प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पटना आगमन को लेकर राजधानी पटना के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात हैं।प्रधानमंत्री अभी पटना में ही थे कि पुलिस ने एक फर्जी आईपीएम अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया।हुआ यूं कि पीएम के आगमन से ठीक पहले सचिवालय चौराहा के पास सुरक्षा बलों की टीम में ही एक फर्जी आईपीएस अधिकारी मयंक मृणाल भी तैनात था।पटना पुलिस को लिए पीएम के आगमन से ऐन पहले इस तरह की गिरफ्तारी एक बड़ी कामयाबी मानी जा सकती है।हालांकि,मृणाल के फर्जी आईपीएस बनने के पीछे की कहानी अभी तक स्पष्ट नहीं हो पायी है।पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है।आपको बतादें कि जिस सड़क से प्रधानमंत्री का काफिला गुजरने वाला था,ठीक उसी सड़क (बेली रोड) से फर्जी आईपीएस की गिरफ्तारी संभव हो पायी है।आप को बताते चले की थाने में मृणाल से पूछताछ पर पता चला कि वो फ्रेजर रोड पटना का रहनेवाला है।पिता विनोद कुमार आरबीआई में मैनेजर हैं।मृणाल शुरु से आईपीएस बनना चाहता था।अपने इसी सपने को पूरा करने के फेर में ये भूल कर बैठा,उसके दोस्तों ने बताया कि वह इसके पहले भी ऐसा कर चुका है।शुरु से ही जिद्दी स्वभाव का था।पुलिस ने उसको काम में बाधा डालने और फर्जी आई०पी०एस० अधिकारी बनने आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।आपको बतादें कि जिस सड़क से प्रधानमंत्री का काफिला गुजरने वाला था,ठीक उसी सड़क (बेली रोड) से फर्जी आईपीएस की गिरफ्तारी संभव हो पायी है।मिली जानकारी के मुताबिक यह आइपीएस अधिकारी पटना सचिवालय चौराहा के पास खड़ा था और काफी आत्मविश्वास के साथ पीएम की सुरक्षा में लगे जवानों को दिशा-निर्देश दे रहा था।यह फर्जी आइपीएस अधिकारी इतनी बखूबी से असली आइपीएस अधिकारी होने का नाटक कर रहा था कि पहले तो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे पदाधिकारियों को भी समझ में नहीं आया कि यह एक फर्जी आइपीएस अधिकारी है।पुलिस को शक होने पर उस फर्जी आइपीएस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया।फिलहाल सचिवालय थाना पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है।
हम आपको बतादें कि बिहार पुलिस इस गिरफ्तारी को पीएम सुरक्षा केलिहाज से एक बड़ी कामयाबी मान रही है।वैसे पीएम की सुरक्षा में विभिन्न घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा कमांडो तैनात रहते हैं,साथ ही सुरक्षावाली बुलेटप्रुफ बीएमडब्ल्यू 7 में सफर करते हैं।इसके अलावा उनके काफिले में साथ-साथ ऐसी ही दो डमी कारें चलती हैं,लेकिन किसी भी तर्क से पीएम और संसद की सुरक्षा पर लगी इस बड़ी सेंध को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता।
आप को बताते चले की पटना पुलिस की तीसरी आँख ने किया कमाल,गांधी मैदान टेंट सिटी से 7 चोर रंगे हाथ गिताफ्तार,350वे प्रकाश पर्व के महाआयोजन के दौरान एसएसपी पटना मनु महाराज द्वारा सुरक्षा खातिर पुरे शहर विशेष कर श्रद्धालुओं के रहने खातिर बने टेंट सिटीज में लगवाए गए 350 सीसीटीवी कैमरों ने कमाल कर दिया है।पटना के गांधी मैदान में लगे सीसीटीवी कैमरे ने श्रद्धालियों के बीच मौजूद चोर उचक्कों और पॉकेटमारो न केवल सारी गतिविधियां की वीडियो फुटेज कैद कर ली बल्कि इन परदेशी चोरो की गिरफ्तारी में अहम भूमिका भी निभाई है।विदित हो कि गांधी मैदान टेंट सिटी से लगातार चोरी और कीमती सामानों के गायब होने की शिकायतों के बाद बुधवार को एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर कंट्रोल रूम में पॉकेटमारों पर नजर रखा गया।सीसीटीवी कैमरे में नजर आते ही सादे लिबास में तैनात सुरक्षा कर्मी उन्हें रंगे हाथ दबोच लेते।पुरे गांधी मैदान टेंट सिटी में लगे सीसीटीवी की मदद से बुधवार को कुल 7 चोरो को रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
उनसे चोरी के सामान भी बरामद किये गए।ये सभी गुरु पर्व में शामिल होने पंजाब के विभिन्न जिलों से पटना आये थे।सभी गिरफ्तार गांधी मैदान टेंट सिटी के विभिन्न ब्लॉकों में ठहरे थे और मौका मिलते ही अन्य श्रद्धालुओं के कीमती मोबाइल और कैश पर हाथ साफ कर देते थे।तीसरी आँख से मिली इस सफलता के बाबत वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पकडे गए पॉकेटमारों के पास से चोरी के सामान और नकद रूपये भी मिले है।उनसे पूछताछ के आधार पर अभी इनसे और भी सामना भी बरमाद हो सकता है साथ ही इनके साथियों की गिरफ़्तारी की कार्रवाई चल रही है।साथ ही लगतार पटना पुलिस की तीसरी आँख जरायमपेशा और एंटी सोशल एलीमेंट्स की गिरफ्तारी खातिर कारगर भूमिका में है।