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भागलपुर के डीआईजी ने अबतक पांच थाना इंचार्ज समेत 9 पुलिसवालों को किया निलंबित…

शनिवार से थाने स्‍तर पर नियमित पुलिस-पब्‍ल‍िक मीटिंग करवाएंगे भागलपुर के नए डीआईजी...कहा बालू के अवैध खनन के खिलाफ चलेगा अभियान।आपको बताते चले की भागलपुर में हाल ही में डीआईजी बनकर बांका और भागलपुर पहुंचे चर्चित पुलिस पदाधिकारी विकास वैभव ने पुलिस में जनता का खोया भरोसा लौटाने की कोशिश शुरू की है।इसी के तहत उन्‍होंने इस महीने (जून) से थाना स्तरीय लोक संवाद गोष्टी आयोजित करने की भी हिदायत दी है।इसमें इलाके के प्रबुद्ध और वरीय नागरिकों को शामिल किया जाएगा।भागलपुर में 2 मई को पदभार ग्रहण करने बाद इन्‍होंने लापरवाही के आरोप में नौ पुलिस अफसरों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई भी शुरू की है।इनका मकसद थाना स्तर के पुलिस अधिकारी जनता का यकीन हासिल करना है।अपने आवासीय दफ्तर में इस संवाददाता से बातचीत में डीआईजी ने बताया कि आए रोज किसी बात को लेकर सड़क जाम या आंदोलन या कानून व्यवस्था बिगड़ने का मतलब है कि पुलिस पर जनता का भरोसा नहीं है और थाना में पोस्टेड अफसर अपने मूल काम से भटक गए है।मिसाल के तौर पर भागलपुर और बांका ज़िले के अफसर बालू और गिट्टी माफिया से मिले है।उन्‍होंने कहा कि सब अफसर ऐसे नहीं हैं, पर जो हैं उनकी नकेल कसने की जरूरत है।गौर करे की थानों में गए लोगों के केस दर्ज न करना, समय पर ड्यूटी न जाना, बड़े अधिकारी के आदेश नहीं मानना, शिकायत लेकर थाना गए लोगों को गुमराह करना आदि के आरोप में भागलपुर ज़िले के सात और बांका के एक पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई की गई है।इनमें बांका के पुलिस इंस्पेक्टर महबूब आलम, भागलपुर में सबौर थाना के प्रभारी नीरज कुमार तिवारी,नाथनगर थाना के सब-इंस्पेक्टर विकास कुमार, ललमटिया थाना की इंचार्ज रीता कुमारी और एएसआई मुकेश कुमार सिंह,बबरगंज थाना के प्रभारी राजेश कुमार व एएसआई वीरेंद्र कुमार और थाना जगदीशपुर के एएसआई पुरुषोत्तम कुमार है।और भी जांच के दायरे में है।डीआईजी श्री विकाश वैभव ने बताया कि पदभार ग्रहण करते ही उन्‍होंने पांच बिंदुओं पर ख़ास गौर करने की हिदायत दी है।इन बिंदुओं की अनदेखी करने की शिकायत मिलने पर निलंबन और अनुशासनिक कार्रवाई करने के बाबत बाकायदा पत्र जारी कर अगाह भी किया जा चुका है।इसके बावजूद निर्देशों की अनदेखी करने वाले अफसरों को चिह्नि‍त किया जा रहा है।उनका मानना है कि थाने में वक्त पर प्राथमिकी दर्ज हो और जनता को गुमराह न किया जाए,दर्ज मामले में अपराध की बाजिव दफा लगाई जाए,घटना की जानकारी फौरन अपने वरीय अधिकारी को दी जाए,थाना स्तर पर अवैध वसूली और मामले की जांच में भेदभाव न हो।रात में पुलिस गश्त का पुख्ता इंतजाम, ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार व अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई,शराब बेचने और पीने पर सख्त रोक और सड़क जाम करनेवालों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई भी उनके एजेंडे में है।

रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह 

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