अष्टधातु की मूर्ति के साथ मुजफ्फरपुर के दो तस्कर धराए, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मूर्ति की किमत 40 करोड़ आंकी गई है…
एसएसबी 41वीं बटालियन और कस्टम विभाग ने रविवार की देर रात 40 करोड़ के अष्टधातु की सीता मां की मूर्ति के साथ मुजफ्फरपुर के दो तस्करों को किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के बागडोगरा तथा नक्सलबाड़ी इलाके के बीच गिरफ्तार किया।बरामद मूर्ति का वजन 12 किलो 780 ग्राम है।नार्थ बंगाल यूनिवर्सिटी में जांच करवाने के बाद एसएसबी के अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति अष्टधातु की है और एंटीक है।जिसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 40 करोड़ आंकी गई है।गिरफ्तार तस्करों में एक संतोष कुमार पासवान (36) पुत्र रामसेवक पासवान, थाना मीनापुर, जिला मुजफ्फरपुर और दूसरा सुनील कुमार (33) पुत्र बिहु राय, थाना मुजफ्फरपुर, जिला मुजफ्फरपुर है।पकड़े गए तस्करों ने बताया कि बिहार से मूर्ति चोरी करके वे बागडोगर-नक्सलबाड़ी के रास्ते नेपाल में मूर्ति बेचने जा रहा थे, लेकिन उससे पहले ही एसएसबी और कस्टम की गिरफ्त में गए।दोनों बस से बागडोगरा और नक्सलबाड़ी के बीच के इलाके में पहुंचे थे।वहां से अंतर्राष्ट्रीय तस्करों के लोगों की मदद से नेपाल जाना था।एसएसबी दोनों तस्करों के पास से बरामद मोबाइल नंबरों के सहारे अन्य तस्करों की खोज में लग गई है।इस अभियान का नेतृत्व सेनानायक राजीव राणा कर रहे थे।एसएसबी को गुप्त सूचना मिली थी कि दो तस्कर अष्टधातु की मूर्ति लेकर नेपाल ले जाने की फिराक में हैं।इसके बाद सेनानायक राजीव राणा के नेतृत्व में डिप्टी कमांडेंट, सहायक सेनानायक ब्रजेश कुमार, विकास कुमार संग कस्टम सिलीगुड़ी (पीएंडआई) के अधिकारियों ने बागडोगरा-नक्सलबाड़ी इलाके में जांच अभियान शुरू किया।तभी बिहार के दोनों तस्करों को अष्टधातु की एंटिक मूर्ति के साथ पकड़ा गया।मूर्ति सीता मां की है और काफी प्राचीन प्रतीत होती है।इस संबंध में रानीडांगा सेक्टर हेडक्वार्टर के आईजी एसके बंदोपाध्याय ने एसएसबी 41वीं बटालियन को बधाई देते हुए कहा कि सीमा पर एसएसबी जवान चौकस है।किसी भी हालत में राष्ट्रविरोधी तत्वों और तस्करों को बख्शा नहीं जाएगा।
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह