बिहार के भोजपुर जिले के बड़हरा थाना उपद्रव कांड में कई अन्य दिलचस्प मामले सामने आए है।पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति पर केस दिया है। जिसकी कई साल पहले मौत हो चुकी है।झारखंड में कार्यरत ग्राम रोजगार सेवक संजय कुमार सिंह को थाना फूंकने सरकारी गाड़ियों को आग के हवाले किये जाने का आरोपी बनाया है।जबकि,वह उस दिन तारीख को धनबाद शहर में था।पर सवाल यह की इसके अतिरिक्त केस में बनाए गए कई अन्य आरोपियों के बारे में उनके परिजन दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र पश्चिम बंगाल में होने की बात कह रहे हैं।दूसरी ओर, पुलिस का दावा है कि चौकीदार-दफादार वीडियो फुटेज के जरिये उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है।बड़हरागांव निवासी बबन पाठक की बहू शिपा देवी ने बताया कि उनके यहां जिन लड़कों को केस में आरोपी बनाया गया है,वे सभी लड़के राजस्थान में रहते हैं।इसी तरह केस में आरोपी बनाये गये पड़रिया गांव के उमेश सिंह महाराष्ट्र के वर्द्धा-सेवाग्राम रहते हैं।दूसरे सुमन सिंह महाराष्ट्र में जॉब करते है।तीसरा राजू पंडित के चंडीगढ़ में रहने की बात बतायी जा रही है।पड़रिया के ही रंजीत कुमार सिंह के पश्चिम बंगाल में रहते हैं।वहीं,राजवर्द्धन सिंह के भी बाहर रहते हैं।गांव के लोग भी उसे नहीं पहचानते हैं।सनद हो कि पांच मार्च को घटित बड़हरा उपद्रव कांड को लेकर पुलिस ने 118 को नामजद 600 अज्ञात को आरोपी बनाया है।इसमें 36 आरोपियों को पुलिस जेल भेज चुकी है।अब पुलिस की एफआईआर उसकी सच्चाई पर सवाल उठने लगे हैं।पुलिस एफआईआर में चौकीदार, दफादार वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिन्हित कर आरोपी बनाए जाने की बात कह रही है।लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है,कि जिस मुन्ना साह की मौत हो चुकी है,उसकी वीडियो फुटेज में कैसे दिख सकता है? किस चौकीदार या दफादार ने उसे कांड में संलिप्त देखा ?