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ट्रक चालकों का यहां से बचना मुश्किल महीने का तीन हजार लेते हैं इंट्री फी…

कोई भी जांच अधिकारी अगर किशनगंज में कोई भी ट्रक को पकडे और ट्रक चालक से पूछे की किसका है तो उस वक्त ट्रक चालक वही कोड बताता है जो इंट्री माफिया द्वारा ट्रक चालक को रुपए लेकर दिया जाता है इसमें दोमत नहीं है की परिवहन विभाग को इंट्री माफिया को संरक्षक प्राप्त नहीं है। 

कब बंद होगा खनन का खेल, दिन दहारे मिल रही है अधिकारियो को धमकी…

किशनगंज ऍनएच-31 से गुजरने वाले ट्रक चालकों से जिले में प्रवेश के लिए अवैध रूप से एंट्री फी वसूल की जाती है।यह इंट्री फी परिवहन या खनन विभाग नहीं,एंट्री माफिया वसूलते हैं।जिले में ऍनएच-31 से तीन किलोमीटर तक गुजरने वाली सभी ट्रक चालकों को ये इंट्री फी देनी पड़ती है।जिले में प्रवेश के लिए इस तरह अवैध रूप से वसूले जा रहे इंट्री फी से परिवहन व खनन विभाग को करोड़ों रुपये राजस्व की हानि हो रही है।ये इंट्री फी विभाग के पास नहीं संबंधित अधिकारियों की जेब में पहुंचती है।इस कारण पूरे देश के चालक NH-31 के इस तीन किलोमीटर के रास्ते को चंबल घाटी के नाम से पूकारते हैं।पूरे देश में ट्रक चालक ओवरलोडिंग लेकर बच निकलते हैं,लेकिन किशनगंज को पार करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।इन दिनों बिहार-बंगाल के खनन माफिया किशनगंज में तीन से चार हजार रुपया लेकर बंगाल के चोपड़ा के बालू,गिट्टी, बेडमिशाली का ओवरलोडिंग वाहन जिला सहित बिहार के कोने-कोने तक प्रवेश करवा रहे हैं।वहीं,दूसरी तरफ परिवहन विभाग व खनन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अधिकारी-दलाल गठजोड़ के कारण राज्य को प्रति वर्ष करोड़ों रुपयों का चूना लग रहा है।जब इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने रात में NH-31 सड़क पर बालू ओवरलोडिंग वाहनों के चालकों से बात की कि किस तरह वह अपने वाहनों को इस रूट पर बिना रोक टोक पास कर लेते हैं।पहले तो उन्होंने कुछ कहने से इंकार किया।बाद में नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि बिहार-बंगाल सीमा पर एक चौहान लाइन होटल में रूके थे जहां छोटू व नूर एंट्री माफिया ने मुझसे कहा कि इंट्री का तीन हजार रुपया दे दो तो तुम्हें बिहार में कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी और तीन हजार रुपये महीने का लेकर मुझे एक कोड नेम बता दिया है।इस वजह से मेरी वाहन को कोई भी नहीं रोकती है।इस रुट पर एंट्री माफिया का अपना राज व अपना सिक्का चलता है। जैसे अलग-अलग कोड नेम नेताजी,सिंहजी,मिश्रा जी,बाबा, वकील साहब,प्रधान जी,भाईजी टी.के और भी कई कोड हैं,जिनके सहारे चलता है इंट्री का गोरखधंधा।गाहे बगाहे पुलिस प्रशासन व खनन विभाग एक्के दुक्के वाहन पकड़कर खानापूर्ति करते हैं,जबकि नए खनन निती के मुताबिक,दूसरे राज्य से ढोलाई कर बालू, गिट्टी व मिट्टी पर पांच प्रतिशत ई-चलान के माध्यम से कर जमा करना पड़ता है,जिससे राज्य सरकार को राजस्व की प्रप्ति होती है।इंट्री माफियायों के गठजोड़ से विभागीय अधिकारी से मिलीभगत कर प्रतिदिन लाखों के राजस्व का चूना लगा रहा है।समय रहते एंट्री माफियायों पर नकेल नहीं कसा गया,तो बिहार सरकार को अरबों रुपये का चूना लगाता रहेगा।गौरतलब है कि सिमांचल के किशनगंज से होकर गुजरने वाला यह ऍनएच-31 सड़क देश के सात राज्य को जोड़ता है,जिसमें बंगाल के सिल्लीगुड़ी और उत्तर पूर्व के राज्य असम,नागालैंड, मेघालय,त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश से होकर बांग्लादेश एवं म्यांमार की सीमा से गुजरता है।इसी ऍनएच-31 सड़क से असम का कोयला,सीमेंट,चावल,गेहूं,दलहन,खाद्य तेल,सुपारी,चीनी,चायपत्ती,सिल्लीगुड़ी व चोपड़ा से बेडमिसाली गिट्टी व बालू और तस्करी के लिए पशुओं आदि की ढुलाई ट्रकों द्वारा होती है।इसका फायदा एंट्री माफिया अवैध वसूली कर उठा रहे हैं।वहीं,दूसरी ओर दिखावा के लिए एंट्री माफिया बिहार-बंगाल सीमा के फरिंगघोड़ा,घोरधप्पा,बालुचूका,शांतीनगर, पांजीपाड़ा सहित कई जगह एनएच के किनारे कुकुरमुत्तों की तरह लाईन होटल खोल रखा है।यहां पर दिन भर ओवरलोडिंग ट्रक खड़ी कर रखा जाता है।रात होते ही वाहनों को किशनगंज पार करवा दिया जाता है।जिला परिवहन पदाधिकारी मुकेश कुमार शहनी ने बताया कि परिवहन विभाग लगातार इस मामले में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करता है।सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार जब रोड पर डीटीओ,एमभीआई या आरटीओ रहता है तब ओवरलोड ट्रक नहीं चलता यानी की सेटिंग रहता की जब रोड पर उक्त तीनो अधिकारी रहे तभी ट्रक को रोक दो और जैसे ही रोड से हटे तो तुरंत पार कर दो इसमें खुद अधिकारी के ही प्राइवेट कर्मी द्वारा इंट्री माफिया को लाइन दिया जाता है जिसके एवज में प्राइवेट कर्मी को मोटी रकम दी जाती है…अगर प्राइवेट कर्मी का मोबाइल जांच किया जाए तो सारा राज सामने आ जाएगा ऐसा कहना कुछ जानकार व सूत्र का है।गौर करे की कोई भी जांच अधिकारी अगर किशनगंज में कोई भी ट्रक को पकडे और ट्रक चालक से पूछे की किसका है तो उस वक्त ट्रक चालक वही कोड बताता है जो इंट्री माफिया द्वारा ट्रक चालक को रुपए लेकर दिया जाता है इसमें दोमत नहीं है की परिवहन विभाग को इंट्री माफिया को संरक्षक प्राप्त नहीं है। 

रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह 

 

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