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कोयला घोटाला मामले में मधु कोड़ा दोषी करार,आज सुनाई जा सकती है सजा…

दिल्‍ली की स्पेशल कोर्ट ने कोयला घोटाले के एक मामले में झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा समेत चार लोगों को दोषी करार दिया है।इन सभी को आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया।कोर्ट इनकी सजा पर गुरुवार को फैसला कर सकती है।कोर्ट ने इस मामले में मधु कोडा, पूर्व कोल सेक्रेटरी एचसी गुप्ता, राज्य के पूर्व चीफ सेक्रेटरी अशोक कुमार बसु और एक अन्य को दोषी करार दिया गया है।क्या है मामला ? आपको बताते चले की यह केस झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक के आलॉटमेंट से जुड़ा है।इस ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को अलॉट किया गया था।आरोप है कि इसमें गड़बड़ियां की गईं। सीबीआई ने आरोप लगाया कि वीआईएसयूएल कंपनी ने 08.01.07 को राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए एप्लिकेशन दी था। आरोप में कहा 

9 लोगों पर थे आरोप ?

मधु कोड़ा, एचसी गुप्ता और कंपनी के अलावा, झारखंड के पूर्व चीफ सेक्रेटरी एके बसु, दो अन्य अफसर बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के डायरेक्टर वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान पर घोटाले के आरोप लगे थे।

गया है कि‍ झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईयूएसएल को कोयला ब्लॉक का अलॉट करने की सिफारिश नहीं की थी।इसके बावजूद 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने आरोपी कंपनी को ब्लॉक का अलॉटमेंट करने की सिफारिश की।सीबीआई ने कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी के तब के चेयरमैन गुप्ता ने यह बात उस वक्त के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से छिपाई कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को कोयला ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश नहीं की है।उस वक्त कोयला मंत्रालय का प्रभार मनमोहन सिंह के पास ही था।24 सितंबर 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के बाद हुए सभी कोल ब्लॉक अलॉटमेंट रद्द कर दिए थे।कुल 218 ब्लॉक अलॉट किए गए थे,जिनमें से सुप्रीम कोर्ट ने 214 का अलॉटमेंट रद्द किया था।4 ब्लॉक केंद्र सरकार कें अंडर में थे,इसलिए उनका अलॉटमेंट रद्द नहीं किया गया था।कैग की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि‍ इस आवंटन से सरकार को 1.86 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।2004 के बाद अलॉट किए गए 142 ब्लॉक के अलॉटमेंट की प्रॉसेस पर कैग ने ऐतराज जताया था।अगस्त 2012 में कैग ने अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की थी। इस पर विपक्ष ने हंगामा किया था।प्राइवेट सेक्टर की 25 कंपनियों को सीधे नॉमिनेशन के आधार पर कोल ब्लॉक अलॉट किए गए थे।मधु कोड़ा 2006 में झारखंड के पांचवें सीएम बने थे।मुख्यमंत्री बनते वक्त वह निर्दलीय विधायक थे।उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ऑल झारखंड स्टूडेंड्स यूनियन के एक वर्कर के तौर पर की थी। मधु कोड़ा का जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी रहा है।

