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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव को तीन साल की सजा…

कोयला खदान आवंटन घोटाला से जुड़े एक मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को एक विशेष अदालत ने शनिवार को तीन साल की कैद की सजा सुनायी।विशेष अदालत ने कैद की सजा सुनाने के अलावा कोड़ा पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया,जबकि गुप्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु और तत्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी सलाहकार विजय जोशी को भी तीन साल की कैद की सजा सुनायी गयी।झारखंड में राजहरा उत्तरी कोल ब्लाॅक का कोलकाता स्थित एक निजी कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (विसुल) को आवंटन के मामले में भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त रहने और आपराधिक साजिश रचने के लिए यह सजा दी गयी।विशेष न्यायधीश भारत पराशर ने निजी कंपनी को दोषी ठहराया और उस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।कोड़ा सहित दोषी करार दिये गये लोगों को दो महीने की सांविधिक जमानत दी गयी है,ताकि इस दौरान वह दिल्ली उच्च न्यायालय में उन्हें दोषी ठहराये जाने और जेल की सजा को चुनौती दे सकें.दोषियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश रचने) 420 (धोखाधड़ी) और 409 (लोक सेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मुकदमा चला था।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा था कि कंपनी ने 8 जनवरी 2007 को राजहरा उत्तरी कोयला ब्लॉक के लिए आवंटन के लिए आवेदन किया था।

सीबीआई ने कहा था कि हालांकि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईएसयूएल को कोल ब्लॉक आवंटन के लिए सिफारिश नहीं भेजी थी,लेकिन 36वीं स्क्रीनिंग समिति ने कोयला ब्लॉक दोषी कंपनी को आवंटन करने की सिफारिश की थी।सीबीआई ने कहा कि उस समय स्क्रीनिंग समिति के चेयरमैन रहे गुप्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से तथ्यों को छुपाया।तब मनमोहन सिंह के पास ही कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था।उनसे इस तथ्य को छुपाया गया कि झारखंड ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटन के लिये सिफारिश नहीं की है।

फैसले की खास बातें…

  • झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को कोयला घोटाला मामले में विशेष अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनायी।
  • मधु कोड़ा पर 25 लाख रुपये और एचसी गुप्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
    विशेष अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को भी तीन साल कैद की सजा सुनायी।
  • अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु तथा मधु कोड़ा के करीबी सहयोगी विजय जोशी को भी तीन-तीन साल कैद की सजा सुनायी।
  • अदालत ने दोषियों को दो माह के लिए वैधानिक जमानत दी ताकि वे अपनी दोषसिद्धी को उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकें।
  • अदालत ने कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को दोषी ठहराया और उस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

तकरीबन 2 लाख करोड़ रुपये के कथित कोयला घोटाला मामले में से एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने इन्हें 13 दिसंबर को ही दोषी करार दिया था।सभी आरोपियों को 14 दिसंबर को सजा सुनायी जानी थी,लेकिन उस दिन विशिष्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति भरत पराशर ने सजा के बिंदुओं पर भी बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने झारखंड के राजहरा में स्थित नॉर्थ कर्णपुरा कोयला खदान आवंटन में गड़बड़ी के मामले में दोषी पाये गये झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा,पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता एवं अन्य के लिए अधिकतम सात साल के जेल की मांग की थी।सीबीआई ने गुरुवार (14 दिसंबर,2017) को कोर्ट में दोषियों को सार्वजनिक पदों पर बैठा अपराधी बताया था।साथ ही कहा था कि इन्हें अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।दोषियों की ओर से अदालत से उदारता बरतने की मांग की गयी थी।सीबीआई ने 14 दिसंबर को सुनवाई में कहा था कि इनके पदों और कृत्यों को देखते हुए उदारता बरतने का कोई आधार नहीं मिलता है।उसने कहा,ये लोग सार्वजनिक पदों पर बैठे अपराधी हैं।यह उच्च सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का अनोखा मामला है।सीबीआई ने कहा कि कोड़ा कोयला घोटाला के कुछ अन्य मामलों में भी आरोपी हैं,जबकि पूर्व नौकरशाह गुप्ता एक अन्य कोयला घोटाला मामले में दोषी पाये गये हैं।गुप्ता के खिलाफ 10 से अधिक मामले लंबित हैं।

