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पाकिस्तान से लगे राजस्थान बार्डर,पंजाब बार्डर व कश्मीर सीमा तक पहुंच गए थे आतंकी, नक्शा भी बनाया था लेकिन हर कोशिश नाकाम…

पिछले दिनों उज्जैन में हुए ट्रेन ब्लास्ट के आरोपियों ने लखनऊ में पीएम की दशहरा रैली में भी बम प्लांट किए थे। हालांकि,ये बम फट नहीं सके थे।NIA की जांच रिपोर्ट्स के मुताबिक,गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में ये खुलासा हुआ है।न्यूज एजेंसी के मुताबिक,NIA ने गुरुवार को उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट के दो आरोपियों मोहम्मद दानिश और आतिफ मुज्जफर से पूछताछ की।इसमें उन्होंने कई राज उगले।आतिफ उन छह लोगों में से है,जिन्हें 7 मार्च को एमपी के उज्जैन में ट्रेन ब्लास्ट में अरेस्ट किया गया है।आतंकियों ने पिछले साल अक्टूबर में दशहरे पर लखनऊ के रामलीला मैदान में बम प्लांट करने का प्लान बनाया था।बम प्लांट भी किए गए लेकिन ये फट नहीं सके।बतादें कि इस रैली में नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।रैली को उस दौरान बीजेपी के इलेक्शन कैंपेन के आगाज के तौर पर देखा गया था।न्यूज एजेंसी के मुताबिक,NIA ने गुरुवार को उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट के दो आरोपियों मोहम्मद दानिश और आतिफ मुज्जफर से पूछताछ की।इसमें उन्होंने कई राज उगले।आतिफ उन छह लोगों में से है,जिन्हें 7 मार्च को एमपी के उज्जैन में ट्रेन ब्लास्ट में अरेस्ट किया गया है।आतंकियों ने पिछले साल अक्टूबर में दशहरे पर लखनऊ के रामलीला मैदान में बम प्लांट करने का प्लान बनाया था।बम प्लांट भी किए गए लेकिन ये फट नहीं सके।बतादें कि इस रैली में नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।रैली को उस दौरान बीजेपी के इलेक्शन कैंपेन के आगाज के तौर पर देखा गया था।दानिश ने जांच एजेंसी को बताया कि ग्रुप ब्लास्ट नहीं कर पाने से बहुत मायूस था।क्योंकि उनके लिए ये कट्टर आतंकी बनने का टेस्ट था।इस टेस्ट के लिए वे कई जगह बम प्लांट करने में फेल चुके थे।दानिश के मुताबिक-आतिफ मुज्जफर खुद को आतंकी मॉड्यूल का चीफ आमिर बताता

  • भोपाल-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामला… 
  • एनआईए ने आतंकियों से उगलवाए राज… 
  • ब्लास्ट नहीं कर पाने से मायूस थे आतंकी…
  • सीरिया जाने की 7 कोशिश, हर बार नाकाम रहे…
  • एयरफोर्स का स्टीकर लगी बाइक से ले गए थे बम…
  • एनआईए ने 16 मार्च को इस मामले की जांच शुरू की थी…
  • पीएम की रैली में ब्लास्ट के लिए डस्टबिन में छिपाया था बम…

था।उसने स्टील पाइप्स,झूमर के बल्ब से बम बनाया था।वह दूसरे आतंकी असिफ के साथ विस्फोट के लिए स्पॉट देखने गया था।आतिफ ने भी स्टेटमेंट में दानिश के बयान की पुष्टि की।कहा- हम कानपुर के मूलगंज से पटाखा की सामग्री खरीदना चाहते थे।मैंने रिटायर्ड एयरफोर्स जवान जीएम खान को एक बम दिया था।वह इसे इंडियन एयरफोर्स का स्टीकर लगी बाइक से लखनऊ ले गया था।आतिफ और उसके ग्रुप के मेम्बर 11 अक्टूबर को लखनऊ पहुंचे।यहां नया सिमकार्ड खरीदकर इससे फोन कर खान को बुलाया।उनका इरादा था कि बम को रैली की जगह या इसके आसपास रखा जा सके।दशहरा की रात से पहले आतिफ ने बम रैली वाली जगह एक डस्टबिन में छिपा दिया।ग्रुप बेसब्री से ब्लास्ट की न्यूज का इंतजार कर रहा था, लेकिन विस्फोट नहीं हो सका।दो दिन बाद आतिफ स्पॉट पर बम को देखने पहुंचा था।वहां सिर्फ कुछ तार मिले।7 मार्च को भोपाल से 70 किमी दूर कालापीपल में जबड़ी स्टेशन के पास भोपाल-उज्जैन पैसेंजर (59320) ट्रेन में ब्लास्ट हुआ था।10 लोग जख्मी हो गए थे।कोच में छेद हो गया।मामले के कुछ ही घंटों बाद पिपरिया पुलिस ने एक बस को टोल नाके पर रोककर तीन संदिग्धों को अरेस्ट कर लिया।बाद में यूपी के कानपुर और इटावा में गिरफ्तारियां हुईं।वहीं,लखनऊ में एक संदिग्ध आतंकी का एनकाउंटर कर दिया गया।एनआईए ने 16 मार्च को इस मामले की जांच शुरू की थी।उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार दानिश, आतिश और सैयद मीर ने सीरिया जाने की सात बार कोशिश की थी।वे देश की चारों ओर की बार्डर तक पहुंचे थे,लेकिन हर कोशिश नाकाम रही।ये पाकिस्तान से लगे राजस्थान बार्डर, पंजाब बार्डर,कश्मीर सीमा तक पहुंचे थे।इसके लिए नक्शा भी बनाया था।एक बार ये बार्डर तक पहुंच भी गए थे,लेकिन पकड़े जाने के डर से वहां से भाग आए।

रिपोर्ट-एक वरिष्ठ पत्रकार की रिपोर्ट…

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