टल गया फैसला, मधु कोड़ा को अब 16 दिसंबर को सुनायी जायेगी सजा…

खबर आ रही है की सजा के बिंदुओं पर सुनवाई हुई,कोड़ा के वकील ने कोर्ट से कहा कि दो मासूम बच्चियों के पालन-पोषण की जिम्मेवारी उन पर है।स्वास्थ्य से जुड़ी उनकी खुद की समस्याएं भी हैं।इसे देखते हुए उन्हें कम से कम सजा दी जानी चाहिए।इसी तरह 3 अन्य आरोपियों ने भी खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए न्यूनतम सजा दिये जाने की अपील की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 16 दिसंबर तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।ज्ञात हो कि बुधवार को कोर्ट ने मधु कोड़ा समेत 4 लोगों को कोयला आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिया था।इससे पहले,बुधवार को कोयला घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने जैसे ही अपना फैसला सुनाया,मधु कोड़ा पिछले दरवाजे से कोर्ट रूम से निकल गये थे।यहां से निकलकर किसी अज्ञात स्थल पर चले गये।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की स्पेशल कोर्ट ने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला के एक मामले में कोड़ा एवं विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड समेत 4 को दोषी ठहराया है।सभी को आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया।इनकी सजा के बिंदुओं पर विशेष कोर्ट में आज (14 दिसंबर) को सुनवाई हुई।मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक का आवंटन नियमों का उल्लंघन कर कोलकाता स्थित विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (बीआइएसयूएल) को देने से जुड़ा है।इस मामले में स्पेशल कोर्ट के जज भरत पराशर ने मधु कोड़ा के अलावा पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता,झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु,कोड़ा के करीबी विजय जोशी और निजी कंपनी विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को दोषी करार दिया है।हालांकि,कोर्ट ने विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड के डायरेक्टर वैभव तुलस्यान,लोकसेवक बसंत कुमार भट्टाचार्य,विपिन बिहारी सिंह और चार्डर्ड एकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान को आरोपों से बरी कर दिया।बुधवार को कोड़ा समेत अन्य को दोषी ठहराये जाने बाद कोयला घोटाले से संबंधित 30 में से चार मामलों का निबटारा स्पेशल कोर्ट ने कर दिया है।इन चार मामलों में 12 व्यक्तियों और चार कंपनियों को दोषी ठहराया गया है।इसी तरह झारखंड में अमरकोंडा मुर्गादंगल कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के लिए कोड़ा के साथ गुप्ता व उद्योगपति नवीन जिंदल व पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारि नारायण राव को दोषी ठहराया जा चुका है।ज्ञात हो कि संसद में पेश CAG की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि‍ कोयला खदानों के आवंटन से सरकार को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।इस मामले में आरोपियों पर जो धाराएं लगायी गयी हैं,उसमें दोषियों को सात से दस साल या आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।इस साल छह दिसंबर को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था,जिसके बाद वे कोर्ट में पेश हुए।सीबीआई का आरोप है कि बीआईएसयूएल कंपनी ने जनवरी, 2007 को राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन दिया था।आरोप में कहा गया है कि‍ झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने बीआईयूएसएल को कोयला ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी।इसके बावजूद 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटित करने की  सिफारिश की।सीबीआइ ने यह भी आरोप लगाया कि स्क्रीनिंग कमेटी के तत्कालीन चेयरमैन एचसी गुप्ता ने यह बात तत्कालीन प्रधानमंत्री और कोयला मंत्रालय का प्रभार देख रहे मनमोहन सिंह से छिपायी कि झारखंड सरकार ने बीआईएसयूएल को ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश नहीं की है।सीबीआइ की ओर से दायर आरोप पत्र में कहा गया था कि मधु कोड़ा और आरोपी अधिकारियों ने विन्नी आयरन एंड स्टील के लिए राजहरा कोल ब्लॉक आवंटित करने की अनुशंसा सुनियोजित साजिश के तहत की थी।इस कोल ब्लॉक में 17.09 मिलियन टन कोयले के भंडार का अनुमान है।आरोप पत्र के अनुसार,इस कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए झारखंड सरकार के उद्योग मंत्रालय ने अनुशंसा नहीं की थी।पर,तत्कालीन मुख्य सचिव एके बसु ने तीन जुलाई 2008 को आयोजित 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया और इस कंपनी को कोल ब्लॉक  देने की अनुशंसा कर दी।इस कमेटी की अध्यक्षता पूर्व कोयला सचिव एसची गुप्ता ने की थी।अनुशंसा तब की गयी,जब मधु कोड़ा के करीबी विजय जोशी को इस कंपनी का मालिकाना हक मिला।इसके लिए कंपनी की परिसंपत्तियों को भी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया था।इससे पहले कंपनी का मालिकाना हक तुलस्यान बंधुओं के पास था।

किस पर कौन-कौन से आरोप…

मधु कोड़ा,पूर्व सीएम,झारखंड कोड़ा 14 सितंबर,2006 से 23 अगस्त,2008 तक झारखंड के सीएम रहे।उनपर विन्नी आयरन एंड स्टील के लिए राजहरा कोल ब्लॉक आवंटन की अनुशंसा में आपराधिक साजिश का आरोप है।एके बसु,पूर्व मुख्य सचिव 19 मार्च 2008 से 31 अगस्त 2009 तक एके बसु झारखंड के मुख्य सचिव थे।इनके कार्यकाल में वीआइएसयूएल को कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था। हालांकि,इसके लिए उद्योग विभाग ने सिफारिश नहीं की थी।एचसी गुप्ता,पूर्व कोयला सचिव सितंबर 2005 से नवंबर 2008 तक कोयला सचिव थे।स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन गुप्ता ने यह तथ्य तत्कालीन पीएम से छिपाया कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी।

इन्हें दोषी करार दिया गया…

मधु कोड़ा (पूर्व मुख्यमंत्री) एचसी गुप्ता (पूर्व कोयला सचिव) एके बसु (पूर्व मुख्य सचिव) विजय जोशी (विन्नी स्टील एंड आयरन के  निदेशक) विन्नी स्टील एंड आयरन उद्योग लिमिटेड।आरोपियों के खिलाफ लगायी गयी धाराएं 120बी, 420, 409 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत।

इन्हें कोर्ट ने किया बरी…

वैभव तुलस्यान (कंपनी के निदेशक) नवीन कुमार तुलस्यान (चार्टर्ड एकाउंटेंट) बीबी सिंह (पूर्व खान निदेशक) बसंत भट्टाचार्य (तत्कालीन प्रशाखा पदाधिकारी,खान विभाग)

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव को तीन साल की सजा…

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