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नालंदा जिले में सात निश्चय योजना,शौचालय और इंदिरा आवास पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा

आवास, फर्जीवाड़ा, भ्रष्टाचार, शौचालय,सात निश्चय योजना

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kewalsachlive.in । 10 MAR 2018, 15:00 PM

इस्लामपुर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी संवेदको को क्यों माँ बहन एक किए हुए है हुजुर…

बिहार में तीन हजार करोड़ से अधिक इस योजना पर खर्च हो चुका है पर इसका कोई हिसाब नहीं है कि कितने आवासीय यूनिटें बनीं।इसके लिए अब केंद्र ने चार्टर एकाउंटेंट से लेखा-जोखा कराने को कहा है।इस पर दस करोड़ रुपये खर्च आएंगे।जानकारों का कहना है कि इंदिरा आवास योजना में भारी गड़बड़ी तभी से शुरू हो गयी थी,जब से यह लागू हुई।

यह ब्योरा बिहार में बाल विवाह का नहीं है।यह भ्रष्टाचार की यह दास्तां है।गरीबों को मिलने वाली इंदिरा आवास,शौचालय पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा योजना की सच्चाई की एक झलक है यह।ऐसे एक-दो नहीं,अनेक उदाहरण मिल जाएंगे।नालंदा जिले के करायपरसुराय प्रखंड में सात निश्चय योजना और शौचालय और इंदिरा आवास पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा और प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रेम राज भ्रष्टाचार में उनका प्रेम ज्यादा है और दलालों के बीच ज्यादा रहते हैं बहुत सारी योजना जनता के बीच नहीं पहुंच पा रही है,इसका कारण है कि प्रेम राज बिचौलियों से मिलकर ठेकेदारी का काम करवाते हैं।प्रखण्ड में इन्दिरा आवास एवं प्रधानमंत्री आवास के नाम पर हजारो रुपये की वसूली की जाती है राशि के बगैर काम नहीं होता है।इंदिरा आवास योजना के लाभुकों के नाम फर्जीवाड़े का खेल खूब खेला गया।

भ्रष्ट अधिकारियों और बिचौलियों के द्वारा।जानकारों का कहना है कि ऐसा फर्जीवाड़ा एक जिले के एक ब्लॉक में किया गया है।सभी 38 जिलों में न जाने ऐसे कितने कारनामें दबे होंगे।एसएसी-एचटी के लोगों को इस योजना के तहत घर के लिए पैसा दिया जाता है।बिहार में तीन हजार करोड़ से अधिक इस योजना पर खर्च हो चुका है पर इसका कोई हिसाब नहीं है कि कितने आवासीय यूनिटें बनीं।इसके लिए अब केंद्र ने चार्टर एकाउंटेंट से लेखा-जोखा कराने को कहा है।

इस पर दस करोड़ रुपये खर्च आएंगे।जानकारों का कहना है कि इंदिरा आवास योजना में भारी गड़बड़ी तभी से शुरू हो गयी थी,जब से यह लागू हुई।योजना के पैसे में से कमीशन की राशि बंधी हुई है।राज्य में करीब डेढ़ सौ ब्लॉक डेवल्पमेंट अफसर इस योजना में गड़बड़ी के आरोपी है।कई अधिकारियों पर पहले ही प्राथमिकी व विभागीय कार्यवाही तक की गयी।पर भ्रष्टाचार है कि थमने-रुकने का नाम नहीं ले रहा है।इंदिरा आवास आवंटित किया था।

लेकिन लाभार्थियों ने आवास निर्माण नहीं कराया और धन का गबन कर लिया।पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं प्रखंड विकास पदाधिकारी और पूरी तरह ब्लॉक भगवान भरोसे चल रहा है वरीय अधिकारी को इसपर ध्यान देने की जरुरत है ताकि गरीबो का हक़ बीडीओ व उसके दलाल न निगल जाए…

रिपोर्ट-सोनू कुमार 

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