुछ भी नहीं मिला।
    2014-यूनाइटेड बैंक ने यूबी को डिफॉल्टर घोषित किया।
    2015-डियागो ने माल्या से शराब कंपनी के चेयरमैन पद से हट जाने को कहा।माल्या ने इससे मना कर दिया।
    2016-सभी बैंक बकाए के लिए ट्रिब्यूनल में चले गए।ट्रिब्यूनल ने 515 करोड़ रुपए का असेसमेंट किया।ये पैसे माल्या को डियागो से सेटलमेंट करने पर मिले थे।मार्च में माल्या लंदन चले गए।
  • 2017-माल्या को कई कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया।उनके खिलाफ नॉन-बेलेबल वॉरंट जारी हुआ।भारत सरकार ने उन्हें लौटाने की यूके से गुजारिश की।अप्रैल में लंदन से हुई गिरफ्तारी।

रिपोर्ट-वरिष्ठ पत्रकार दिल्ली से 

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