बिहार 17 जिलों में अपराध का आंकड़ा काफी बड़ा पाया गया में हत्या, डकैती, लूटपाट, बलात्कार की घटना…
17 जिलों में अपराध बढ़े हैं, उनमें नालंदा, भागलपुर, रोहतास, बेगूसराय, शेखपुरा, नवादा, कैमूर, गोपालगंज,सहरसा, पूर्णिया, अरवल, वैशाली, बेतिया, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, कटिहार और बक्सर शामिल हैं।बीते वर्ष 2017 के दौरान राज्य में सभी तरह के संज्ञेय अपराधों की संख्या दो लाख 35 हजार 875 थी।जिसमें हत्या, डकैती, बलात्कार, दंगा, अपहरण, चोरी, बैंक डकैती समेत अन्य तरह के अपराध शामिल हैं।
बिहार में इन दिनों अपराध की घटनाएं बढ़ गई हैं।हत्या, डकैती, लूटपाट, बलात्कार की घटनाओं में इजाफा हुआ है।हाल में मुख्यमंत्री के स्तर पर लॉ एंड ऑर्डर को लेकर हुई राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान 17 जिलों में अपराध का आंकड़ा काफी बड़ा पाया गया था।जो की चिंता का विषय बना हुआ है।अब ऐसे 17 जिलों पर पुलिस मुख्यालय ने नजर रखनी शुरू कर दी है।इन सभी जिलों के कप्तानों के साथ गहन समीक्षा बैठक कर अपराध के कंट्रोल नहीं होने के सही कारणों का पता लगाने को कहा गया है।जिन 17 जिलों में अपराध बढ़े हैं, उनमें नालंदा, भागलपुर, रोहतास, बेगूसराय, शेखपुरा, नवादा, कैमूर, गोपालगंज,सहरसा, पूर्णिया, अरवल, वैशाली, बेतिया, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, कटिहार और बक्सर शामिल हैं।बीते वर्ष 2017 के दौरान राज्य में सभी तरह के संज्ञेय अपराधों की संख्या दो लाख 35 हजार 875 थी।जिसमें हत्या, डकैती, बलात्कार, दंगा, अपहरण, चोरी, बैंक डकैती समेत अन्य तरह के अपराध शामिल हैं।इसमें कुल अपराध का 60 फीसदी अपराध इन्हीं 17 जिलों में हुए हैं।साथ ही वर्ष 2017 के दौरान संज्ञेय या गंभीर आपराधिक मामले के अंतर्गत इन जिलों में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी भी हुई है।इस गंभीर स्थिति का पता लगाने की कवायद शुरू कर दी गयी है।इन सभी जिलों के कप्तानों के साथ गहन समीक्षा बैठक कर अपराध के कंट्रोल नहीं होने के सही कारणों का पता लगाने और इसकी रोकथाम में लापरवाही बरतने या असक्षम साबित हो रहे सभी स्तर के पुलिस कर्मियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर एडीजी (सीआईडी) को नियुक्त किया गया है।उन्हें अपराध की अधिकता वाले सभी 17 जिलों के साथ अलग-अलग बैठक कर इससे संबंधित पूरी रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है।सीआईडी के स्तर पर जिन कुछ जिलों के साथ अब तक समीक्षा हुई है,उसमें अपराध बढ़ने का मुख्य कारण पुराने या जेल में बंद अपराधियों या कुछ बेहद पुराने मामले में निरंतर मॉनीटरिंग की कमी सामने आयी है।इसके अलावा यह भी पता चला कि कुछ कुख्यात अपराधियों को बेल मिल गयी है और उन्होंने बाहर आकर फिर से उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। इनका बेल रद्द कराने को लेकर भी कई थानों के स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं की गयी है।कुछ मामले में पुरानी रंजिश या गैंगवार से जुड़े मामले फिर से सामने आये हैं।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर