देशब्रेकिंग न्यूज़राज्य

अवमानना मामले में पेश नहीं हुए जस्टिस, न्यायालय ने अदालत की अवमानना के आरोप में जस्टिस कर्नन के खिलाफ जमानती वारंट किया जारी, सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च को कर्नन को पेश होने का दिया आदेश…

सुप्रीम कोर्ट में कोलकत्ता  हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सीएस कर्नन का मामला हर सुनवाई में नया इतिहास कायम कर रहा है।सर्वोच्च न्यायालय ने अदालत की अवमानना के आरोप में अब जस्टिस कर्नन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।यह पहला मौका है,जब हाई कोर्ट के सिटिंग जज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से जमानती वारंट जारी हुआ है।सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्नन को 31 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है।उल्लेखनीय है कि इसी मामले में पहली बार हाई कोर्ट के किसी सिटिंग जज के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी हुआ था।पहली बार ही किसी सिटिंग जज को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था।लेकिन, आदेश के बावजूद जस्टिस कर्नन पेश नहीं हुए।शुक्रवार को अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि कर्नन को कोर्ट का अवमानना नोटिस मिल चुका है।इसके बावजूद वे पेश नहीं हुए हैं।ऐसे में कोर्ट उनकी पेशी सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करे।इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आठ मार्च को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को कर्नन का एक फैक्स मिला था।उसमें उन्होंने प्रशासनिक कामकाज बहाल करने का अनुरोध किया था।कर्नन ने मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों से मुलाकात कर कुछ प्रशासनिक मुद्दों पर बातचीत की इच्छा जताई थी।इस फैक्स को अवमानना नोटिस का जवाब नहीं माना जा सकता।जस्टिस कर्नन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत:संज्ञान लेते हुए कर्नन के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की है।मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली सात वरिष्ठतम न्यायाधीशों की पीठ कर रही है।पीठ के अन्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र,जे.चेल्मेश्वर, रंजन गोगोई,एमबी लोकुर,पीसी घोष व कुरियन जोसेफ हैं।सुप्रीम कोर्ट के आदेश से फिलहाल जस्टिस कर्नन का प्रशासनिक और न्यायिक कामकाज ले लिया गया है।पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक जस्टिस कर्नन के घर जाएंगे और उनसे 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में पेशी का जमानती बांड लेंगे।कर्नन पुलिस को इस तिथि पर पेश होने का भरोसा दिलाएंगे।अगर बेल बांड भरने के बावजूद कर्नन तय तिथि पर पेश नहीं होते तो कोर्ट उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर सकता है।जस्टिस कर्नन ने वारंट को बताया असंवैधानिक मालुम हो की कोलकाता सुप्रीम कोर्ट से जारी वारंट को कोलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सीएस कर्नन ने असंवैधानिक बताया है।उन्होंने आरोप लगाया कि दलित होने के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह राष्ट्रीय मुद्दा है।बिना जांच,सुबूत और चर्चा के वारंट जारी किया गया है।यह आदेश मेरी जिंदगी और कॅरियर बर्बाद करने के लिए जानबूझकर जारी किया गया है।उन्होंने कहा कि यह जातिगत मुद्दा है।एक दलित जज को काम नहीं करने दिया जा रहा है।यह अत्याचार है।जस्टिस कर्नन ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई जस्टिस खेहर के रिटायरमेंट के बाद होनी चाहिए।अगर बहुत जल्दी हो तो मामले को संसद रेफर किया जाना चाहिए। 

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button