दोषी लोग और उन पर लगे गंभीर आरोप…

  • मधु कोड़ा (पूर्व मुख्यमंत्री,झारखंड) कोड़ा 14 सितंबर,2006 से 23 अगस्त, 2008 तक झारखंड के सीएम रहे।उनपर विन्नी आयरन एंड स्टील के लिए राजहरा कोल ब्लॉक आवंटन की अनुशंसा में आपराधिक साजिश का आरोप है।
  • एके बसु (पूर्व मुख्य सचिव,झारखंड) 19 मार्च,2008 से 31 अगस्त,2009 तक एके बसु झारखंड के मुख्य सचिव थे।इनके कार्यकाल में वीआइएसयूएल को कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था।हालांकि,इसके लिए उद्योग विभाग ने सिफारिश नहीं की थी।
  • एचसी गुप्ता (पूर्व कोयला सचिव) सितंबर,2005 से नवंबर,2008 तक कोयला सचिव थे।स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन गुप्ता ने यह तथ्य तत्कालीन पीएम से छिपाया कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी।
  • जो कोर्ट से बरी हो गये:-राजहरा नॉर्थ कर्णपुरा कोल ब्लॉक आवंटन मामले में वैभव तुलस्यान (कंपनी के निदेशक) नवीन कुमार तुलस्यान (चार्टर्ड एकाउंटेंट) बीबी सिंह (पूर्व खान निदेशक) बसंत भट्टाचार्य (तत्कालीन प्रशाखा पदाधिकारी,खान विभाग) को सीबीआई की विशेष अदालत ने बरी कर दिया।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सुनायी गयी सजा से दुखी हैं।उन्होंने कहा है कि उन्हें उम्मीद थी कि कोर्ट से उन्हें राहत मिल जायेगी,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।कहा कि कोयला खदान आवंटन मामले में उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की।वह पूरी तरह निर्दोष हैं।उन्होंने अपने पद का कतई दुरुपयोग नहीं किया।कोड़ा ने कहा कि अदालत में उनकी ओर से जो दलीलें दी गयीं,शायद उस पर गौर नहीं किया गया।यदि उनके पक्ष को गंभीरता से सुना गया होता,तो फैसला कुछ और होता।हालांकि,उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला दिया है वह उसका सम्मान करते हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को इस मामले में सजा का एलान कर दिया।कोर्ट ने मधु कोड़ा,एचसी गुप्ता और एके बसु को 3-3 साल की जेल की सजा सुनायी।कोड़ा पर 25 लाख रुपये,विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड पर 50 लाख और एचसी गुप्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

सीबीआई ने लगाये थे ये आरोप…

सीबीआई की ओर से दायर आरोप पत्र में कहा गया था कि मधु कोड़ा और आरोपी अधिकारियों ने विन्नी आयरन एंड स्टील के लिए राजहरा कोल ब्लॉक आवंटित करने की अनुशंसा सुनियोजित साजिश के तहत की थी।इस कोल ब्लॉक में 17.09 मिलियन टन कोयले के भंडार का अनुमान है।आरोप पत्र के अनुसार,इस कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए झारखंड सरकार के उद्योग मंत्रालय ने अनुशंसा नहीं की थी।पर,तत्कालीन मुख्य सचिव एके बसु ने तीन जुलाई,2008 को आयोजित 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया और इस कंपनी को कोल ब्लॉक देने की अनुशंसा कर दी।इस कमेटी की अध्यक्षता पूर्व कोयला सचिव एसची गुप्ता ने की थी।अनुशंसा तब की गयी,जब मधु कोड़ा के करीबी विजय जोशी को इस कंपनी का मालिकाना हक मिला।इसके लिए कंपनी की परिसंपत्तियों को भी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया था।इससे पहले कंपनी का मालिकाना हक तुलस्यान बंधुओं के पास था।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोर्टर 

 

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