एक चर्चित वेबसाइट से ली गई ये खबर पढ़ चौकियगा जरुर पर सत्य यही है ये बहुत तेजी से सोशल मीडिया और व्हात्सप्प पर वायरल भी हो रहा है।आपको बताते चले की बहराइच जंगल बुक के मोगली के बारे में तो हर कोई जानता है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूपी के बहराइच के जंगल से पुलिस को 8 साल की एक ऐसी रियल ‘मोगली गर्ल’ मिली है जो बंदरों के झुंड में रहती है।खास बात ये है कि वो न तो हमारी-आपकी तरह बोल पाती है और न ही व्यवहार करती है।सब इंस्पेक्टर सुरेश यादव ने बताया कि कतर्नियाघाट के जंगल के मोतीपुर रेंज में जब वो रोज की तरह गश्त पर थे।तभी उनकी नजर एक लड़की पर पड़ी जो बंदरों के एक झुंड में थी।बंदर जब एक-दूसरे पर चिल्ला रहे थे तो लड़की भी उन्हीं की तरह ही व्यवहार कर रही थी।लेकिन वो बिल्कुल नॉर्मल थी।सुरेश यादव जब अन्य पुलिस वालों की मदद से उसके पास से बंदरों को दूर भगाने की मशक्त कर रहे थे तो बंदर उन पर गुर्रा रहे थे।पुलिस उस वक्त शॉक्ड हुई जब वो लड़की भी पुलिस वालों पर अपनी भाषा में गुस्साने लगी।हालांकि, पुलिस लड़की को बंदरों के झुंड से निकालने में कामयाब रही।लड़की के शरीर पर चोटों के निशान थे।जख्मी बच्ची को सब इंस्पेक्टर ने मिहीपुरवा के सामुदायिक स्वास्थ्य में भर्ती कराया गया।हालत में सुधार न होने पर बाद में बच्ची को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया।यहां धीरे-धीरे उसकी हालत में सुधार आ रहा है।पुलिस ने बताया कि लड़की बंदरों के बीच नग्न अवस्था में मिली थी।उसके बाल और नाखून बढ़े हुए थे।कई दिनों पहले गांव वालों ने भी इस लड़की को देखा था, उन्होंने लड़की को बंदरों से बचाने की कोशिश भी की, लेकिन बंदरों के झुंड ने गांव वालों पर हमला कर दिया।गांव वालों ने ही लड़की के बारे में पुलिस को बताया था।पुलिस कई दिनों से लड़की को खोजने के लिए जंगलों में गश्त कर रही थी।बहराइच जिला अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, ये बच्ची डॉक्टरों और
इंसानों को देखते ही चिल्लाने लगती है।ये न तो हमारी भाषा समझ पाती है और न ही कुछ ठीक से बोल पाती है।इस वजह से बच्ची का उपचार करने में भी दिक्कत आ रही है।अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि ये ठीक से खाना भी नहीं खा पाती है।थाली के खाने को जमीन पर फैला देती है,फिर बिल्कुल बंदरों की तरह जमीन से खाना उठाकर खाती है।वो अपने दोनों पैरों पर ठीक से खड़ी भी नहीं हो पाती है,क्योंकि ये बंदरों की तरह दोनों हाथों और पैरों से चलती है।डॉक्टर और वन्यकर्मी मिलकर बच्ची के व्यवहार में सुधार करने में जुटे हैं और उनका दावा है कि बच्ची अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।