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बिहार के भागलपुर में नकली बासमती चावल और चूड़ा बनाने का अवैध कारोबार का खुलासा…

बिहार के भागलपुर में नकली बासमती चावल और चूड़ा बनाने का अवैध कारोबार का खुलासा हुआ।यहां के जगदीशपुर और रजौन ब्लॉक के मिलों में 30 रुपए किलो बिकनेवाले सिंपल चावल में महज डेढ़ रु० का पाउडर मिलाकर उसे 100 रु. किलो बेचा जारहा है।पश्चिम बंगाल,दिल्ली,पटना और रांची के बिजनेसमैन यहां से चावल लेकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,गुजरात समेत पूरे देश में सप्लाई कर रहे हैं।आपको जानकार हैरानी होगी की बिहार में मिलावट के बाद सिंपल चावल को कतरनी और बासमती के नाम पर बेचा जा रहा है।ईस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स भागलपुर के अनुसार यहां से हर माह 3000 क्विं बासमती और 5000 क्विं कतरनी चावल एक्सपोर्ट हो रहा है,जबकि बासमती धान की उपज यहां होती ही नहीं और कतरनी का रकबा बेहद कम है।हर साल 70 करोड़ की काली कमाई इस बिजनेस से जुड़े लोग कर
रहे हैं।बासमती के लंबे दाने के लिए लंबे दानेवाले सामान्य चावल वाले धान जैसे सीता सार,सौरभ सीता और डंकल की किस्में ली जाती हैं।अगर कतरनी चावल बनाना है तो उससे मिलता-जुलता छोटे दानेवाला सोभान और सोनम धान लिया जाता है।ये सभी चावल 26 से 30 रुपए प्रतिकिलो बाजार में बिकते हैं।धान को पानी की टंकियों में गुनगुने पानी में भिगोया जाता है।इन्हीं टंकियों में सुगंधित पाउडर को मिला दिया जाता है।गीले धान को निकाल बॉयलर में डाला जाता है।इससे तैयार चावल पूरी तरह बासमती जैसी
पाउडर बनाने वाली कंपनी के मालिक बोले-हम तो नुस्खे बेचते हैं, आप जो चावल चाहो बना लो
  • सवाल-क्या सभी चावल से बासमती और कतरनी बना सकते हैं ? खर्च कितना आता है ?
    जवाब-चावल की ग्रेडिंग होती है।बस साइज मिलना चाहिए,फिर आप जो चाहो बना लो।1500 रु० कीमत के एककिलो पाउडर से 1000 किलो सुगंधित चावल तैयार हो जाता है।
  • सवाल-सुगंधित चावल तैयार करने में कौन-सा पाउडर काम आएगा ?
    जवाब-हम तो 400 से 500 तरह की खुशबू वाले पाउडर बनाते हैं।आपको जो पाउडर चाहिए,ले लो।
  • सवाल-पाउडर का इस्तेमाल किसी और अनाज में भी कर सकते हैं ?
    जवाब-हम तो सिर्फ फ्लेवर देते हैं,नुस्खा बेचते हैं।पाउडर मिठाई, फास्ट फूड, सॉस, चॉकलेट में भी ये मिलाया जाता है।पैकिंग करने वाले को नियमानुसार,पैकेट पर एडेड फ्लेवर लिखना चाहिए,मगर ये आप लिखेंगे नहीं।वैसे ये गड़बड़ी पकड़ में भी नहीं आती है।
  • (एक रिपोटर द्वारा जगन इंडस्ट्रीज, दिल्ली के मालिक ईश्वर शर्मा से हुई फोन पर बातचीत)
खुशबू देता है।डंकल,सौरभ सीता और सीता सार धान की कीमत 26-30 रुपए किलो तक है।इसमें खुशबूदार पाउडर मिलाकर मिल मालिक इसे बासमती बना रहे हैं।इस तरीके से बनने वाला नकली बासमती बाजार में 70-100 रुपए प्रति किलो की दर से खपाया जा रहा है।इसी तरह 30 रुपए प्रति किलो की दर से उपलबध सोभान और सोनम धान को कतरनी में तब्दील कर 70-100 रुपए किलो बेचा जा रहा है।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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