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पुलिस के नये मुखिया करेगे,अपराध और नशा मुक्त बिहार,होगी भ्रष्टाचार पर कड़ी करवाई, खुद रखे है पैनी नजर, कानून का साम्राज्य होगा स्थापित…

बिहार वासियों कॊ मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार और उप मुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी ने काफी सोचकर काफी कड़क और माफियाओं पर करवाई करने वाले काफी ईमानदार डीजीपी उपलब्ध कराया है।बिहार मे डीपी ओझा के पश्चात कानून का हनक दिखाने की शुरुआत पूर्व डीजीपी आशीष रंजन से किया गया।लचर पंचर थानों को काफी हद तक ठीक किया गया। भयभीत बिहार बासी सड़कों पर शाम मे और रात मे निकलने लगे।युवती और बाइक सवार रात्रि मे आने जाने लगे।रेल मे नशा खीरोनी गीरोह पकड़े जाने लगा।पुलिस जनता की सुनने लगी।ईमानदार एसपी कॊ जिलों मे जगह मिलने लगे।ये हुआ डीजीपी आशिष रंजन के समय से शुरुआत।अब चुस्त दुरुस्त प्रबंध कॊ और बेहतर ढंग से कानून का हनक दिखाया जायेगा।तेज तर्रार पूर्व डीजीपी श्री पीके ठाकुर की कमी कॊ पुरा करना संभव होगा

  • क्या पुलिस वास्तव मे इंसान बनेगी ?
  • क्या पुलिस अपना शपथ भूल गये है ?
  • क्या कई डीएसपी आज भी महीना लेते है ?
  • क्या शराब बंदी अभियान कारगर सफल होगा ?
  • क्या पुलिस जनता की सेवक बनेगी या मालिक ?
  • क्या थानों पर पीडित को ही फटकार मिलते है ?
  • क्या पुलिस जाती,धर्म,अपना देख कर पक्षपात कर रही है ?
  • क्या पुलिस माफिया और दलालो के हाथों की कठपुतली है ?
  • क्या पुलिस मे माफिया राज और दलाल राज खत्म होगे ?
  • क्या पुलिस गलत कॊ गलत और सत्य कॊ सत्य करार देगी ?
  • क्या थानों पर सत्य को गलत और गलत कॊ सत्य बनया जाता है ?
  • क्या पुलिस पर जनता उनके संगति उनके कार्य देख विश्वास नही करती ?
  • क्या थानों पर पीडितों के बदले आरोपी को मदद करना पलिस बंद करेगी ?
  • क्या थानों पर आज भी ग्स्ती की गाड़ी कई-कई गाँवों मे सालो तक नही जाते ?
  • क्या कई एसएसपी या कई एसपी पसंदीदा थाना देने मे आज भी रकम लेते है क्या ?
  • क्या अवैध कमाई को लेकर अनुसंधान मे पुलिस द्वारा माफिया और अपराधी कॊ मदद मिल रहे है ?
  • क्या पुलिस उच्च अधिकारी से करवाई नही होने की शिकायत पर पीडित को प्रताड़ना करती है ?
  • क्या माफिया को मदद पुलिस सूचक कि सूचना कॊ गलत साबितकर उच्च अधिकारी के समक्ष सीना फूला लेते है ?
पूर्व डीजीपी बिहार श्री पीके ठाकुर

या नहीँ ये समय तय करेगा।क्योंकि श्री ठाकुर ने अपने कार्य से काफी लोकप्रियता हासिल किया था।श्री ठाकुर की बनाई पुलिस टीम के उच्च अधिकारी काफी कुशल कार्य किये।जिसमे आईजी सुनील कुमार मुजफ्फरपुर, एसपी रंजीत मिश्रा, डीआईजी राजेश कुमार, डीआईजी विकास वैभव,एसपी निशांत तिवारी, एसएसपी मनोज कुमार समेत कई आईपीएस है जो पुलिस विभाग का नाम उचां किये है।ऐसे कई आईपीएस है जो कारगर पद पर है।और ऐसे कई आईपीएस है जिन्हे बड़ी जिम्मेवारी वाले पद समय अनुसार मिलना आवश्यक है। श्री ठाकुर की टीम मे एसएसपी मनु महाराज का नाम काफी चर्चा मे रहा। श्री ठाकुर सीधा थाना तक पर निगाहें रखते थे। भ्रष्ट पुलिस वालो को 

करवाई कर श्री ठाकुर ने इतिहास रचा है।अपने कुशल कार्य से उन्होने काफी लोकप्रियता हासिल किया ग्रामीण इलाके मे उन्हे मित्र माना जाता है।पुलिस विभाग मे अब सबसे बड़ी चुनौति है की थानों की पुलिस अपनी कमाई कॊ लेकर उच्च अधिकारी को गुमराह कर देते है।गुप्त सूचना देने वालो का नाम लीक कर देते है।इस खेल मे कई डीएसपी भी शामिल है।इसमें शराब माफिया कॊ मदद इन्ही पुलिसवालो द्वारा पहुचाया जा रहा है। कई जिलों मे एसएसपी और एसपी का फरमान कागजों मे पड़ा हुआ है। थानों के पुलिस के दलील के सामने एसपी और कई एसएसपी मौन धारण कर रहे है। आज भी बिहार मे कई थानेदार और

डीएसपी कई एसएसपी और कई एसपी है जो शराब माफिया को मदद कर रहे है।जो माफिया और भ्रष्ट राजनीति दल वालो के शह पर कई जगह फैले हिंसा मे भी मददगार हुये,जाती और कमाई कॊ तह्जिब दे रहे है।इसमे चिन्हित कर आगे भविष्य की शांति के लिये और कानून की हनक के लिये इन पक्षपात करने वाले माफिया के हाथो के कठपुतली बने हुये पुलिस वालो को उनके योग्य पद देना आवश्यक है।कई आवश्यक तबादला और कई पर कड़ी करवाई आवश्यक है।कई जो आर्थिक अपराध इकाई,उत्पाद विभाग, जोन मे जमे हुये है।जो आज कई आलाधिकारी कॊ गुमराह कर रहे है उन्हे चिन्हित कर उन पर आवश्यक करवाई आवश्यक है।तबादला पर पूर्व के कई पुलिस वाले अपने जगह को छोड़ने पर भी माफिया के लिये सेंटर का कार्य कर रहे है।जो काफी शर्मनाक है।बिहार पुलिस की हालत 2004 और 2005 से सुधरना आरम्भ हुए मगर दुर्भाग्य है।थानों के भ्रष्टाचार नही गये,जिसका नतीजा शराब बंदी विफल हो रहा है।इंसान थानों पर नही जाते है।

थानों पर जब कोइ कार्यक्रम या बैठक होते है उसमे अधिकाँश माफिया या दलाल या भ्रष्ट नेता कॊ तहजीव दिया जाता है।कमाई कराने वालो को प्रथम प्रमुखता कई थानों पर दिया जाता है।ईमानदार होने और ईमानदारी का पाठ पढ़ाना आवश्यक है।थानों की माली हालत पर सीसीटीवी कैमरा और निगरानी का ध्यान और समय समय पर उच्च अधिकारियो का निरीक्षण होना आवश्यक है।पुलिस के उच्च अधिकारी गाँवों मे ईमानदार से सम्पर्क करे और पल पल की गतिविधि पर ध्यान दे ताकि उन्हे अपराध कंट्रोल मे शराब बंदी मे,शांति स्थापीत करने मे मदद मिलेंगे।लोकल थानों के पुलिस की निकट से माफिया और दलाल,अपराधी से तालमेल देख कर जनता खुद पर खतरा समझ कर पुलिस कॊ मदद नही करना चाहती है यहा तक गुप्त सूचना डीएसपी और एसएसपी और एसपी तक से लीक हो जाते है।इसके कारण जनता कहती है फ्री मे मदद करो और जान से जाओ और पुलिस के गलत केस मे जेल जाओ ऐसा कितने के साथ धटना हुए है।जिनका हत्या हुये है,और कितने पर गलत केस हुये है।जो उनके घर तक उजड़े है,मगर अब लगता है कड़क और तेज तर्रार डीजीपी के आने से पुलिस काफी ईमानदार होगी और जनता की मित्र होगी।अपराधी पर शामत बनेगी और पीड़तों का हमदर्द बनेगी,माफिया और दलाल का राज खत्म होगा और भ्रष्ट पुलिस वालो को उनके योग्य पद मिलेंगे।सम्भावना है की श्री ठाकुर की जो कारगर टीम थे उनमे बेहद पैमाने पर तबादला कर और ईमानदार और लोकप्रिय आईपीएस कॊ शामिल कर नई टीम तैयार किया जायेगा कई जिलों मे एसएसपी और एसपी समेत थानाध्यक्ष,डीएसपी का तबादला होना तय लगता है।आपको मालुम हो की जिनका कार्य दागदार होगे उन्हे उनके योग्य पद दिया जाना तय है।ऐसा माना जा रहा है की नये डीजीपी अपराधियों पर 

और शराब माफियाओं पर कहर बरसायेगे जिनकी जो कार्य मे उपलब्धि होगे उन्हे वैसा ही पद मिलेगा,पुलिस मुख्यालय से लेकर जिलों तक आवश्यक निर्णय लेकर तबादला सम्भव है।इस दिशा मे पुलिस मुख्यालय का कार्य आरंभ हो गये है।डीजीपी सीधा जोनल इलाके का दौरा कर तमाम परिस्तिथियों की जाँच कर हर केस की समीक्षा करने की और तमाम गरबड़ी सुधारने मे लग गये है।सबसे पहले मुजफ्फरपुर का दौरा होना तय है जिसमे कई करवाई का संकेत है।मुजफ्फरपुर के दौरा से डीजीपी पुलिस की कार्य प्रणाली कॊ परखेगे,हर थानों की कार्य की समीक्षा होना तय है। ऐसा पूर्व मे पूर्व डीजीपी श्री अभ्यांद ने किया था जिन्होने काफी करे अंदाज़ मे मुजफ्फरपुर का कई केस का समीक्षा किये थे और कई भ्रष्ट पुलिसवाले बर्खास्त हुये थे और कई निलंबित हुये थे। उसके पश्चात पूरे देश मे बिहार की करवाई मिसाल बना था। वर्तमान डीजीपी लगता है और काफी कड़ी और बड़ी करवाई की योजना मे है। क्योंकि डीजीपी किसी हालत मे माफिया राज और शराब का करोबार बर्दाश्त करने के मुंड मे नही है। काफी ईमानदार और देवता तुल्य

डीजीपी हर हाल मे कानून का साम्राज्य चाहते है।जनता की सुरक्षा पर उनका काफी ध्यान लगता दिखता है।भय,भ्रष्टाचार,अपराध, गोरखधँधा मुक्त बिहार बनाने की दिशा मे डीजीपी का कार्य लगता है आरम्भ कर दिये है।जनता को इनसे काफी अरमान है।नीतीश सरकार कॊ कोई गरबड़ी बर्दाश्त नहीँ है,जनता ने सुशासन की सरकार कॊ सर आँखो पर बैठाया है।सरकार किसी हालत मे माफियागिरी और अपराध होना बर्दाश्त करने के मुंड मे नहीँ है यूपी को बिहार और बिहार को यूपी का लाल संभाले और देश मे बिहार की शांति मिसाल बने,यही उद्देश से सरकार ने इतना बड़ा कदम उठाया और केएस द्रीवेदी को डीजीपी बनाया।कानून व्यवस्था की स्थिति की बाबत यह दोनो प्रदेश की सरकार का यह बड़ा फैसला है।काफी आश्चर्य जनक पदस्थापना किया गया जो खुद मे मिसाल है।अपनी कुशल कार्य से डीजीपी मिसाल कायम किये है।बिहार पुलिस में अपनी अलग पहचान रखने वाले डीजीपी श्री कृष्ण स्वरूप द्रिवेदी बिहार के नए डीजीपी बनाये गए है।श्री

केएस द्रिवेदी यूपी के रहने वाले है जबकि यूपी में इस वक़्त बिहार के गया के रहने वाले ओपी सिंह डीजीपी है,केएस द्रिवेदी की पहचान एक कर्मठ और कड़क और अपराधियों से सीधा लोहा लेकर जड़ से सफाया करने का इतिहास है कई कारगर कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी के रूप में रहे है।एसपी से लेकर डीजीपी बनने तक के सफर में श्री द्रिवेदी ने सिर्फ अपने काम के बदौलत शोहरत पाई है।भारतीय पुलिस सेवा के 1984 बैच के अधिकारी श्री केएस द्रिवेदी कई बड़े बड़े दंगे को भरकने से नियंत्रित किया है।बतौर पुलिस कप्तान रहते हुए उन्होंने कई मिसाल पेश किया।इसके बाद वो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए।सीआरपीएफ में रहते हुए कई ऑपरेशन की कमान उन्होंने खुद संभाला।लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में रहने के बाद जब बिहार में लौटे तो उन्हें आईजी ऑपरेशन की जिम्मेवारी मिली।इस पद पर रहते हुए उन्होंने एसटीएफ को एक नई पहचान दी।तीन बड़े नक्सली नेताओ की गिरफ्तारी उनकी उपलब्धि है।नक्सलियों के खिलाफ कारगर ऑपरेशन में इन्होंने बड़ी भूमिका निभाई।फिलहाल वे डीजी ट्रेनिंग के पद पर थे,नये डीजीपी किसी भी आॅपरेशनों मे किसी राजनीति हस्तक्षेप पसंद नहीँ करने वाले है,हर धर्म और हर जाती को एक समान समझने वाले है,बिहार बासी कॊ डीजीपी से कई अरमान है,जनता बिहार कॊ भयमुक्त,अपराध मुक्त,नशा मुक्त देखना चाहती है,जनता को श्री नीतीस और श्री मोदी से काफी आशा है।अब डीजीपी भी जनता के अरमानों को पुरा

करने और सरकार के सपनो कॊ साकार करने खुद जोन स्तर पर दौरा करने निकाल पड़े है।काश हर राज्य मे ऐसा कड़क लोकप्रिय डीजीपी होते तो आज पुलिस का शान हर राज्य मे बढ़ता।बिहार में पुलिस की कार्यशैली को सुधारना और पुलिस  कर्तव्यनिष्ठ बनाना जिम्मेवारशील बनाना एक उच्च अधिकारी के बहुत बड़ी चुनौती है जिसके सुधार के लिए उच्च अधिकारियो को जनता से सीधा संवाद करना आवश्यक है।पुलिस विभाग में आवश्यकता है प्रवीन कुमार मिश्रा और किशनगंज थानाध्यक्ष अफताब आलम जैसे थानाध्यक्षो की जिन्होंने कई बड़े बड़े सराहनीय कार्य करके पुलिस विभाग का सीना ऊँचा किया है…

रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह 

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