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बिहार में बड़ा सियासी भूचाल नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया, राष्ट्रपति शासन की संभावना नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद लालू प्रसाद ने नितीश पर लगाया बड़ा आरोप…

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे घोटाले के आरोपों के चलते मची उथल-पुथल का नतीजा आखिर में सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे के तौर पर निकला है।लंबी उठापटक के बाद बुधवार को जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।उनके इस इस्तीफे के साथ ही जेडीयू,आरजेडी और कांग्रेस की 20 महीने पुरानी महागठबंधन सरकार का अंत हो गया।बिहार अब एक फिर से राजनीति के चौराहे पर है,जहां कई तरह की संभावनाएं आकार ले सकती हैं।सीटों के आंकड़े की बात करें तो 243 सदस्यीय विधानसभा में सबसे ज्यादा 80 सीटें लालू यादव की पार्टी आरजेडी के पास हैं।नीतीश की पार्टी जेडीयू के पास फिलहाल 71 सीटें हैं,जबकि महागठबंधन में तीसरी सहयोगी पार्टी रही कांग्रेस के पास 27 सीटें हैं।वहीं,मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के पास 53 सीटें हैं और उसकी सहयोगी पार्टी एलजेपी और आरएलएसपी के दो-दो विधायक हैं।जीतनराम मांझी की पार्टी ‘हम’ का एक विधायक है और भाकपा माले के खाते में तीन सीटें हैं,जबकि 4 निर्दलीय विधायक हैं।सीटों के इन आंकड़ों के आधार पर बिहार विधानसभा में ये संभावनाएं आकार ले सकती हैं।बिहार में सत्ता हासिल करने का जादुई आंकड़ा 122 है।जेडीयू के पास 71 सीटें हैं और बीजेपी की 53 सीटें मिला ली जाएं तो 124 सीटें हो जाती हैं।इससे सरकार को बहुमत मिल जाएगा।वहीं,बीजेपी की सहयोगी एलजेपी,आरएलएसपी और ‘हम’ जैसी पार्टियों की सीटों को मिला लें तो यह आंकड़ा 129 सीटों का होता है।यानी बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार आसानी से सरकार चला सकते हैं।नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर ‘सुशासन बाबू’ की अपनी छवि को मजबूत करते हुए बड़ा दांव खेला है।ऐसे में यह भी संभावना जताई जा रही है कि वह अपने दम पर चुनाव में जाने का फैसला लें और बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरें। यदि नीतीश इस राह पर चलते हैं तो राज्य में चुनाव होने तक राष्ट्रपति शासन भी लागू हो सकता है।नीतीश की पार्टी जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव हमेशा से बीजेपी विरोधी गठबंधन के हामी रहे हैं।लालू प्रसाद यादव की पार्टी जेडीयू के पास सबसे ज्यादा 80 विधायक हैं।ऐसे में इस बात की भी संभावना है कि जेडीयू के ही कुछ विधायक टूटकर लालू के साथ चले जाएं।इस तरह लालू की पार्टी जेडीयू के बागियों,कांग्रेस के 27,सीपीआई-एमएल के 4 और 4 निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने का प्रयास कर सकती है।

गौर करे की घोटालों के आरोपों और ज़ुबानी जंग के बाद आखिर नीतीश कुमार 20 महीने पुरानी सरकार से अलग हो गए।अपने पुराने दोस्त और प्रतिद्वंद्वी लालू यादव के साथ वह बीजेपी को हराने के नाम पर साथ आए थे।मगर सरकार के गठन के कुछ ही महीने बाद दोनों की पार्टियों के बीच तनाव बढ़ने लगा था।नीतीश के दल जनता दल यूनाइटेड और लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के बीच रिश्‍तों की यह है टाइमलाइन इस प्रकार है:-

