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कालेधन को सफेद करने का इंटरनेशनल खेल…

पारसमल लोढा की पूछताछ के दौरान अनेक अहम खुलासे हो रहे हैं ।

चेन्नई से महावीर हिरानी औऱ अशोक जैन को गिरफ्तार किया है ।

पारसमल लोढा जैसे किसी हवाला वाले से संपर्क करता है ।

100 करोड़ का काले धन का सौदागर इस व्यापारी से संपर्क करता है ।

कालेधन का इंटरनेशनल खिलाड़ी,दुबई और हांगकांग तक लोढा का जाल ।

ऐसा ही दूसरा रास्ता पारसमल लोढा जैसे लोगों के पास है ।

हवाला आपरेटरों के कहने पर कालेधन को गुलाबी नोटों में बदल रहे हैं ।

नोटबंदी के फौरन बाद बड़े पैमाने पर सोने की खरीददारी की गई है ।

पुराने नोटों को नए करने का रैकेट हांगकांग और दुबई तक फैला हुआ है,इस रैकेट मे एंट्री आपरेटर एक्सपोर्ट इम्पोर्ट करने वाले कुछ बड़े व्यवसायी और कुछ बैंक कर्मी अहम भूमिका निभा रहे है।आलम यह है कि हांगकांग में बैठे एक हवाला माफिया के इशारे पर करोड़ों का काला धन सफेद हो जा रहा है।मामले की जांच में जुटा प्रवर्तन निदेशालय अब इस मामले में अनेक हवाला आपरेटरों औऱ कुछ बड़े व्यवसायियों के रिकार्ड खंगाल रहा है।कोलकाता के व्यवसायी पारसमल लोढा की पूछताछ के दौरान अनेक अहम खुलासे हो रहे हैं,जांच एजेंसियों को पता चला है कि हांगकांग में बैठे एक माफिया के इशारे पर भारत में सैकडों करोड़ रुपयों का काला धन सफेद हो गया।चेन्नई में गिरफ्तार दो लोग हांगकांग के इस माफिया टीम के ही लोग बताए जा रहे हैं।ईडी ने काले को सफेद करने के खेल में दिल्ली से पारसमल लोढा औऱ चेन्नई से महावीर हिरानी औऱ अशोक जैन को गिरफ्तार किया है,तीनों लोग ईडी की हिरासत में हैं जहां इनसे गहन पूछताछ चल रही है।इसी पूछताछ के दौरान हो रहे है अनेक अहम खुलासे ऐसे खुलासे जिनसे पता चल रहा है कि काले को सफेद करने के तार विदेशों तक फैले हुए है।मान लीजिए कि कालेधन के किसी सौदागर के पास 100 करोड़ रुपये का काला धन पड़ा है।वो अपना कालाधन सफेद कराने के लिए पारसमल लोढा जैसे किसी हवाला वाले से संपर्क करता है।लोढा हांगकांग में बैठे माफिया से बात करता है,माफिया उसे बताता है कि फंला एक्सपोर्ट इम्पोर्ट के व्यापारी के पास 100 करोड़ की एंट्री उसके खातों में तो है लेकिन उसके पास पैसा नहीं है।क्योंकि उसने जो पांच करोड़ का सामान हांगकांग से खरीदा था वो सामान खरीदते हुए 50 करोड़ का बताया गया था।जिसमें माफिया की भी अहम भूमिका थी। अब 100 करोड़ का काले धन का सौदागर इस व्यापारी से संपर्क करता है औऱ उसे अपने सौ करोड़ रुपये दे देता है।व्यापारी इस पैसे को अपने खाते में जमा कर देता है।अब आप सोचेंगे कि जब पैसा दूसरे व्यापारी के खाते में जमा हो गया तो कालेधन के सौदागर को क्या मिला ? ये व्यापारी नोटबंदी समाप्त होने के बाद किसी सामान को खरीदने के नाम पर धीरे धीरे ये पैसा अपना कमीशन काटकर कालेधन के सौदागर को वापस कर देगा।ये तो काले को सफेद करने का एक रास्ता है।ऐसा ही दूसरा रास्ता पारसमल लोढा जैसे लोगों के पास है।वो एंट्री आपरेटर हैं जिनके पास नगदी के नाम पर तो कुछ नहीं है लेकिन उनकी फर्जी कंपनियों के खातों में करोड़ों रुपये जमा हैं।अपना कमीशन लेकर ये कंपनिया काले को सफेद करने के खेल में जुटी हुई हैं।इसके अलावा हवाला माफिया का एक रैकेट और भी है जो सीधे कुछ बैंक कर्मियो से जुड़ा हुआ है।जो हवाला आपरेटरों के कहने पर कालेधन को गुलाबी नोटों में बदल रहे हैं।चेन्नई में पकड़े गए दो लोगों की पूछताछ से ऐसे अनेक लोगों का पता चला है जिनकी जांच चल रही है।सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा विदेशों में भी नोटबंदी के फौरन बाद बड़े पैमाने पर सोने की खरीददारी की गई है।भारत के अनेक पड़ोसी देशों के पास भारत की पुरानी मुद्रा बड़े पैमाने पर पड़ी हुई है।जिनका मसला अब वित्त मंत्रालय तक पहुंच चुका है।ये तो आने वाले नए साल में पता लग पायेगा कि विदेशों में ऐसी कितनी मुद्रा है और भारत उनके बारे मे क्या कदम उठाता है।

 रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर दिल्ली से !

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