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भारत बंद का 6 राज्यों में असर, राजस्थान-एमपी में हिंसा में 1 की मौत, बिहार में 1 नवजात की मौत 35 से ऊपर जख्मी…

नई दिल्ली एससी-एसटी एक्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों का भारत बंद कई जगहों पर हिंसक हो गया है।राजस्थान के बाड़मेर और मध्य प्रदेश के भिंड में दो गुटों में हुई झड़प में करीब 35 से उपर लोग जख्मी हुए हैं।बाड़मेर में कई वाहनों में आग लगाई गई है।वही मध्य प्रदेश के मुरैना में हुई झड़प में एक युवक की मौत हो गई है।बिहार, उत्तर प्रदेश ओडिशा और पंजाब,में भी बंद का व्यापक असर है।पंजाब में बंद के चलते सीबीएसई की परीक्षाएं टाल दी गई हैं।उधर,केंद्र सरकार आज इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर करेगी।

ओडिशा ट्रेनें रोकी गईं।

ओडिशा के संबलपुर में दलित संगठनों ने ट्रेनों को रोक दिया।

बिहार आरा,भागलपुर, किशनगंज और अररिया के फारबिसगंज में ट्रेनें रोकी गईं।यहां वामपंथी संगठन भी बंद का समर्थन कर रहे हैं।किशनगंज में भारत बंद के दौरान युवा कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया।बिहार के वैशाली जिले में एक नवजात की मौत हो गई।महनार के अम्बेडकर चौक पर एम्बुलेंस को बंद समर्थकों ने रोक दिया।बच्चे को गोद में लिए मां रास्ता देने की गुहार लगाती रही,लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी।एम्बुलेंस जाम में फंसी रही और बच्चे की मौत हो गई।

जन्म के बाद से नवजात की हालत गंभीर थी,उसे बेहतर इलाज के लिए सदर हॉस्पिटल रेफर किया गया था।गंभीर हालत देख उसे बेहतर इलाज के लिए सदर हॉस्पिटल हाजीपुर रेफर किया गया था।बच्चे को लेकर उसकी मां एम्बुलेंस से हाजीपुर के लिए चली,लेकिन महनार के अम्बेडकर चौक पर एम्बुलेंस को बंद समर्थकों ने रोक दिया।बच्चे को गोद में लिए मां रास्ता देने की गुहार लगाती रही,लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी।एम्बुलेंस जाम में फंसी रही और बच्चे की मौत हो गई।
गंभीर रूप से बीमार बच्चे को लेकर जा रही एम्बुलेंस को बंद समर्थकों ने रोक दिया था।
बंद समर्थकों ने बिहार के फारबिसगंज में ट्रेनों को रोक दिया।
बिहार के आरा जिले में वामपंथी संगठन भी बंद का समर्थन कर रहे हैं।
बिहार में दलित संगठन भारत बंद के समर्थन में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।
बिहार के आरा में बंद समर्थकों ने ट्रेनें रोक कर विरोध जताया।
किशनगंज में भारत बंद के दौरान युवा कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया।
अररिया जिले में भारत बंद का जबरदस्त असर,फारबिसगंज,सिकटी,पलासी,रानीगंज मार्ग पूरी तरह जाम।आवागमन ठप
पटना जंक्शन पर खड़ी ट्रेन के इंजन पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन करते बंद समर्थक।
बंद के समर्थन में पटना में सड़क पर उतरे छात्र संगठन के छात्र।
भारत बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे सांसद पप्पू यादव।
भारत बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे सांसद पप्पू यादव और उनके समर्थक।

उत्तर प्रदेश मेरठ में बंद समर्थकों ने पथराव कर दिया,जिससे कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है।इस दौरान कई जिलों में दलित संगठनों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है।आगरा में विरोध कर रहे लोगों ने गतिमान एक्सप्रेस ट्रेन को रोका।वहीं, मेरठ में चौकी में आग लगा दी गई।मेरठ,गोरखपुर,सहारनपुर,हापुड़ और आगरा समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया।आगरा में भी दलित संगठनों का उग्र प्रदर्शन जारी है।प्रशासन ने सभी जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया है।हापुड़ में प्रदर्शन हिंसक है गया है।यहां गोली चलने की सूचना है।वहीं विरोध कर रहे संगठनों ने आगजनी के साथ पथराव किया है।

