बिहार में नहीं थम रही हिंसा, 14 दिन में 4 जिलों में हुआ उपद्रव…
सुबह करीब सात बजे लोगों की भीड़ जुटी और उपद्रव शुरू हो गया।दोनों ओर से पत्थरबाजी की गई।हंगामा कर रहे लोगों ने मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया।कई फोटोग्राफर के कैमरे तोड़ दिए गए और बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।उपद्रव की सूचना मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया।
नवादा बिहार में लगी सांप्रदायिक तनाव की आग थमने का नाम नहीं ले रही है।14 दिनों में यह आग चार जिलों तक पहुंच गई है।इसकी शुरुआत 17 मार्च को भागलपुर में हुए उपद्रव से हुई थी।इसके बाद समस्तीपुर और शेखपुरा में दो समुदाय के लोगों में झड़प हुई।ताजा घटनाक्रम में शुक्रवार 30 मार्च सुबह एक धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचने के बाद उपद्रव हुआ।उपद्रवियों ने सड़क जाम किया और बस,ट्रक और अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़ की।उग्र लोगों ने एक दुकान और बाइक को आग लगा दिया।दोनों पक्ष के लोगों
ने एक-दूसरे पर पथराव किया।मौके पर पहुंची पुलिस ने हवाई फायरिंग और लाठीचार्ज कर स्थित पर काबू पाया।धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचने से लोग दूसरे पक्ष से नाराज थे।सुबह करीब सात बजे लोगों की भीड़ जुटी और उपद्रव शुरू हो गया।दोनों ओर से पत्थरबाजी की गई।हंगामा कर रहे लोगों ने मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया।कई फोटोग्राफर के कैमरे तोड़ दिए गए और बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।उपद्रव की सूचना मिलते ही मौकेपर भारी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया।पुलिस कर्मियों ने पहले शांति से लोगों को समझाने की कोशिश की,लेकिन कोई सुनने को तैयार न था।इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर
दिया।जो कोई सड़क पर पुलिस के हाथ लगा उसे पीटा गया।भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी।नवादा के डीएम कौशल कुमार ने कहा कि अभी स्थिति नियंत्रण में है।मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।गौरतलब है कि बिहार में पिछले कुछ दिनों से लगातार सांप्रदायिक हिंसा हो रही है।हिंसा की शुरुआत दरभंगा में एक चौक का नाम बदलने से हुई थी।इसके बाद 17 मार्च को जुलूस के दौरान भागलपुर में हिंसा हुई।इस मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे
अर्जित आरोपी हैं।इसके बाद समस्तीपुर के रोसड़ा में दो पक्ष के लोग आमने-सामने आ गए।वहीं, बुधवार 28 मार्च को भी शेखपुरा में भी हिंसा हुई थी।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर