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गिरफ्तार धंधेबाजों ने किया खुलासा, नेपाल के बजाय बांग्लादेश से आ रही जाली नोटों की खेप…

सीमांचल के इलाकों में एक बार फिर जाली नोटों के धंधेबाज सक्रिय हो गए हैं।इस बार इन लोगों ने सीमा पार से जाली नोट लाने के रूट में भी परिवर्तन किया है।धंधेबाज अब मालदा को ट्रांजिट रूट के रूप में प्रयोग कर रहे हैं।इस रूट के जरिए ही सीमांचल के इलाकों में जाली नोटों की सप्लाई की जा रही है।हाल के दिनों में जाली नोटों के साथ पकड़े गए एजेंटों ने इसका खुलासा किया है।सरकार ने नोटबंदी के जरिए जाली नोटों के कारोबार पर लगाम लगाने की कोशिश की थी।इसके बाद धंधेबाजों ने सौ रुपये के जाली नोटों की सप्लाई शुरू की थी। हाल के दिनों में धंधेबाजों ने दो हजार के जाली नोट भी छापने शुरू कर दिए हैं।गत 14 फरवरी को बांग्लादेश बार्डर पर एसएसबी की 24वीं बटालियन ने दो लाख छह हजार के जाली नोट पकड़े थे।इसके बाद 28 फरवरी को किशनगंज के खगड़ा मेला में 42 हजार के जाली नोट की बरामदगी हुई।पकड़े गए सभी नोट दो हजार के थे। खुफिया सूत्रों की मानें तो सीमांचल में इंडियन मुजाहिदीन के स्लीपर सेल के सहारे आइएसआइ के एजेंट जाली नोटों के धंधे को अंजाम दे रहे हैं। नोटों की यह खेप अब भारत-नेपाल की खुली सीमा के बदले बांग्लादेश के रास्ते मालदा में पहुंचाई जा रही है। बताते चलें कि मालादा जिले की

लगभग 172 किमी लंबी सीमा बांग्लादेश से लगी हुई है।खुफिया विभाग ने अपनी रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि जाली नोटों में आधे से ज्यादा मालदा के रास्ते ही भारत लाए गए। खुफिया एजेंसी भी मानती रही है कि बांग्लादेश सीमा से सटे कालियाचक, मालदा का इलाका आइएसआइ के लिए सेफजोन है। सूत्रों की मानें तो इस्लामिक स्टेट का बांग्लादेश मॉडल माना जाने वाला आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन आइएसआइ को जाली नोटों के कारोबार में मदद कर रहा है।बिहार से सटे उत्तरी दिनाजपुर और सीमांचल में जाली नोट की डिलिवरी की जाती है। इस काम में बेरोजगार युवकों को ब्रेनवाश कर लगाया जा रहा है। मालदा जिले के वैष्णवनगर 

थाना क्षेत्र मेँ 14 फरवरी को बीएसएफ जवानों ने दो हजार रुपये के 100 जाली नोट बरामद किए थे।ये नोट सीमापार से एक पैकेट में बंद कर फेंके गए थे।इसके अलावा एनआइए ने इसी इलाके के मोहनपुर गांव से दो हजार के तीन जाली नोट के साथ तस्कर उमर फारूक उर्फ इलियास फिरोज को गिरफ्तार किया था।बिहार के किशनगंज जिले के खगड़ा मेला में 28 फरवरी की रात दो हजार रुपये के 21 जाली नोट के साथ तस्कर इंताजुल को गिरफ्तार किया गया।उत्तरी दिनाजपुर जिले के रायगंज बाजार का रहनेवाला इंताजुल 50 हजार के जाली नोट लेकर मेला में खपाने आया था।दो हजार के चार नोट यानी आठ हजार रुपये मेला में खपान के बाद किशनगंज पुलिस के हत्थे चढ़ा।वही किशनगंज पुलिस अधिक्षक राजीव मिश्र,ने बताया की जाली नोट के सहारे भारतीय अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। खगड़ा मेला से बरामद जाली नोट का तार मालदा, बंगाल से जुड़ा है।बंगाल पुलिस से सहयोग लेकर मामले की जांच की जा रही है। जाली नोट को लेकर आम लोगों को सतर्क रहने व ऐसी जानकारी मिलने पर पुलिस प्रशासन को सूचित करने की जरूरत है।तीन साल बाद किशनगंज में 42 हजार के जाली नोट मिलने के बाद पुलिस प्रशासन की बेचैनी बढ़ गई है।बीते कुछ दिनों से जाली नोट कारोबारियों के सुस्त पड़ जाने से पुलिस प्रशासन भी चैन की सांस ले रही थी लेकिन मंगलवार की रात जिला मुख्यालय स्थित खगड़ा मेला से दो हजार के 21 नोट पकड़े जाने पर पुलिस के कान खड़े हो गए हैं।बंगाल सीमा से सटे किशनगंज में उत्तर दिनाजपुर जिले के तस्कर का जाली नोट खपाने की कोशिश भी पुलिस को हैरत में डाल दिया है।जिले में इसके पहले चार जून 2014 को मलुकाडांगी में डेढ़ लाख के जाली नोट के साथ तस्कर की गिरफ्तारी हुई थी। उसके बाद से किशनगंज में जाली नोट पकड़े जाने का यह पहला मामला है,खासकर नोटबंदी के बाद का।

किशनगंज में जाली नोट के मामले-

30 मई 2009 को 50 हजार के जाली नोट के साथ जिलेबिया मोड़ के पास से दो तस्कर गिरफ्तार

14 सितंबर 2009 को 10 हजार के जाली नोट के साथ पश्चिम बंगाल का एक तस्कर गिरफ्तार

12 नवंबर 2011 को  10 हजार 500 के जाली नोट के साथ बांग्लादेशी तस्कर निजामुद्दीन की गिरफ्तारी वालाबाड़ी बीओपी से

21 दिसंबर 2012 को 8 लाख 75 हजार के जाली नोट के साथ ठाकुरगंज एलआरपी चौक से दो बांग्लादेशी तस्कर गिरफ्तार

5 फरवरी 2013 को साढ़े चार लाख के जाली नोट के साथ किशनगंज से तीन गितरफ्तार

4 जून 2014 को एक लाख 44 हजार के जाली नोट के साथ मलुकाडांगी गांव से कमीढ़ मुहम्मद की गिरफ्तारी

28 फरवरी 2016 को 42 हजार के नोट के साथ खगड़ा मेला से इताजुल हक की गिरफ्तारी

अररिया में जाली नोट की बरामदगी…

2012 में 10000 के नोट की बरामदगी,कुर्साकांटा से

2011 में 5600 के नोट की बरामदगी,अररिया थाना क्षेत्र से

2012 में 7500 के नोट की बरामदगी,फारबिसगंज से

2012 में 7600 के नोट की बरामदगी,पलासी से

2012 में 11000 के नोट की बरामदगी,जोकीहाट से

2013 में 10000 के नोट की बरामदगी,अररिया क्षेत्र से

2015 में 16000 के नोट की बरामदगी,अररिया क्षेत्र से

रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह 

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