आगरा के मुख्य सड़क MG रोड पर तोड़फोड़ कर रहे थे प्रदर्शनकारी को खदेड़ने के लिए प्रदर्शन एसपी सिटी ने की फायरिंग। प्रदर्शनकारियों को संभालने के लिए पुलिस ने संभाला मोर्चा,लाठीचार्ज के साथ की गई फायरिंग।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में भी बंद के दौरान हिंसा भड़की है।
गाजियाबाद में बहुजन शोषित समाज ने बंद का आव्हान किया। कई ट्रेनों को रोका गया।

राजस्थान बाड़मेर में दलित संगठनों और करणी सेना के बीच हुई झड़प हो गई, जिसमें 30 लोग जख्मी हो गए।हालात काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।यहां करणी सेना बंद के समर्थन में उतरी थी,जिसका दलित संगठनों ने विरोध किया।उधर,भरतपुर में महिलाएं हाथों में लाठियां लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरीं।

राजस्थान में बाड़मेर में दो गुटों में हुई झड़प के बाद प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी।
हरियाणा के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की।कैथल में कई हजार प्रदर्शनकारी रोडवेज डिपो में घुस गए।यहां टिकट काउंटरों पर तोड़फोड़ की और सभी शीशे तोड़ दिए।समय सारिणी बताने के लिए लगाई गई एलईडी स्क्रीन तोड़ दी गई।यहां से निकलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइन से गुजर रहे एक ट्रेन के इंजन को निशाना बनाया और पत्थरबाजी शुरू कर दी।इसमें इंजन के सभी शीशे तोड़ दिए गए। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
हिसार के क्रांति मान पार्क में एकत्रित दलित समाज के लोग।
रेवाड़ी में डीसी दफ्तर के बाहर जुटे दलित समाज के लोग प्रदर्शन करते हुए।

मध्यप्रदेश मुरैना में भीम सेना और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई।प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में आग लगा दी और गोलीबारी करनी शुरू कर दी,जिसमें एक युवक की मौत हो गई।बंद समर्थकों ने रेलवे ट्रैक पर जाम लगा दिया।हिंसा को देखते हुए ग्वालियर के तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है।यहां 50 एटीएम तोड़फोड़ की गई।भिंड के गोहद, मेहगांव में कर्फ्यू लगा दिया गया है।यहां पांच लोग जख्मी हुए हैं।

हिसार में सीएम के कार्यक्रम के चलते बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात।
पानीपत में हाइवे पर लग गया लंबा जाम।
पुलिस फायरिंग में घायल दलित प्रदर्शन में शामिल युवक।यहां भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।इस फायरिंग में 10 लोग घायल हुए हैं,उन्हें गोली के छर्रे लगे हुए हैं।वहीं पत्थरबाजी में 50 पुलिसकर्मी घायल हैं।पूरे हरियाणा में प्रदर्शन जारी है।
पत्थरबाजी में घायल पुलिस जवान।50 जवान हुए हैं घायल।जींद में प्रदर्शन के दौरान रोडवेज बस को निशाना बनाया गया और उस पर पथराव कर शीशे तोड़ दिए गए।प्रदर्शनकारी जबरदस्ती लोगों की दुकानें बंद करवा रहे हैं,जिसकी वजह से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।शहर के सबसे व्यस्त गोहाना में लगाया जाम वहीं फरीदाबाद के गुड़गांव रोड पर भी दलित संगठनों ने जाम लगा दिया।यहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।पानीपत में करनाल की तरफ से आने वाले लोगों को शहर के अंदर नहीं आने दिया जा रहा है।शहर पूरी तरह बंद है।
ग्वालियर में थाटीपुर इलाके में दो युवकों की मौत की खबरें आ रही हैं।इसके साथ ही चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।इसके साथ ही मुरैना में हिंसक झड़पों में एक युवक की मौत हो गई है।पुलिस और एससी-एसटी समुदाय के लोगों के बीच हुई फायरिंग के दौरान युवक को गोली लगी।इसके साथ ही ग्वालियर,भिंड और मुरैना में हिंसा के दौरान दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।इन जिलों में बंद के दौरान जमकर पथराव और तोड़फोड़ की गई।ट्रेनों को रोका गया और नेशनल हाइवे जाम कर दिए गए।भिंड में नेशनल हाइवे जाम कर वाहनों के शीशे तोड़ दिए गए,मुरैना में रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखकर ट्रेनों को रोक दिया गया है।पुलिस को कुछ जगहों पर उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए,लाठीचार्ज,आंसू गैस के गोले और यहां तक की हवाई फायरिंग करनी पड़ी है।
गाडि़यों को आग लगाई,शीशे तोड़े और बवाल किया।
भिंड और मुरैना में जमकर हुई हिंसा,गाडि़यों को आग लगाई,शीशे तोड़े और बवाल किया।

