बुरहान की शनिवार को पहली बरसी है को देखते हुए पूरी कश्मीर घाटी में हाई अलर्ट जारी किया गया….
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा इलाके के हाजिन में शनिवार सुबह सेना के काफिले पर घात लगाकर आतंकी हमला किया गया। इसमें दो भारतीय जवान घायल हो गए।उधर, पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर वॉयलेशन में एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गई।बता दें कि शनिवार को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रहे आतंकी बुरहान वानी की बरसी है।इसे देखते हुए राज्य में अलर्ट जारी किया गया है।त्राल में कर्फ्यू लगा दिया गया है।बुरहान त्राल का ही रहने वाला था।पिछले साल 8 जुलाई को वह एनकाउंटर में मारा गया था।नॉर्थ कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों ने यह हमला उस वक्त किया जब सेना के काफिले की गाड़ियां कैम्प से बाहर निकल रही थीं।बता दें कि हाजिन इलाके में ही 23 जून को जुमे की नमाज के बाद कुछ युवा विराेध-प्रदर्शन करने सड़कों पर आ गए।
सिक्युरिटी फोर्सेस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो पथराव किया गया।बाद में सिक्युरिटी फोर्स आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को काबू किया था।उधर,पुंछ सेक्टर में भी पाकिस्तान की ओर से सीजफायर वॉलेशन किया गया है, जिसका सेना की ओर से जवाब दिया जा रहा है।राज्य सरकार ने घाटी के स्कूल-कॉलेजों में 6 जुलाई से 10 दिन की गर्मी की छुट्टी कर दी है।बता दें कि इसी दौरान यहां के एक आतंकी गुट यूनाइटेड जेहाद काउंसिल (यूजेसी) ने बुरहान वानी की बरसी पर विरोध जताने का एलान किया है।पिछले साल स्कूलों में 1 से 17 जुलाई तक छुट्टी की गई थी।कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) मुनीर अहमद खाने कहा,”लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए जो भी इंतजाम जरूरी होंगे किए जाएंगे।आतंकी हमले को लेकर भी अलर्ट किया गया है।हालांकि,जब उनसे पूछा गया कि क्या आतंकी हमले का कोई इनपुट मिला है,तो इस पर उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया।उन्होंने कहा कि सिक्युरिटी एजेंसी हर एक खुफिया सूचना को गंभीरता से ले
रही हैं।कश्मीर घाटी में एहतियात के तौर पर गुुरुवार रात को इंटरनेट सर्विस भी बंद की गई,लेकिन सुबह उसे बहाल कर दिया गया।उधर, अमरनाथ यात्रा की सिक्युरिटी में भी सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के 21 हजार जवान और तैनात कर दिए गए हैं।इसमें 40 हजार जवान पहले से ही तैनात हैं।यूनियन होम मिनिस्टी के सेकेंट्री राजीव महर्षी ने बताया कि 8 जुलाई को अमरनाथ यात्रा पर खतरे को देखते हुए सेंट्रल फोर्सेस की 214 कंपनियां भेजी गई हैं।ब्रिटेन में नहीं मिली रैली की परमिशन उधर, बुरहान वानी डे पर ब्रिटेन के बर्मिंघम में की जाने वाली रैली की इजाजत को सिटी काउंसिल ने बुधवार को वापस ले लिया।काउंसिल ने यह कदम भारत के विरोध जताने के बाद उठाया।यह रैली ब्रिटेन में रहने वाले कश्मीरियों की तरफ से की जा रही थी।एनकाउंटर से अब तक क्या हुआ ? कितने लोग मारे गए ? बुरहान के एनकाउंटर के बाद से कश्मीर के चार जिले-पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। यहां बीते पांच महीने में दो पुलिसवालों समेत 76 लोगों की मौत हो चुकी है।ऑफिसर्स के मुताबिक,इन जिलों में सबसे ज्यादा एनकाउंटर्स और अटैक हो रहे हैं।दरअसल,यहां आतंकियों को लोकल पब्लिक का सपोर्ट है इसलिए वे यहां ज्यादा उत्पात मचा रहे हैं।पुलवामा में आसपास घने जंगल भी हैं,जिसकी वजह से आतंकियों को हमला करने के बाद छुपना आसान होता है।बुरहान भी पुलवामा का ही रहने वाला था।आफिसर्स ने बताया कि पुलवामा लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अबु दुजाना,अबु मूसा अौर कई अन्य आतंकियों का गढ़ रहा है।सिक्युरिटी फोर्सेस ने कई लोगों को यहां से पीओके में आतंक ट्रेनिंग लेने की कोशिश नाकाम की है।ऑफिसर्स ने कहा कि 2017 में 54 लोगों को आतंकी बनने से रोका गया है।एक सीनियर पुलिस ऑफिसर के सिक्युरिटी एजेंसी के डाटा के आधार पर बताया कि,बीते छह महीनों में घाटी में कम से कम 50 युवा हथियार उठा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर साउथ कश्मीर के पुलवामा,शोपियां ओर कुलगाम से हैं।इससे पहले एक ऑफिसर ने कहा था कि बुरहान की मौत के बाद से घाटी में अब तक 80 युवा हथियार उठा चुके हैं।इन जिलों में टेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट युवा हैं,जो आतंकी बन रहे हैं।
8 साल में 359 युवा बने आतंकी…
- साल घाटी में कितने आतंकी बने
- 2010 54
- 2011 11
- 2012 21
- 2013 16
- 2014 53
- 2015 66
- 2016 88
- 2017 50
- कुल=8 साल 359
आतंकियों के खिलाफ बढ़ी कार्रवाई