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मवेशियों से लदा ट्रक जब्त,वहीं अधिकारियों के गठजोड़ से कोयला कारोबारियों की पौ बारह…

किशनगंज रात्रि गश्ती के दौरान सीओ के नेतृत्व में छापामार दल ने कैलटैक्स चौक के समीप मवेशी लदा ट्रक समेत चार ट्रक को जब्त किया।एक साथ धराए इन चारों ट्रकों की तलाशी के दौरान बेडमिशाली लदा तीन ओवर लोडेड ट्रक को जब्त कर थाने में रखा गया।वहीं ट्रक संख्या एनएल-02 एन 5538 से 36 मेवशी जब्त किया गया।मौके से तस्कर व ट्रक चालक फरार हो गया।सीओ रमण कुमार सिंह के अनुसार एसडीओ मोशफीक के निर्देश पर की गई इस छापामारी अभियान में खलासी मोसुलेमान को हिरासत में लिया गया है तथा मवेशियों को गौशाला में रखा गया है।गौशाला मे रखे गए 36 मवेशियों में एक मवेशी की मौत होने की भी बात सीओ ने कही।सीओ रमण कुमार सिंह के लिखित सूचना के आधार पर सदर थाने में ट्रक मालिक इशहाक,पटू,परवेज,रौशन आरा व मो शाबिर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।जानकारी के अनुसार एनएच 31 कैलटैक्स चौक पर शनिवार रात गश्तकर रही प्रशासनिक टीम ने एक साथ चार ट्रक को रोककर जांच पड़ताल की।जिसमें बेडमिशाली लदा तीन ओवर लोडेड ट्रक के अलावा तिरपाल से ढके चौथे ट्रक के ड्राइवर से जब पूछताछ की गई,तो उसने 241 बोरा मक्का लदा होने की जानकारी दी।सीओ रमण कुमार सिंह ने पुलिस बल से तिरपाल खोलकर जांच करने का आदेश दिया।इस बीच ट्रक चालक व तस्कर फरार हो गया।ट्रक की तलाशी के दौरान 36 मवेशी जब्त किया गया।तलाशी के दौरान ट्रक में एक पर्ची भी मिली जिसपर मवेशी किशनगंज जिले बालीचुका निवासी मोशाबिर का होने की जानकारी मिली।वहीं हिरासत में लिए गए खलासी ने पुलिस के समक्ष बयान दिया है कि दालकोला से मवेशी को लेकर सिलीगुड़ी जा रहा था। वही केवल सच लाइव डाट इन पर सबसे पहले खबर दिखाए जाने पर प्रसाशन आया हरकत में,गुप चुप तरीके से इस खेल को माफिया खेल रहे थे,बताते चले की वही वाणिज्य कर विभाग की उदासीनता के कारण कोयले का काला खेल जिले में लगातार फलता-फूलता जा रहा है।नतीजतन सरकार को जहां प्रतिवर्ष करोड़ों के राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है।वहीं अधिकारियों के गठजोड़ से कोयला कारोबारियों की पौ बारह है।आरटीआई से खुलासा हुआ है कि जिले में कोयले के कारोबार में लिप्त 50 फीसदी से अधिक फार्म फर्जी हैं।अव्वल तो वाणिज्य कर विभाग को सौंपे गए दस्तावेजों में दर्ज पता भी फर्जी है।फर्जीवाड़ा का खेल इतना शातिराना ढंग से चलाया जा रहा है कि फार्म किशनगंज में और कारोबारी बंगाल सीमा में रहकर इस काले कारोबार में संलिप्त हैं।विभाग से आरटीआई द्वारा मांगी गई जानकारी के अनुसार रीत इंटरप्राइजेज के द्वारा विभाग को सौंपे गए दस्तावेज में पता लाइन मोहल्ले का दर्ज है,तो बालाजी इंटरप्राइजेज फरिंगगोड़ा में है।सच्चाई यह है कि इन दोनों फार्म का अपने दिए पते पर कार्यालय नहीं है।वहीं मां कामाख्या इंटरप्राइजेज का फरिंगगोड़ा में कार्यालय तो है लेकिन स्टॉक प्वाइंट कहीं नजर नहीं आती है।इसी तरह श्री ट्रेडर्स ने अपना पता खगड़ा दर्ज करा रखा है, जबकि कारोबार वह दालकोला से करता है।ये तीन-चार उदाहरण फर्जीवाड़े की बानगी भर है।ऐसे में इस आशंका को भी बल मिलता है कि कोयला कारोबारियों को विभाग द्वारा बिना जांच पड़ताल किये ही टिन नंबर उपलब्ध करा दिया गया है।इतना ही नहीं विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर यदि गौर करें तो यह भी स्पष्ट हो जाता है कि कुल 25 कारोबारियों ने वर्ष 2014-15 की अपेक्षा वर्ष 2015-16 में काफी कम वाणिज्य कर जमा किया है।जबकि कई कारोबारियों ने तो अबतक राजस्व जमा करना भी मुनासिब नहीं समझा है।कोयले के इस काले कारोबार का खुलासा विगत दिनों एसडीओ मो.सफीक ने भी किया था।उन्होंने अवैध कारोबार में लिप्त रंजीत चौहान व दीपू कर्मकार को गिरफ्तार किया था।पूछताछ में रंजीत चौहान ने मां कामाख्या कोल कंपनी के डिक्लेयर्ड एटार्नी सुरेश कुमार तमांग के स्थान पर विगत कई वर्षों से जाली दस्तखत करने की भी बात स्वीकार की थी।इस खुलासे के बाद भी विभाग द्वारा पूरे मामले में चुप्पी साधे रहने से कई प्रश्न उठने लगे हैं।

रिपोर्ट:-धर्मेन्द्र सिंह 

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