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खरीदी थी नई कार, तारापीठ से पूजा कर लौट रहे थे अपना घर पटना, इसी दौरान वर्धमान जिले में तेजगंज के पास हाईवे पर कार की एक टैंकर से हुई जबरजस्त टक्कर में सभी सात लोग काल के गाल में समां गए,अब केवल दो बेटे ही बच गए इस परिवार में…

बिहार के भोजपुर जिले के बड़हरा थाना के बड़का लौहर गांव का एक परिवार नई कार में सवार होकर पूजा करने निकला, लेकिन सभी के लिए यह सफर आखरी साबित हुआ।बुधवार को हुए सड़क हादसे में सभी की मौत हो गई।मालुम हो की गुरुवार सुबह एक साथ सात लाशें आई तो हर तरफ चीख पुकार मच गई।महिलाओं के रोने-बिलखने की आवाज से पूरे गांव में मातम पसर गया।रोते-रोते कई महिलाएं बेहोश हो गईं। महिलाओं का विलाप देख आसपास के गांव के जुटे सैकड़ों लोग गमगीन हो गए।गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में तेजगंज के पास हुए सड़क हादसे में बड़का लौहर गांव के एक परिवार के सात लोगों की मौत हो गई थी।मरने वालों में आरपीएफ कमांडेंट और उनके इंस्पेक्टर बेटे समेत पत्नी, बहू, पोता और दो पोतियां शामिल हैं।हादसे का शिकार हुए लोग नई कार से पश्चिम बंगाल से लौट रहे थे।इसी दौरान वर्धमान जिले में तेजगंज के पास हाईवे पर उनकी कार की एक टैंकर से टक्कर हो गई।टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि कार के परखचे उड़ गए।बड़का लौहर गांव निवासी शेषनाथ सिंह को कुल तीन पुत्र थे। इनमें बड़ा बेटा राजन कुमार सिंह हावड़ा में आरपीएफ इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत था।दूसरा बेटा साजन सिंह उर्फ अनिल सिंह, चेन्नई तीसरा बेटा गौतम

  

कुमार मुंबई में जॉब कर रहे हैं।तीनों बेटों की शादी हो गई है।हाजीपुर मुख्यालय में आरपीएफ कमांडेंट के पद पर कार्यरत शेषनाथ सिंह अपनी पत्नी निर्मला देवी के साथ रहते थे,जबकि बड़ा बेटा राजन कुमार सिंह हावड़ा में सपरिवार रहता था।उसकी शादी 2001

में गया जिले में हुई थी।उसे दो पुत्री एक पुत्र थे।बताया जा रहा कि आरपीएफ में कमांडेंट के पद पर कार्यरत शेषनाथ सिंह ने नई कार खरीदी थी।वे अपनी पत्नी के साथ बड़े बेटे राजन सिंह के पास गए थे।वहां से बुधवार को नई कार लेकर पूजा-अर्चना करने के लिए तारापीठ मंदिर जाने के लिए निकले थे।वहां से फिर पटना आना था।

रिपोर्ट-हाजीपुर से एक वरिष्ठ पत्रकार 

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