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दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि की पूजा है:-गुरु साकेत महाकाल मंदिर किशनगंज के पुजारी….

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।सर्व मंगलमंगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौड़ी नारायणी नमोस्तुते।।

हीं कालरात्रि श्री कराली च क्लीं कल्याणी कलावती। कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥ कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी। कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥ क्लीं हीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी। कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा ॥

दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं।दुर्गापूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है।माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है,लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देनेवाली हैं।इसी कारण इनका एक नाम शुभंकारी भी है।अतःइनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है।माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करनेवाली हैं।दानव,दैत्य,राक्षस,भूत,प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं।ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं।ये बाते किशनगंज महाकाल मंदिर के पुजारी गुरु साकेत ने कहा आपको बताते चले की इनके उपासकों को अग्नि-भय,जल-भय,जंतु-भय,शत्रु-भय,रात्रि-भय आदि कभी नहीं होते।इनकी कृपा से वह सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है,माँ कालरात्रि के स्वरूप-विग्रह को अपने हृदय में अवस्थित करके मनुष्य 

करालवंदना धोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम्।कालरात्रिं करालिंका दिव्यां विद्युतमाला विभूषिताम॥दिव्यं लौहवज्र खड्ग वामोघोर्ध्व कराम्बुजाम्।अभयं वरदां चैव दक्षिणोध्वाघः पार्णिकाम् मम॥महामेघ प्रभां श्यामां तक्षा चैव गर्दभारूढ़ा।घोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत पयोधराम्॥सुख पप्रसन्न वदना स्मेरान्न सरोरूहाम्।एवं सचियन्तयेत् कालरात्रिं सर्वकाम् समृध्दिदाम्॥

को एकनिष्ठ भाव से उपासना करनी चाहिए।यम, नियम, संयम का उसे पूर्ण पालन करना चाहिए।मन, वचन,काया की पवित्रता रखनी चाहिए।नवग्रह,अधर्म पर धर्म की जीत,असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक श्री श्री 108 चैत्र नवरात्री महापूजा आपके जीवन पथ के तमाम विघ्न-बाधाओं और बुराईयों को समाप्त कर आपके जीवन यात्रा को सुख,समृद्धि,शांति

और खुशियों से भर देता है।इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ चैत्र नवरात्री महापूजा की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनाएँ एवं ढ़ेर सारी बधाईयाँ।चैत्र नवरात्री महापूजा के इस पावन बेला में हमें समाज और राष्ट्र में व्याप्त तमाम बुराईयों को समाप्त कर बेहतर समाज और बेहतर राष्ट्र के नव-निर्माण करने का संकल्प लेना चाहिए। 

POSTED BY-DHARMENDRA SINGH

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