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पंचायत एवं जिला स्तर की कार्यवाहियों में केवल चुने गए प्रतिनिधि ही शिरकत करे, मीडिया से शिकायत मिलती है तो उसपर सख्ती से कार्रवाई हो दबंगई की शिकायतों पर पटना हाईकोर्ट सख्त…

स्थानीय निकायों में चुनकर आए निरक्षर जनप्रतिनिधियों खासकर पत्नियों की जगह पतियों द्वारा कार्यवाही,कार्यकलापों और योजनाओं में हस्तक्षेप एवं दबंगई की शिकायतों को पटना हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है।हाईकोर्ट ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियोंके बदले नाते-रिश्तेदारों या किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा कार्य किए जाने को पूरी तरह से असंवैधानिक एवं प्रजातंत्र के लिए खतरनाक माना है।हाईकोर्ट ने इस पर रोकथाम के लिए राज्य चुनाव आयोग एवं मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं।कोर्ट ने मुख्य सचिव को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर यह बताने को कहा है कि पंचायत एवं जिला स्तर की कार्यवाहियों में केवल चुने गए प्रतिनिधि ही शिरकत करेगें।मुख्य सचिव हर सप्ताह स्वयं यह सुनिश्चित करें कि स्थानीय निकाय की कार्यवाहियों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में पत्नी की जगह पति शामिल नहीं हो पाए।यह फैसला न्यायाधीश ए.अमानुल्लाह की पीठ ने मुकेश कुमार पांडेय एवं अन्य की याचिकाओं पर करते हुए दिया।रूपम कुमारी शाही के एक मामले में के दौरान पटना हाईकोर्ट ने पाया कि 29 जून 2016 को कांटी पंचायत समिति में प्रमुख एवं उपप्रमुख के चुनाव में निर्वाचित प्रतिनिधियों के स्थान पर रिश्तेदारों का प्रभाव था।प्रतिनिधि मौन और प्रॉक्सी करने वाले मुखर थे।हाईकोर्ट ने कहा,यह कोई पहली घटना नहीं है। बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं कि पत्नी की जगह पति कार्यवाही में घुसपैठ कर मनमानी करते हैं। पत्नी को मुखौटा बनाकर रखा गया है।आखिर यह सब कब तक चलेगा?पति महिलाओं को स्वतंत्रता नहीं देना चाहता। पत्नियां खुलकर अपना विचार नहीं रख पाती हैं।बैठक में पति ही सारे निर्णय लेते हैं।चुनी गई महिला जनप्रतिनिधियों को उसको मिले कार्य से अलग कर दिया जाता है।हाईकोर्ट नेकहा,जिस व्यक्ति के लिए जो पद रिजर्व है,उसे अवसर मिलना ही चाहिए।कमजोर वर्ग के लिए गाइडलाइन दिया जाए।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी मुलाजिम कोई कार्रवाई नहीं कर ‘मुखियापति’ एवं ‘प्रमुखपति’ की बात भी मान लेते हैं।न्यायाधीश अमानुल्लाह ने कहा कि यह सब अब नहीं चलेगा।मुख्य सचिव स्वयं सुनिश्चित कराएं कि कार्यवाही में केवल चुने गए जनप्रतिनिधि ही भाग लें।इसके बाद भी किसी मीडिया से शिकायत मिलती है तो उसपर सख्ती से कार्रवाई हो।वरीय अधिकारी घटना की जानकारी मुख्य सचिव को दें ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके।इसके लिए पंचायत राज विभाग के प्रधान सचिव कार्यवाही संबंधित रजिस्टर खुलवाएं जिसमें सभी बातें अंकित की जाए।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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