चंडीगढ़ सेक्टर-38 वेस्ट गुरुद्वारे के बाहर रविवार को बीच सड़क एक सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।हत्या करने वालों में एक वॉन्टेड अपराधी भी शामिल था।50 हजार के इनामी इस अपराधी की पुलिस को पिछले एक साल से तलाश है।वॉन्टेड रिंदा पर अप्रैल 2016 में पंजाब यूनिवर्सिटी में गोलियां चलाने का आरोप है।मर्डर के वक्त मौजूद लोगों के मुताबिक जब सरपंच सतनाम गुरुद्वारे से बाहर आया तो कातिलों ने पहले उसकी टांग में गोली मारी गई।इस दौरान कातिल जहां सतनाम सिंह को ललकार रहे थे,वहीं यह कह रहे थे कि तुझे मारना नहीं है,बस बेड पर लंबा पड़ा रखना है।पुलिस की जांच में अभी तक हत्या के आरोपियों एसके रिंदा,दिलप्रीत और आकाश की कोई सीधी दुश्मनी सरपंच के साथ सामने नहीं आई है।आपको बताते चले की जांच में सामने आया है कि तीनों गुंडों ने 4 अप्रैल को रोपड़ में घर में घुसकर देसराज पहलवान नाम के एक शख्स का मर्डर कर दिया था।उस दौरान से यह सभी फरार थे।
रिंदा और आकाश दोनों महाराष्ट्र के नांदेड़ के रहने वाले हैं,जबकि दिलप्रीत रोपड़ का रहनेवाला है।पुलिस ने आरोपियों की कार पर लगे नंबर को वेरिफाई किया तो सामने आया कि वह नंबर जाली निकला।जिस फोन नंबर से कॉल कर सरपंच को गुरुद्वारे से बाहर बुलाया गया था,पुलिस ने उसकी भी कॉल डिटेल और लोकेशन चेक की है।इसमें सामने आया है कि सभी आरोपी वारदात के बाद मोहाली के रास्ते से पंजाब में दाखिल हुए थे।पुलिस सभी टोल प्लाजा में लगे कैमरों की फुटेज जांच रही है।
मृतक सतनाम एक हत्याकांड में गवाह था और 30 अप्रैल को उसने गवाही देनी थी।इस मामले में कुछ लोग सतनाम सिंह पर पिछले कुछ दिनों से राजीनामे का दबाव बना रहे थे।सतनाम ने राजीनामा करने से मना कर दिया था।इसके बाद सतनाम को धमकियां मिलनी शुरू हो गई थीं।सतनाम के वकील महिंदर सिंह ने भी बताया है कि उसे सतनाम सिंह ने बताया था कि उसे धमकियां मिल रहीं हैं और इसके चलते वह सतनाम सिंह की प्रोटेक्शन के लिए याचिका दायर करने वाले थे।