पंजाब स्कूल-कॉलेज,बसें और इंटरनेट बंद,सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं टाली गईं।पटियाला में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोकीं।राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 12 हजारों जवानों को तैनात किया गया है।

पंजाब के अमृतसर में बंद को देखते हुए भारी पुलिसबल तैनात किया गया है।

रांची पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच झड़प हुई।पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।कई लोग जख्मी हो गए।गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव किया।

रांची में बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया।झारखंड में बंद का व्यापक असर दिख रहा है।बंद समर्थकों ने जमशेदपुर में ट्रक को आग के हवाले कर दिया।वहीं,पलामू के डालटनगंज में ट्रेन का परिचालन ठप कर दिया।कई जगहों पर बंद समर्थकों की पुलिस के साथ नोंक-झोक भी हुई।रांची में बंद समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया।पुलिस को आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े।भारत बंद के दौरान जमशेदपुर एवं घाटशिला मार्ग पर एमजीएम थाना क्षेत्र में बंद समर्थकों ने एक ट्रक में आग लगा दी।पलामू के डालटनगंज रेलवे स्टेशन पर बंद समर्थकों ने ट्रैक जाम कर ट्रेन का परिचालन ठप कर दिया।डालटनगंज बायपास रोड को भी जाम किया।
पलामू के पलामू के डालटनगंज रेलवे स्टेशन पर बंद समर्थकों ने ट्रैक जाम कर दिया।
जमशेदपुर-घाटशिला रूट पर बंद समर्थकों ने ट्रक में आग लगा दिया।
कोडरमा में रेलवे ट्रैक जाम करते बंद समर्थक।

दलित संगठनों की क्या मांग है ?

संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पहले की तरह लागू किया जाए।सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की पिटिशन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की दलील होगी कि इस फैसले से एससी-एसटी एक्ट के प्रावधान कमजोर होंगे।लोगों में इस कानून का खौफ घटेगा,जिसकी वजह से इसके उल्लंघन के मामले भी बढ़ेंगे।

कांग्रेस ने कहा-सरकार ने केस ठीक से पेश नहीं किया।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा,निश्चित ही रिव्यू पिटीशन दायर करनी चाहिए,यह सरकार का हक है।हालांकि,असल सवाल यह है कि सरकार इस केस को सुप्रीम कोर्ट में ठीक ढंग से पेश करने में नाकाम क्यों रही,इसकी जांच होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया था…
सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को जारी एक आदेश में एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए इसके तहत तत्काल गिरफ्तारी या आपराधिक मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी थी।कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दे दी थी।केंद्रीय मंत्रियों रामविलास पासवान और थावरचंद गहलोत की अगुआई में एससी-एसटी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर विरोध दर्ज करवाया था।

पर यहाँ सवाल यह उठ रहा है की क्या सुप्रीमकोर्ट का जो आदेश था वो क्या गलत था ? क्या आनन फानन में किसी निर्दोष को जेल जाना पड़े क्या यह यही प्रावधान के लिए भारत बंद किया गया है ? अगर जांच के बाद एफ़आइआर कर कारवाई होगी तो इसमें हर्ज क्या है जो भारत बंद कर सरकारी सम्पति को नुकशान पहुँचाया गया ? क्या इसमें भी बहुत बड़ी राजनीती का खेल तो नहीं जो बड़े-बड़े नेता जी को ट्रेन रोक आमजनों को तकलीफे पहुंचाई गई है…क्या उन बड़े नेताओ पर FIR नहीं होनी चाहिए जिसके वजह से आज कितने लोग घायल हो गए और कितने काल के गाल में समा गए ? कौन है जिम्मेवार…? यह कहना आम नागरिको का था जो चाय दूकान पान दूकान में चर्चा का बिषय बना हुआ है…।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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