बिहार मे भ्रष्ट पुलिस पदाधिकरी के कारण शराब बंदी अभियान विफलता की और है, किंग मेकर बादशाह भोला राय और जगरनाथ राय पर मुश्किल बना कारवाई…
मुजफ्फरपुर बिहार मे शराब का सबसे बड़ा करोबार मोतीपुर मे संचालन हो रहा है ध्यान रहे की मोतीपुर मे पूर्व एसपी रत्न संजय ने शराब का गोरख धँधा का पर्दाफाश किये थे जो बिहार के लिये इतिहास रचा,ध्यान रहे की मोतीपुर मे दर्जनों शराब के फैक्टरी पकड़ाया,वही कई इस्प्रिट के कटिंग का खुलासा हुआ।यहा पर बिहार के कोने कोने मे इसप्रीट से शराब निर्माण करवा कर जगरनाथ राय,भोला राय,देवानंद राय ने सफ्लाई शुरू किया और अकूत सम्पति अर्जित कर लिया,इसका कर्म कुंडली खंगालना शुरू जैसे ही श्री रत्न संजय ने किया उनका तबादला हो गया और सीबीआई मे दिल्ली चले गये,जब शराब बंदी हुआ तब जड़ से शराब के करोबार को खत्म करने को लेकर श्री संजय को स्पेशल आईजी का पद देते हुए कमान सौंपा गया है।मगर बिहार के शराब माफिया का
जड़ इतना मजबुत है की वो दर्जनों प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद हरियाणा से होली को लेकर सैकड़ो ट्रक शराब को अपने सहयोगियों के माध्यम से ठिकाने लगा रहे है।होम डिलेवरी तक जारी है।आर्थिक अपराध इकाई,पुलिस विभाग,उत्पाद विभाग मे कई पदाधिकारी को मोटी रकम देकर शराब का करोबार जारी है।भोला राय बिहार का किंग है जिसका शराब पुलिस अनेकों बार पकड़ी मगर आज तक भोला राय पकड़ मे नहीँ आया,शराब बंदी कॊ फेल कराने मे लगी थानों की पुलिस और उत्पाद विभाग के मेहरबानी से जेल गये बिना मामला स्लट जा रहा है,सम्पति जब्ती का मामला अधर मे है क्योंकि इन माफियाओं का सेटिंग ऊपर तक है जिससे इनको पकड़ना मुश्किल है वही जो इनके बारे मे सूचना देते है उनका नाम और नम्बर इन माफियों तक उपलब्ध हो जाता है जिससे उन सूचक का
जान खतरा मे पर जाता है।कितने कॊ ठिकाने लगा चुके है इन माफियाओं ने,हाल मे मोतीपुर थाना के निजी चालक प्रमोद राय की हत्या कर दिया मगर आज तक आज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस मामले कॊ ठंडे बस्ते मे रख दी है,प्रमोद ने इस्प्रिट माफिया कॊ पकड़ाया था उसके बाद उसका हत्या कर दिया गया,पूर्व दारोगा सफीर आलम ने इस मामले को ठीक से जाँच भी नहीँ किया,अगर इसका जाँच होता तो कई शराब माफिया फ़ंसते ये कई माह तक गाँव मे चर्चा था मगर पुलिस आज तक नाकाम है,इधर कई बार इन माफिया ने कई ईमानदार पत्रकार की हत्या का प्रयास किया, आज भी ये माफिया पूर्व से शराब का समाचार प्रकाशित करने पर एक
पत्रकार की हत्या हाल मे किए जाने को लेकर सुपारी तक दे दिया गया था मगर भगवान की दया से वो पत्रकार जिंदा है।आज खूलेआम महाना रोड से भोला राय और उसके पुत्र समेत अन्य उसके सहयोगी ट्रक के ट्रक शराब अपने ठिकानों पर माँगा कर होम डिलेवरी करवा रहे है।हाल मे हुये मोतीपुर पुलिस को कुचलने का प्रयास वाली घटना मे इन्ही माफिया का नाम चर्चा मे है। बताया जा
रहा है शराब का कंटेनर ही कुचलने का प्रयास किया।मोतिहारी के मेह्सी समेत अन्य जगह इन माफिया का शराब का ट्रक खाली हो रहा है,भोला राय,जगरनाथ राय देवानंद राय को कई सफेद पोस का शह प्राप्त है।जिला से लेकर राज्य तक इनका सेटिंग काफी तगड़ा है तभी तो भोला राय को कोई पकड़ने की हिम्मत नहीँ करता है,दर्जनों प्राथमिकी दर्ज होने पर भी भोला राय शराब के करोबार
बेहद पैमाने पर कर रहा है।शराब माफियाओं ने अपना-अपना इलाके बाट लिये है।बिहार का मोतीपुर मुजफ्फरपुर ऐसा इलाका है जहा पर बड़े-बड़े माफिया का गोरख-धंधा 2004 से अब-तक खुलासा हुआ जिससे केन्द्र और राज्य सरकार कॊ कई आवश्यक निर्णय लेना पड़ा और बड़ी-बड़ी करवाई कई आईपीएस और आईएएस ने किया मगर भोला राय और अन्य शराब माफिया ने अपने सेटिंग से
शराब बंदी को लगातार करोबार कर विफल कर दिया है।भोला राय के बारे मे जानकार कहते है की मोतिहारी,शिवहर,छपरा, गोपालगंज,बेतिया,मुजफ्फरपुर,समेत कई जिलों तक पकड़ है जहा इसका शराब का करोबार जारी है।भोला राय पर कड़ी करवाई होने से बिहार मे शराब के करोबार पर असर पड़ेगा। कई थानाध्यक्ष और डीएसपी कॊ भोला राय मोटी रकम देता है, उत्पाद विभाग मुजफ्फरपुर मे और पुलिस मे पकड़ के कारण भोला राय अपनी मर्जी अनुसार रिपोट तैयार करवा लेता है।मोतीपुर, बरूराज, कथैया,
काँटी,समेत अन्य जगह मे पूर्व थानाध्यक्ष,मुजफ्फरपुर के पूर्व के डीएसपी आज भी भोला राय के लिये सेटिंग करते है।पुरानी बजार मोतीपुर जहा से बेहद पैमाने पर शराब बरामद हुआ जहा जगरनाथ राय का शरणस्थली है मुजफ्फरपुर के गृह जिला वाले एक आईपीएस बिहार मे एसपी है जो इसके लिये कार्य करता है वो मुजफ्फरपुर मे एएसपी रह चुका है। वही शराब माफिया देवानंद के घर
जूनेदा में है मुजफ्फरपुर गृह क्षेत्र वाला एक जज जो बिहार के एक न्यायलय में है जो मोटी रकम पर सेटिंग करवा कर इन माफियाओं कॊ बीन हाज़िर के जमानत करवा देता है,लम्बा और तगड़ा पकड़ है,बड़ी जाँच होने पर कई सफेदपोस और कई अधिकारी,पदाधिकरी का पर्दाफाश होगा।अगर समय रहते भोला राय और जगरनाथ राय पर ठोस करवाई नहीँ हुए तो दो पत्रकार और कई सूचक समेत कई ईमानदार पुलिस वालो की हत्या तय है।और बिहार मे शराब पर अंकुश लगाना मुश्किल है।पूर्णतःशराब बंदी के लिए इन माफियाओं पर करवाई आवश्यक है।रक्त बीज की तरह इस करोबार मे इन माफियाओं के द्वारा गिरोह तैयार किया जा रहा है।अवैध हथियार कॊ लेकर इन माफियाओं को भी रहने की सूचना है।पुलिस के कर्मी के गैर जिम्मेवाराणा हरकत और रिश्वत लिये जाने से भोला राय और जगरनाथ राय बिहार का शराब करोबार मे किंग है।आपको बताते चले की पूर्व आईजी तिरहुत परिक्षेत्र के श्री गुप्तेश्वर पांडे ने सुचना इकठ्ठा कर शराब माफियाओ पर कड़ी कारवाई किया था और कई माफियाओ का कर्म कुंडली खंगाल दिया था
लेकिन श्री रत्न संजय,श्री पांडे के जाते ही इन लोगो बोलबाला कायम हो गया मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी बिनय कुमार,आनंद किशोर,संतोष कुमार मल,अनुपम कुमार ने भी कई कारगर कदम उठाये इन माफियाओ पर नकेल कसने की,सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार ठोस कारवाई पूर्व एसपी श्री रंजीत मिश्रा और राजेश कुमार ने शुरू किया था लेकिन भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारियों के कारण इनका कारोबार दिन दुगना रात चगुणा बढ़ता जा रहा है। आज के परिवेश में एक छोटा सा इलाका पुराणी बजार मोतीपुर से शुरू हुआ
ये धंधा बिहार के कोने-कोने में फ़ैल चूका है इसका उदाहरण सरोप्रथम मैनिजिंग के खेल से चल रहे यह धंधे को पर्दाफाश एक पत्रकार ने किया और वर्ष 2004 से लेकर वर्तमान वर्ष 2018 तक मोतीपुर से लेकर उत्पाद विभाग ने जगरनाथ राय और भोला पर प्राथमिकी दर्जनों की संख्या में दर्ज है वही नहीं जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर श्री धर्मेन्द्र सिंह ने मुखिया पद से शराब बंदी कानून को देखते हुए मुक्त करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है लेकिन मोटे पैसे की कमाई को देखते हुए इन कारोबारियों के अपना पर्यटन बदलते हुए नेटवर्क तैयार करके धंधा आज भी जारी किए हुए है।माफियाओ के इस खेल में कई का जिन्दगी बर्बाद हो गया और कई हत्याए तक हुए कितने का भविष्य गर्क में चला गया लेकिन भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारीयो ने इन थाने के तबादले के बाद भी और भ्रष्ट पुलिस उपाधीक्षको ने अपने मोटी कमाई को देखते हुए इनके धंधे में सेटिंग कर चार चाँद लगाते पाए गए…..खबर यह भी
आ रही है की सीआईडी विभाग के उच्च अधिकारी ने भी पूर्व में सरकार को रिपोर्ट दिया था की मोतीपुर शराब कारोबार का बड़ा और सुरक्षित क्षेत्र है लाखो लाख के खेल में थाने का कई दलाल कई शराब माफिया पुलिस पदाधिकारी से लेकर कई आईपीएस/आईएएस/राजनेता और कई जज तक भी सेटिंग करने में लगे रहते है सूत्र कहता है की दो पत्रकार समेत कई लोगो का हत्या होना तय है क्योंकि इन माफियाओ ने कई बार पत्रकार पर हमला भी किया है…।वर्ष 2004 की बात है की भोला राय एक ऐसा माफिया है जिसे मोतीपुर थाना से 32 ड्राम कच्चा स्प्रीट खरीद लिया था जिसमे मोतीपुर थानाध्यक्ष श्री आरपी गुप्ता को डीआईजी गुप्तेश्वर पांडे ने निलंबित कर दिया व पूर्व एसपी श्री अमित लोढ़ा ने भोला राय को 32 ड्राम स्प्रीट खरीदने के केस में जेल भेज दिया था। इन
मामलो में अगर समय रहते बिहार के उच्च अधिकारी एवं बिहार सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया तो रक्त रंजीत होली होने का असार है और सरकार का शराबबंदी अभियान इन माफियाओ पर कारवाई के बिना असम्भव है।गौर करे की श्री गुप्ता बाद में डीआईजी बच्चू सिंह मीणा ने बर्खास्त कर दिया उक्त थानाध्यक्ष ने खबर प्रकाशित करने को लेकर एक पत्रकार को पिटा भी था बाद में भिजलेंस ने रिश्वत लेते श्री गुप्ता को रंगे हाथ दबोचा था।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर