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ईमानदार पत्रकार को बईमान बनाने में जुटी किशनगंज पुलिस, प्रशासन की प्रशासनिक खामियों को बराबर उजागर करना अमित को पड़ा महंगा….

किशनगंज में एक चैनल के पत्रकार अमीत कुमार सिंह को चोरी के एक झूठे लेपटॉप खरीद के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले को इंडियन जर्नलिस्ट एसोसियन के प्रदेश अध्यक्ष राम नाथ विद्रोही ने किशनगंज प्रशासन की घोर निंदा की है।उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा  चोर के कहने पर एक बजे रात्री में आरोपित के घर जाकर गिरफ्तार करना अमीत के लिए साजिशन एक मामला है।अमित जो कि प्रशासन की प्रशासनिक खामियों को बराबर उजागर करने का न्यूज बेखूबी, बेवाक, निर्भिक होकर दिखाया करते थे जिस वजह से यह मामला साजिशन स्थानीय प्रशासन द्वारा किया गया प्रतीत होता है इसमें स्थानीय थानाध्यक्ष का पत्रकार विरोधी नीति व कार्य 

निंदनीय है।प्रदेश अध्यक्ष ने वरीय पदाधिकारियों से इस मामले की जाँच करवाये जाने तथा मामले में संलिप्त लोगों को पर्दे से बाहर लाने की मांग की है।इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएसन ने इस मामले को ले मुख्यमंत्री नितीश कुमार और डीजीपी को ज्ञापन मेल किया।उसके बाद मुख्यमंत्री ने त्वरित एक्शन लेते हुए डीजीपी को को जांच का आदेश दिया।आपको बता दें की बिहार में एक बार फिर पत्रकार के हक़ को पुलिस ने छीन लिया है।मामला किशनगंज का है।जहाँ नगर थानाध्यक्ष ने जी पुरवईया के पत्रकार अमित को बेवजह गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।पत्रकार अमित का गुनाह सिर्फ इतना ही है की पुलिस के करतूत को अपने चैनल पर चलाया था।

इधर टुडे बिहार न्यूज़ संपादक प्रकाश सिंह ने किशनगंज पुलिस अधीक्षक से बात किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया की मामले की जाँच की जा रही है।जाँच के बाद आगे की कार्यवाई की जाएगी।गौर करे की किशनगंज में एक चैनल के पत्रकार अमीत कुमार सिंह को चोरी के एक झूठे लेपटॉप खरीद के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले को अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष विनोद पाण्डेय ने किशनगंज प्रशासन की धोर निंदा की है।उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा चोर के कहने पर एक बजे रात्री में आरोपित के घर जाकर गिरफ्तार करना अमीत के लिए साजिशन एक मामला है।अमित जो कि प्रशासन की प्रशासनिक खामियों को

बराबर उजागर करने का न्यूज बेखूबी, बेवाक, निर्भिक होकर दिखाया करते थे जिस वजह से यह मामला साजिशन स्थानीय प्रशासन द्वारा किया गया प्रतीत होता है इसमें स्थानीय थानाध्यक्ष का पत्रकार विरोधी नीति व कार्य निंदनीय है।प्रदेश अध्यक्ष ने वरीय पदाधिकारियों से इस मामले की जाँच करवाये जाने तथा मामले में संलिप्त लोगों को पर्दे से बाहर लाने की मांग की है।उधर एबीपीएसएस के प्रमंडलीय अध्यक्ष मुंगेर, प्रियदर्शी ठाकुर ने पुलिस महानिदेशक को दिये आवेदन में अमीत मामले को झूठा व साजिश के तहत फंसाया जाना बताया है।जिस मामले में उन्होंने स्थानीय थानाध्यक्ष की भुमिका को संदिग्ध बताया है।उन्होंने आवेदन में स्पष्ट किया है कि इस मामले में स्थानीय थानेदार का क्रियाकलाप संदिग्ध है।इस झूठे मामले को लेकर अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति, सामाजिक संगठन व किशनगंज प्रेस क्लव ने वरीय पदाधिकारियों से निष्पक्ष जाँच की मांग की है।सी.के.झा व हरेन्द्र कुमार एबीपीएसएस के प्रदेश सचिव ने संयुक्त रूप से कहा कि विश्वास है कि हमारे संगठन के आवेदन द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग को वरीय पदाधिकारी जरूर पूरा

करेंगे।अमीत को दोषमुक्त करार दिये जाऐंगे।एबीपीएसएस के बिहार प्रदेश सचिव हरेन्द्र कुमार, सी.के.झा, उमर फारूक, मनोज मिश्रा, कुंदन कुमार, प्रशान्त किशोर, आदि दर्जनों सदस्यों, किशनगंज के प्रेस क्लव के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष सहित पत्रकार,जन प्रतिनिधिगण व सामाजिक संगठन ने भी इस मामले को लेकर प्रशासन की क्रिया कलाप की भ्रतष्णा की है और वरीयपदाधिकारी से निष्पक्ष जाँच की भी मांग की है।थाने में दर्ज प्राथमिकी केस सं-157/17 के मुताबिक अनुज कुमार नामक व्यक्ति ने अपने लैपटॉप, मोबाइल आदि वस्तुएं चोरी हो जाने की सूचना दिनांक 13/4/17 को पुलिस को दिया।आश्चर्यजनक तथ्य है कि कांड में उक्त पत्रकार अमित कु० सिंह नामजद नहीं किये।बावजूद इसके ठीक उसी तिथि को कांड दर्ज कर लिया गया।इसके साथ ही एक व्यक्ति को पकड़कर पुलिस उक्त पत्रकार द्वारा कथित चोरी के सामान के खरीद की बात पर आधी रात को गिरफ्तार कर बिना

पूछताछ जेल भेज दिया।एक सम्मानित पत्रकार किस तरह पुलिस के चंगुल में फंस गया।इस मामले को लेकर जिला प्रेस क्लब के जिले के पत्रकारों ने आंदोलन छेड़ा, प्रशासन का बहिस्कार भी किया।लेकिन किसी के कानों पर जूँ नहीं रेगा उधरमामले को लेकर अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष विनोद पाण्डेय ने किशनगंज प्रशासन की धोर निंदा की है।उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा चोर के कहने पर एक बजे रात्री में आरोपित के घर जाकर गिरफ्तार करना अमीत के लिए साजिशन एक मामला है।

इस झूठे मामले को लेकर अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति, सामाजिक संगठन व किशनगंज प्रेस क्लव ने वरीय पदाधिकारियों से निष्पक्ष जाँच की मांग की है।उधर एबीपीएसएस के प्रमंडलीय अध्यक्ष मुंगेर, प्रियदर्शी ठाकुर ने पुलिस महानिदेशक को दिये आवेदन में अमित के मामले को झूठा व साजिश के तहत फंसाया जाना बताया है।जिस मामले में उन्होंने स्थानीय थानाध्यक्ष की भुमिका को संदिग्ध बताया है।उन्होंने आवेदन में स्पष्ट किया है कि इस मामले में स्थानीय थानेदार का क्रिया-कलाप संदिग्ध है।इस झूठे मामले  को लेकर अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति, सामाजिक संगठन व किशनगंज प्रेस क्लव ने वरीय पदाधिकारियों से निष्पक्ष जाँच की मांग की है।

रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह 

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