  • 2014 लोकसभा चुनावों में हार के बाद लालू यादव और नीतीश कुमार साथ आए. कांग्रेस को शामिल कर नाम दिया गया महागठबंधन।विधानसभा चुनावों में जदयू-राजद ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा।नतीजों में राजद को 80 और जदयू को 71 सीटें मिलीं।नीतीश कुमार मुख्‍यमंत्री बने और लालू के बेटे तेजस्‍वी डिप्‍टी सीएम।तब कहा गया कि तेजस्‍वी लालू के उत्‍तराधिकारी हैं।सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही तेजस्‍वी और तेजप्रताप की उम्र को लेकर विवाद उठा।एक अप्रैल 2016 से नीतीश ने बिहार में शराबबंदी घोषित कर दी।इस पर राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने नीतीश पर स्‍वार्थी होने का आरोप लगाया था।पूर्व उपमुख्‍यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी ने इस साल अप्रैल में मिट्टी घोटाले के जरिए तेजस्‍वी को घेरा।और आरोप लगाया कि तेजस्‍वी के मालिकाना हक वाली जमीन से निकाली गई मिट्टी चिडि़याघर में खपाई गई।तेजस्‍वी ने इससे इनकार किया।11 अप्रैल को सुशील मोदी ने लालू यादव पर बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप लगाया और एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के जरिए करोड़ों की जमीन परिवार के नाम कराने का आरोप लगाया।जमीन घोटाले के आरोप बढ़ने के बाद लालू अकेले पड़ने लगे।साथी दल जदयू के नेताओं ने लालू,तेजस्‍वी पर सफाई देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।17 जून को बीपीसीएल ने लालू के बेटे तेजप्रताप को जारी पेट्रोल पंप रद्द कर दिया।20 जून को आयकर विभाग ने लालू यादव, मीसा भारती, राबड़ी देवी और तेजस्‍वी यादव को नोटिस जारी किया।21 जून को आईटी विभाग ने मीसा भारती से 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति से जुड़े मामले में पूछताछ की।राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए उम्‍मीदवारी में जदयू ने रामनाथ कोविंद को समर्थन दिया।राजद ने मीरा कुमार का साथ दिया।कोविंद को समर्थन देने पर लालू ने नीतीश कुमार को फिर विचार करने को कहा, लेकिन जदयू पीछे नहीं हटी।सात जुलाई को सीबीआई ने लालू,राबड़ी और तेजस्‍वी के खिलाफ वित्‍तीय अनियमितता का केस दर्ज किया।मामला लालू के रेलमंत्री रहने के दौरान का है।11 जुलाई को मीसा भारती 8000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी के सामने पेश हुईं।राजद और जदयू के प्रवक्‍ताओं ने एक-दूसरे पर जमकर हमले किए।राजद ने नीतीश तो जदयू ने लालू-तेजस्‍वी पर करारे वार किए।तभी से लगने लगा था कि महागठबंधन अब ज्‍यादा दिन नहीं टिकेगा।26 जुलाई को बिहार के मुख्यमंत्री पद से नीतीश कुमार ने इस्‍तीफा दे दिया।

इस्तीफे के बाद लालू ने नितीश पर लगाया बड़ा आरोप कहा नीतीश कुमार के खिलाफ खुद दर्ज है मर्डर और 302 का केस…

नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद लालू प्रसाद ने उन पर बड़ा आरोप लगाया है।लालू ने कहा कि नीतीश जो कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं अपराध के मामलों में खुद आरोपी हैं।हमे चुनाव में सभी वर्गों को समर्थन मिला था।उन्होंने कहा कि सब जान कर नीतीश ने हमसे हाथ मिलाया था।लालू ने कहा कि जो खुद 302 के मुदालय हैं वो करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं।नीतीश जब मेरे से मिलने आये थे तो मैं तो खुद चारा घोटाले में चार्जशीटेड था फिर भी वो साथ आये।उन्होने इस इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।लालू ने कहा कि नीतीश कुमार की पहले से ही सेटिंग थी और मामला पूरी तरह से सेट था।उन्होंने कहा कि देश के पीएम उनके इस्तीफे के बाद खुद ट्वीट करते हैं जो अपने आप में बड़ी बात है और पूरी सेटिंग को दर्शाता है।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ खुद अपराध के कई संगीन मामले दर्ज हैं।लालू ने कागजातों के साथ पत्रकारों को इस बात के सबूत भी दिये।लालू ने कहा कि इस बात का हमें दुख है कि नीतीश ने जाते-जाते भी हमें बखूबी बदनाम किया है।ये वही नीतीश हैं 

जिन्होंने संघ मुक्त भारत के लिये हमसे हाथ मिलाया था।दिल्ली की सरकार ने जिसके साथ नीतीश का तलाक हुआ था तो सीएम ने कहा था कि मैं मिट्टी मे मिल जाउंगा लेकिन साथ नहीू जाउंगा,नीतीश का स्टैंड अब खत्म हो गया।मैने रात को भी उनसे बात की थी।गलतफहमी को दूर करने की बात की।लालू ने कहा कि हम भी नया नेता चुनेंगे। हमें सरकार को आगे चलाना है।लालू ने कहा कि मैं बिहार को राष्ट्रपति शासन की तरफ नहीं ढकेलना चाहता।उन्होंने कहा कि नीतीश को दो दिनोंं के बाद एक ऐसी मीटिंग करनी चाहिए जिसमें न नीतीश हों न तेजस्वी और एक नया सीएम चुनें।लालू ने कहा कि मैंने खुद नीतीश से बात की थी लेकिन उन्होनें कभी इस्तीफा नहीं मांगा था।लालू ने कहा कि हमारा महागठबंधन अभी नहीं टूटा है केवल सीएम ने इस्तीफा दिया है।तेजस्वी से नीतीश ने सिर्फ सफाई मांगी थी।हमने कहा कि लोगों के समक्ष अगर हम केस को लेकर जायेंगे और सफाई देंगे तो इससे जांच एजेंसी को हमें केस में फंसाने में मदद मिलेगी।लालू ने कहा कि हमारे वकीलों ने हमें प्रेस में न बोलने की हिदायत दी थी इस कारण हम लोगों के समक्ष सफाई नहीं दे रहे थे।मीडिया से बात करने के बाद लालू चारा घोटाले में पेशी के लिये रांची रवाना हो गये।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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