मानव शृंखला में हर बेटी की यही पुकार बाल विवाह व दहेज मुक्त हो अपना बिहार…
किशनगंज दहेज प्रथा व बाल विवाह के खिलाफ आयोजित मानव शृंखला को लेकर जिले के लोगों मं काफी उत्साह देखने को मिला।हालांकि सर्द हवा और इंड के कारण पिछली बार की तुलना में इस बार लोगों की भागीदारी अपेक्षा से काफी कम रही।राज्यव्यापी मानव शृंखला का उद्देश्य समाजहित में था।इसलिए सड़क पर उतरे लोगों ने किशनगंज से देश को बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को मिटाने का संदेश दिया।विगत एक महीने से जिला प्रशासन ने मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चल रखे थे।साथ ही प्रखण्ड वार अधिकारियों की ड्यूटी भी तय कर दिए गए थे।सिंघिया चौक पर कतार में खड़ी महिला वार्ड संख्या 15 निवासी मोस्मात मोलिया से जब पूछा गया कि कतार में क्यूं खड़ी हैं ? तो उन्होंने मासूमियत से जवाब दिया कि डीलर ने लाइन में खड़ा रहने को कहा था।यह भी कहा था कि अगर लाइन में नहीं लगोगी राशन नहीं मिलेगा।
ऐसा ही जवाब कुछ और महिलाओं ने भी दिया।प्रशासन का दावा फेल जिला प्रशासन ने दावा किया था कि 300 किमी की परिधि में सात से आठ लाख लोग एक साथ खड़े होंगे।लेकिन ऐसा नहीं हो सका।इस बार के अभियान में पूरे जिले में 50 हजार लोग भी शामिल नहीं हो सके।300 किमी लंबी बनने वाली मानव शृंखला अधिकांश जगह नहीं बनी जिससे यह 80 किमी के दायरे में जाकर सिमट गई।दहेज रूपी दानव को हर हालत में समाज से दूर करना है।यह समाज पर एक बदनुमा धब्बा है।महिला सुनीता देवी,पूनम देवी,आशा देवी निशा खातून आदि ने कहा कि बेटी के जन्म लेते ही मां बाप उनकी पढ़ाई का चिंता छोड़ उनकी शादी के लिए दहेज
की चिंता करने शुरूकर देते हैं।जिससे लड़की शिक्षा से वंचित रह जाती है।उन्होंने दहेज को समाज के विकास का सबसे बड़ा बाधक बताया।छात्र उमेश कुमार,आनंद कुमार रोनी कुमार,राहुल ने कहा कि जो लड़का दहेज की मांग करता है उसकी तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल कर देना चाहिए।ताकि ऐसे दहेज लोभियो से देश की कोई लड़की शादी नहीं करें।आपको बताते चले की मानव शृंखला में कहीं कोई बीमार न हो जाए इसके लिए प्रशासन ने मेडिकल टीम तैनात रखा था।शहर में कुल तीन मेडिकल टीम लगाए गए थे।जिसमें एक कैलटेक्स चौक से लेकर हलीम चौक,लहरा चौक से मस्तान चौक तक और तीसरा टीम कोचाधामन में भेजा गया
था।मानव शृंखला में बीएसएफ और एसएसबी ने भी सहयोग किया।बीएसएफ ने एक पानी टैंकर के साथ एम्बुलेंस और एसएसबी ने सदर थाना में एम्बुलेंस दे रखी थी।सदर अस्पताल का 2 एम्बुलेंस तैनात किया गया था।शृंखला को लेकर स्पेशल टीम सदर अस्पताल में तैनात थी।पहली शृंखला इसलिए हुई सफल पिछले बार शराबबंदी को लेकर आयोजित मानव शृंखला की सफलता की कई वजहें बताई जा रही है। वर्ष 2016 में संप्रग की एकजुटता ने भी उस मुहिम को सफल बनाया था। इसके अलावे इस मसले पर तब प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भी साथ दिया था।इसके अलावे किसी भी संगठन ने तब उसका विरोध नहीं किया था,लेकिन इस शृंखला में राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ता अलग ही रहे।साथ ही पंचायत सदस्यों ने भी इसका विरोध किया। विपक्ष की पार्टियों के
अलाव नियोजित शिक्षक,पंचायत सदस्य व अन्य ने इसबार अभियान का विरोध कर दिया।कक्षा 6वी तक बच्चों को शामिल नहीं करने का भी असर इसबार की मानव शृंखला में देखने को मिला।जिले में ठंड और चल रही तेज हवाओं के कारण लोग सड़कों पर नहीं उतरे,जिससे संख्या काफी कम हो गई।अधिकारियों का दावा रहा कि इस बार किसी पर भी मानव शृंखला में शामिल होने का दबाव नहीं डाला गया।प्रचार-प्रसार पर्याप्त नहीं हुआ।सरस्वती पूजा की व्यस्तता के कारण समितियों का ज्यादा सहयोग नहीं मिल पाया।जदयू विधायक मुजाहिद आलम ने शृंखला को सफल बताते हुए कहा कि जिले के सभी समुदाय व तबके के लोगों ने समाज से दहेज प्रथा व बाल विवाह को खत्म करने का संकल्प लिया और शृंखला में अपनी भागीदारी दी।
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह