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पुलिस कर्मी से हथियार के बल पर छिनतई…आरोपी पुलिस के ग्रिफ्त में…

डे मार्केट रेलवे ओवर ब्रिज के निकट पुलिस कर्मी से हथियार के बल पर छिनतई करने का मामला प्रकाश में आया है।गुरुवार संध्या घटित घटना के पश्चात पूरे शहर में सनसनी फैल गई।हालांकि पीड़ित पुलिस जवान विनित कुमार द्वारा शोर मचाए जाने पर घटनास्थल पर पहुंचे अन्य पुलिस जवानों ने नाटकीय घटनाक्रम के बाद चार युवकों को धर दबोचा।पीड़ित जवान के लिखित शिकायत के आधार पर टाउन थाना में कांड संख्या 40/17 दर्जकर पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार युवकों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।वहीं भागलपुर के इस्माइलपुर निवासी पीड़ित जवान ने बताया कि गुरुवार संध्या वह पैदल पुलिस अधीक्षक कार्यालय जा रहा था।इसी दौरान रेलवे ओवर ब्रिज के निकट हथियार से लैश युवकों ने बेरहमी से उनकी पिटाई कर दी व उनके गले से सोने की चेन व लॉकेट छीनकर फरार हो गए थे।पीड़ित द्वारा शोर मचाए जाने पर डे मार्केट में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने दूर तक पीछा कर तीन युवकों को धर दबोचा।जबकि शेष अन्य युवक फरार हो जाने में सफल रहे। वहीं थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार राय ने बताया कि गिरफ्तार जफर अली पिता हैदर,रूईधासा खानकाह निवासी,राहूल सिंह पिता राज कुमार सिंह,रूईधासा निवासी और दीपक मंडल पिता दुर्गा मंडल,लोहारपट्टी निवासी निवासी से पूछताछ के आधार पर एक अन्य युवक सत्यम दास पिता शंकर दास,रूईधासा कस्टम चौक निवासी को गिरफ्तार किया गया है।जबकि घटना में शामिल अन्य युवकों की तलाश की जा रही है।बताया गया कि चारों युवक उसी जगह में फिर से लूट की घटना को अंजाम देने के फिराक में थे, जहां पुलिस कर्मियों की चपेट में गए। सभी स्कूली छात्र हैं जिसमें जफर अली, दीपक मंडल, राहुल सिंह, सत्यम दास पर किशनगंज थाने में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। जिसमें एक नाबालिग होने के कारण पूर्णिया बाल सुधार गृह भेजा गया है।किशनगंजमें पुलिस भी सुरक्षित नहीं बताते चले की गणतंत्रदिवस या स्वतंत्रता दिवस के दिन सीमा से लेकर मुख्यालय तक सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम स्थानीय पुलिस द्वारा की जाती है,लेकिन प्रशासन के नाक के नीचे मुख्यालय के बीचोंबीच पुलिसकर्मी पर हमलाकर छिनतई की घटना लोगों के बीच जोरों शोर से चर्चा में है। लोग यह कहते पीछे नहीं हट रहे जब पुलिस से दिन दहाड़े लूट तो आम जनता भगवान भरोसे।लोगों का कहना है कि आखिर स्कूली छात्र को ऐसे पैसे की क्या जरूरत पड़ गई जो पुलिसकर्मी पर हमला कर लुटना पड़ा।इस संबंध में एसडीपीओ कामिनी बाला ने बताया कि पुलिस मामले की गहराई से अनुसंधान कर ये पता लगाने की कोशिश कर रही है की आखिर युवाओं को पैसे के लिए अपराध की घटना को क्यों अंजाम क्यों देना पड़ा जिसकी जांच की जा रही है।

रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह 

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