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एक अनुमान के मुताबिक 40-50 खनिकों के मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका है,वहीं राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी पटना से रवाना हो गई है…

कोयला खदान हादसे में तीन की मौत और मजदूरों के फंसे होने पर पीएम ने चिंता जताई
मामले पर पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा है कि हादसे में लोगों की मौत से वे दुखी हैं।जो लोग फंसे हैं उनके लिए पीएम प्रार्थना कर रहे हैं।उन्होंने राज्य के सीएम रघुबर दास से भी बात की है।पीएम ने आगे जानकारी दी है कि झारखंड सरकार और मंत्री पियूष गोयल स्थिति सामान्य बनाने का प्रायस कर रहे हैं, वहीं NDRF टीम राहत और बचाव कार्य में लगी है ।

झारखंड में गुरुवार रात को कोयले की खदान धंसने से कई लोगों से साथ वाहन तक फंस गए हैं।अभी तक इस मामले में कम से कम सात लोगों के मारे जाने की सूचना है।मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।पुलिस का कहना है कि गोड्डा जिले में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि.(ईसीएल) की लालमाटिया खदान के प्रवेश बिंदु पर मिट्टी का अंबार धंस गया।

एक अनुमान के मुताबिक 40-50 खनिकों के मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका है ।

करीब 40 से 50 लोगों के फंसे होने की आशंका जाहिर की गई है।इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस मामले में संवेदना जताई है।उन्होंने झारखंड के सीएम रघुवर दास से भी बात की है।साथ ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी राहत कार्य़ में मदद का निर्देश दिया है।पीएम मोदी ने कहा कि वे इस नुकसान से स्तब्ध हैं ।

झारखंड में गोड्डा जिले के राजमहल कोयला खदान में हादसे में कई खनिकों के खदान में फंसे होने की आशंका है।पुलिस ने बताया कि खनन हादसा गुरुवार रात हुआ और बचाव अभियान जारी है।

इस बीच पुलिस का कहना है कि रात में कोहरे की वजह से बचाव कार्य शुरू होने में वक्त लगा।अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) दल दोपहर तक घटनास्थल पर पहुंच सकता है।गोड्डा के पुलिस महानिरीक्षक हरिलाल चौहान ने कहा,“अंदर फंसे लोगों और वाहनों की सही संख्या का पता नहीं चला है।

मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि उन्होंने बचाव और राहत प्रयासों में तेजी लाने के आदेश दिए हैं।उन्होंने ट्विटर पर कहा,सभी वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर रहने को कहा गया है ।

      

बचाव कार्य शुरू होने के बाद ही इसके बारे में पता चला पाएगा।स्थानीय लोगों का कहना है कि मिट्टी का ढेर ढहने से मार्ग अवरुद्ध हो गया।खनन कार्य जमीन से लगभग 200 फुट नीचे हो रहा था।

     

इस मामले में प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ सकती है।पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।राहत वहां पहुंच रही है और पुलिस बल ने पूरे इलाके को घेर लिया है।अन्य खदानों को सतर्क किया गया है।

झारखंड में ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की राजमहल खनन परियोजना क्षेत्र में गुरुवार देर शाम खदान धंसने से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।करीब दो दर्जन लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। इससे मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।शुक्रवार शाम तक 11 शव निकाले जा चुके थे।राहत एवं बचाव कार्य जारी है। हालांकि इसकी रफ्तार काफी धीमी है।शुक्रवार को मुख्य सचिव राजबाला वर्मा व पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।मुख्य सचिव ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 12-12 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है।पांच लाख रुपये ईसीएल,पांच लाख आउटसोर्सिंग कंपनी महालक्ष्मी व दो लाख रुपये राज्य सरकार देगी।घायलों का इलाज राज्य सरकार कराएगी।कोल इंडिया ने हादसे की जांच के लिए एक कमेटी गठित की है,जिसमें केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान व खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) धनबाद के अधिकारी शामिल हैं।इस बीच ईसीएल के तकनीकी निदेशक बीएन शुक्ला ने बताया कि गुरुवार शाम हुआ भूस्खलन रेयर घटना है।खुली खदान में नीचे की मिट्टी धंस गई,जिससे यह हादसा हुआ। तकनीकी निदेशक के अनुसार दो माह पहले डीजीएमएस धनबाद ने खदान का निरीक्षण किया था और इसे सुरक्षित बताया था।कोयला खदान से शव निकालते लोग ।

रिपोर्ट:-न्यूज़ रिपोटर 

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