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इस आईपीएस अफसर से डरते है अपराधी,लालू से लेकर आसाराम तक को भेजा चुके है जेल…

देश की बागडोर असल मायने में अफसरों के हाथ में होती है।यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तो कानून-व्यवस्था चाकचौबंद रहती है।जिस तरह से भ्रष्टाचार का दीमक नौकरशाही को खोखला किए जा रहा है,लोगों का उससे विश्वास उठता जा रहा है।लेकिन कुछ ऐसे भी IAS और IPS अफसर हैं, जो अपनी साख बचाए हुए हैं।उन्ही में से एक है आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना,एक एेसा नाम है जो राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के लिए नया और अनजाना नाम नहीं है।लालू पर लगे चारा घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोप की जांच में अहम भूमिका निभाने वाले इस सीबीआइ अॉफिसर के हाथों एक बार फिर लालू और उनके परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार के खुलासे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। देश की 

बहुचर्चित चारा घोटाले की जांच की जिम्मेदारी इस अाइपीएस अॉफिसर को दी गई थी,जिसके बाद उन्होंने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 1996 में चार्जशीट दायर की थी।उसके बाद 1997 में लालू प्रसाद यादव को भ्रष्टाचार के आरोप में पहली बार गिरफ्तार किया गया था और बिहार में सियासी तूफान मचा था,उस समय लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे।1997 को उन्होंने चारा घोटाले में लालू से 6 घंटे तक पूछताछ की थी और तब लालू से पूछताछ के बाद अस्थाना की इमानदारी और कार्यशैली को लोगों ने जाना था।वर्तमान समय में अस्थाना को सीबीआई का एडिशनल डायरेक्टर बनाया गया है।और इस पद पर रहते हुए उन्हें लालू यादव के 

रेलमंत्री रहते हुए रेलवे के होटल के आवंटन में हुए फर्जीवाड़े की जांच की जिम्मेदारी दी गई है और इस मामले में लालू यादव का सामना फिर से राकेश अस्थाना से हुआ है।राकेश के बारे में खास बात ये कि धनबाद में खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के महानिदेशक को उन्होंने घूस लेते पकड़ा था।कहा जाता है कि उस समय तक पूरे देश में अपने तरीके का ये पहला ऐसा मामला था,जब महानिदेशक स्तर के अधिकारी CBI की गिरफ्त में आए थे।अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को हुए बम ब्लास्ट की जांच का जिम्मा भी राकेश अस्थाना को ही दिया गया था।जांच की जिम्मेदारी मिलने के बाद सिर्फ 22 दिनों में ही उन्होंने केस सॉल्व कर दिया था।इसके अलावा आसाराम बापू और उसके बेटे नारायण सांईं के मामले में भी अस्थाना ने जांच की थी।राकेश अस्थाना का बिहार से पुराना नाता रहा है।उन्होंने 1975 में नेतरहाट स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी।इसके बाद उन्होंने रांची व आगरा में उच्च शिक्षा ग्रहण किया।उनके पिता एचआर अस्थाना नेतरहाट स्कूल में भौतिकी के शिक्षक थे।वर्ष 1984 में यूपीएससी की परीक्षा में पहले ही प्रयास में राकेश अस्थाना का चयन गुजरात कैडर के आईपीएस के रूप में हुआ था।राकेश के बारे में कहा जाता है कि वे बहुत कड़े अफसर हैं।बदमाशों से पूछताछ के दौरान वे उनकी पिटाई करते थे।ये भी कहा जाता था कि वे कई बार पूछताछ के दौरान राज उगलवाने के लिए आरोपियों के पैंट में चूहा छोड़ देते थे।इसके अलावा राज उगलवाने का अस्थाना का एक तरीका ये भी था कि आरोपी को खूब मिर्च वाला खाना देते थे,लेकिन इसके बाद वे पानी नहीं देते थे।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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